सिरमौरी साहित्यकार दलीप वशिष्ट को मिला राष्ट्रीय सम्मान

अंतरा शब्द शक्ति पुरस्कार से नवाजे गए भारत के 50 साहित्यकार

 काव्य संग्रह "कृपण दशा" के लिए सम्मानित किए गए दलीप 

World Book fair Delhi में सजे दलीप के तीन काव्य संग्रह
 नई दिल्ली। हिमाचल के जिला सिरमौर से संबंध रखने वाले साहित्यकार दलीप वशिष्ठ को उनके काव्य संग्रह "कृपण दशा" के लिए अतंरा शब्द शक्ति राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार से सम्मानित किया। World Book Fair Delhi के शुभारंभ समारोह में ख्यातिप्राप्त साहित्यकार एवं स्तम्भकार वेद प्रकाश वैदिक द्वारा बतौर मुख्य अतिथि उन्हें उक्त Award से नवाजा गया। प्रगति मैदान में आयोजित उक्त समारोह में अंतरा शब्द शक्ति तथा मातृभाषा उन्नयन संस्थान के पदाधिकारी डॉ प्रीति सुराना तथा अर्पण जैन की मौजूदगी में उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया। 5 से 14 जनवरी तक चलने वाले विश्व पुस्तक मेले में हाल ही में प्रकाशित वशिष्ट के तीन काव्य संग्रह भी प्रदर्शन के लिए रखें गए हैं। इनमें कृपण दशा के अलावा उनके अनंत प्रेम की वैदिक प्रार्थनाए तथा मेरा कर्म यहां लोकजीवन नामक काव्य संग्रह भी शामिल है। 
कृपण दशा नामक कविता में दलीप ने मजदूर अथवा श्रमिक जमात की मुश्किलों तथा जीवन संघर्ष का जिक्र काफी संवेदनशील ढंग से किया है। साहित्य शास्त्र सिद्धांत के आधार पर रचित उक्त काव्य संग्रह में "हलधर" नामक कविता भी शामिल है। हलधर में किसानों की फसल उजड़ने व प्राकृतिक आपदा आने पर अन्नदाता की मनोदशा का जिक्र किया गया है। हलधर में किसानों की आत्महत्या के कारणों का उल्लेख भी किया गया है तथा देश की अर्थव्यवस्था के किसानों पर असर की और भी इशारा किया गया है। 


 उपमंडल संगड़ाह के गांव घाटों के रहने वाले दलीप वशिष्ठ की हिंदी के अलावा सिरमौरी अथवा पहाड़ी बोली में भी कईं रचनाएं हैं। इनमें से रूषणा बातों बातों दा, धारो पांदे कुण झूरी गाओं, बेठा रोंऊ यादों दा व छेड़ू रा न खेलो आदि को बतौर सिरमौरी लोक गीत काफी शौहरत मिली है। पेशे से शिक्षक दलीप की कामयाबी अथवा उन्हें National Award मिलने से क्षेत्रवासी तथा उनके प्रशंसक काफी उत्साहित है। 
विश्व पुस्तक मेले में हिंदी, English, उर्दू व संस्कृत Language में लिखी गई दुनिया भर के सैंकड़ों लेखकों अथवा साहित्यकारों की रचनाओं को शामिल किया गया है। दलीप सिरमौर के अकेले साहित्यकार अथवा कवि है, जिनकी तीन पुस्तकों को World book fair New Delhi में जगह मिली है। जिला के अन्य साहित्यकारों की गत वर्ष कोई खास पुस्तक प्रकाशित न होना इसका कारण बताया जा रहा है। इस मेले में भारत के करीब 800 प्रकाशकों तथा 40 विदेशी Publishers के कुल 1500 के करीब Book Stall लगे हैं।

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