33KV Substation संगड़ाह का निर्माण कार्य पौने 2 साल से लंबित

लाइन बिछाने का काम भी 3 माह से बंद, निर्माण अवधि समाप्त

निर्माण सामग्री न मिलने से लटकी 5 करोड़ की परियोजना

जिला सिरमौर के उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में पहली अप्रैल 2017 को शिलान्यास होने के पौने दो साल बाद भी 33 केवी विद्युत सब-स्टेशन का वास्तविक निर्माण कार्य शुरू नही हो सका। 1st April को उक्त विद्युत उपकेंद्र के शिलान्यास समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पंहुचें नेता जी ने उस दौरान दिसंबर, 2017 तक काम पूरा करने की घोषणा करते हुए कहा था कि, उनकी सरकार अप्रैल फूल नहीं बनाती। उक्त कांग्रेस नेता का वादा पूरा न होने से हालांकि क्षेत्रवासी April Fool बन चुके हैं, मगर इसमें विद्युत विभाग तथा हिमाचल की नई सरकार की भी बराबरी की भागीदारी रही है। गत 19, नवंबर को SVM, सारा तथा स्थानीय व्यापार मंडल आदि संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा मिनी सचिवालय भवन संगड़ाह के उद्घाटन के दौरान इस बारे मुख्यमंत्री को शिकायत पत्र भी सौंपा जा चुका है। उक्त संगठनों द्वारा अप्रैल 2017 से सबस्टेशन का निर्माण कार्य शुरू न होने के मामला में कईं बार संबंधित अधिकारियों के समक्ष भी उठाया जा चुका है। गत 2, दिसंबर को जनमंच में खाद्य आपूर्ति मंत्री किशन कपूर की मौजूदगी में विभाग के अधिशासी अभियंता नाहन द्वारा जल्द संगड़ाह Substation का निर्माण कार्य पूरा करवाने का दावा किया जा चुका है।

 विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता ने शिकायत के बाद जवाबी पत्र में कहा कि, आगामी 31, मार्च तक उक्त परियोजना को चालू किया जाएगा। उक्त पत्र की प्रति संगड़ाह विकास मंच के संयोजक को भी भेजी गई, हालांकि विभाग के सूत्रों के अनुसार 31, मार्च को भी सबस्टेशन तैयार नहीं होने वाला। पिछले करीब तीन माह से ददाहू से संगड़ाह तक नई 33 केवी लाइन बिछाने का काम भी पिपलीघाट गांव के समीप बंद है। सबस्टेशन तक बिछाई जाने वाली 15 Kilometer 33केवी Line सहित सभी कार्य पेंडिंग है। विभाग के अनुसार कुछ निर्माण सामग्री की कमी के चलते काम रूका है तथा जल्द विद्युत उपकेंद्र का निर्माण कार्य शुरू करवाया जाएगा।

  विद्युत सब स्टेशन के शिलान्यास समारोह मे मौजूद नेताओं व अधिकारियों द्वारा उस दौरान छह माह के भीतर उक्त निर्माण कार्य पूरा करवाए जाने के दावे किए गए थे। विडंबना यह है कि, उक्त तय अवधि मे सबस्टेशन तैयार होना तो दूर, अब तक इसका वास्तविक निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो सका। विभाग के अनुसार सब-स्टेशन की marking कर ठेकेदार को आगामी 31 मार्च तक इसे चालू करने के निर्देश दिए गए हैं तथा कुछ निर्माण सामग्री उपलब्ध होना शेष है। पांच करोड़ सात लाख की इस परियोजना के तहत 3 करोड़ 9 लाख से जहां 3.15 एमवीए का Transformer अथवा सबस्टेशन लगाया जाना है, वहीं 173 लाख की लागत से 15 किलोमीटर 33 केवी लाइन तथा 25 लाख की लागत से पांच किलोमीटर 11 केवी लाइन बिछाई जानी है। Dadahu के अलावा चाढ़ना सबस्टेशन से भी Sangrah तक लाइन बिछाई जानी है, जिसके लिए विभाग द्वारा अब तक सर्वेक्षण भी नहीं किया गया है। विगत डेढ़ दशक से इलाके में आए दिन अघोषित पावर कट लगने तथा क्षेत्र में विद्युत कर्मियों के करीब आधे पद खाली होने के चलते पिछले दो विधानसभा चुनाव में यहां विद्युत सब स्टेशन व (SDO) सहायक अभियंता कार्यालय खोलने की लंबित मांगे मुख्य मुद्दा रही है। 

वर्तमान में विकास खंड संगड़ाह की 41 पंचायतों को चाढ़ना, ददाहू व पनोग से विद्युत आपूर्ति मुहईया करवाई जा रही है तथा तीनों सबस्टेशन 25 से 50 किलोमीटर दूर होने के चलते यहां बिजली की समस्या बरकरार है। बिजली न होने पर संगड़ाह मे मौजूद उपमंडल स्तर के विभिन्न कार्यालयों मे सरकारी काम-काज भी बाधित रहता है। इस बारे मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप चुके स्थानीय व्यापार मंडल पदाधिकारियों, क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों तथा एसवीएम व सारा आदि संगठनों ने प्रदेश सरकार व प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। उक्त संगठनों ने ठेकेदार के खिलाफ निर्माण कार्य लंबित रखने के लिए कार्यवाही न करने के लिए विभाग के प्रति रोष जताया। भाजपा रेणुकाजी मंडल अध्यक्ष प्रताप तोमर ने कहा कि, सबस्टेशन का निर्माण कार्य जल्द पूरा किए जाने को लेकर Electricity Department के संबंधित अधिकारियों से बात की जा चुकी है। विभाग के कनिष्ठ अभियंता संगड़ाह ने बताया कि, पिछले कुछ अरसे से पिपलीघाट गांव के समीप 33केवी लाइन का काम रूका है तथा ठेकेदार सबस्टेशन का कार्य जल्द शुरू करने की बात कह रहे हैं। विभाग के अधीक्षण अभियंता नाहन एमके उप्रेती के अनुसार संगड़ाह में सब-स्टेशन के निर्माण स्थल की मार्किंग की जा चुकी है तथा कुछ निर्माण सामग्री की कमी के चलते काम रूका है। उन्होंनेे कहा कि, 33 केवी सबस्टेशन संगड़ाह को 31, मार्च 2019 तक चालू करने के निर्देश ठेकेदार को दिए गए हैं। इस परियोजना से संगड़ाह व आसपास की 22000 के करीब आबादी लाभान्वित होगी।

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