प्रयागराज महाकुंभ में रजत पालकी में निकली पेशवाई
सतयुगी तीर्थ कहलाने वाले रेणुकाजी में मौजूद गायत्री मंदिर के संचालक श्रीमहंत दयानंद भारती को प्रयागराज के महाकुंभ में महामंडलेश्वर व अंतरराष्ट्रीय संत की उपाधि से विभूषित किया गया। यह उपाधि उन्हें जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर आचार्य अवधेशानंद गिरि ने हजारो संतों की उपस्थिति में प्रदान की। महामंडलेश्वर बनाए जाने से पहले दयानंद भारती का पूजा अभिषेक के साथ साथ बट अभिषेक भी किया गया। गद्दी पूजन होने के पश्चात महा मंडलेश्वर दयानंद भारती को चांदी की पालकी में बिठाया गया तथा पूरे कुंभ क्षेत्र में उनकी पेशवाई निकाली गई। 10, फरवरी, 2019 को बसंत पंचमी के शाही स्नान में उनका हजारों संतों की उपस्थिति में महा स्नान करवाया जाएगा।हिमाचल प्रांत के श्रीमहंत दयानंद भारती प्रदेश के पहले संन्यासी है, जिन्हें उक्त उपाधि अथवा सम्मान से अलंकृत किया गया। गया महामंडलेश्वर दयानंद भारती को हिमाचल का पहला महामंडलेश्वर बनने का सौभाग्य मिला है। इससे पहले कोई भी संत हिमाचल से महामंडलेश्वर नहीं बनाया गया है। श्री भारती को संत समाज ने सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि दे दी है, जो जिला सिरमौर के साथ साथ हिमाचल के लिए भी गौरव की बात है। 70 वर्षीय महामंडलेश्वर भारती जिला सिरमौर के विकास खंड संगड़ाह के गांव कोटी-धीमान (माइला) के रहने वाले हैं।
उनका बचपन से ही अध्यात्म की ओर रुझान हो गया था, जिसके चलते वह 36वर्ष पूर्व दग्योंन के संत 1008 प्यारा नंद ब्रह्मचारी जी के शिष्य बन गए थे। कईं वर्षों तक उन्होंने नंगे पैर व अल्प वस्त्र में तपस्या की। वह पिछले 36 वर्षों से गायत्री मंदिर में ही बहुत बड़ा आश्रम बनाकर निवास कर रहे हैं। इसके अलावा दयानंद भारती ने बद्रीनाथ, हरिद्वार हमीरपुर व अंबाला सहित कई अन्य आश्रम बनाएं हैं। वह हाल ही में क्रमशः 51-51 हजार रुपए की राशि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष में दे चुके हैं। भारती हर वर्ष ऋषि पंचमी पर समाज में श्रेष्ठ कार्य करने वाले लोगों को गायत्री पुरस्कार से सम्मानित करते हैं।
जिला सिरमौर को नटनी के श्राप से मुक्त करने के लिए उन्होंने एक महायज्ञ भी सिरमोरी ताल में किया था, जिसके बाद उन्हें राजगुरु उपाधि भी दी गई थी। महामंडलेश्वर भारती के उत्तरी भारत में हजारों शिष्य है। वह अनपढ़ होते हुए भी श्रीमद्भागवत महापुराण व देवी भागवत इत्यादि परायण करते हैं। अब तक वह दर्जनों पुस्तकें लिख चुके हैं। महामंडलेश्वर दयानंद भारती ने स्थानीय वरिष्ठ पत्रकार दीपक जोशी से हुई बातचीत में कहा कि, वह जल्द ही Renukaji तीर्थ पहुंचकर जन कल्याण हेतु एक बड़ा अनुष्ठान करेंगे। उन्होंने कहा की, उनका महामंडलेश्वर बनाना हिमाचल व Sirmaur जनपद के लिए बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि पहले मंडलेश्वर बनाया जाता है तथा उसके बाद Mahamandleshwar बनाया जाता है। उन्हें सीधे ही महामंडलेश्वर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि, वह भविष्य में भी जन कल्याण व क्षेत्र हित के लिए समर्पित रहेंगे।
(श्रीरेणुकजी से दीपक जोशी की रिपोर्ट)
Comments
Post a Comment