कल्याणकारी सरकार को अपनी करोड़ों की Buildings व हजारों लोगों को आगजनी से बचाने की चिंता नही
Fire station अथवा चौंकी न होने से गर्मियों में लोग खुद ही उठाते हैं आग बुझाने का जोखिम
Forest Department ने भी 1 मात्र Fire watcher के आसरे छोड़े सैंकड़ों Hectare जंगल
(File Photos)
सिरमौर जिला के नागरिक उपमंडल संगड़ाह में Fire Station अथवा सरकारी स्तर पर आग बुझाने की व्यवस्था न होने के चलते लोग हर साल गर्मियां शुरू होते ही भगवान से आगजनी से बचाव की प्रार्थना करते हैं। क्षेत्रवासियों द्वारा बार-बार मांग किए जाने के बावजूद हिमाचल की कल्याणकारी सरकार की इस मामले में बेरुखी बरकरार है। इलाके में आज तक एक बार भी जिला मुख्यालय नाहन से आग लगने पर दमकल वाहन अथवा कोई Fire Department employee नहीं पहुंचा।
भारत की आजादी के 7 दशक बाद भी इस इलाके में Fire Season के दौरान लोगों की आग से रक्षा भगवान कर रहे हैं, Government नहीं। Government of Himachal Pradesh को क्षेत्रवासियों के घर-बार की चिंता होना तो दूर, संगड़ाह कस्बे में करीब 14 करोड़ की लागत से बने Degree College भवन, सात करोड़ के Mini Secretariat, पौने छह करोड़ के अस्पताल व करीब दो करोड़ के आदर्श विद्यालय परिसर जैसी सरकारी संपत्तियों तथा इन भवनों में मौजूद लोगों को भी आग से बचाने की चिंता नहीं है। मौजूदा दौर में एक और जहां देश के कुछ हिस्सों में Helicopter से जंगलों में आग बुझाने की नई technology इस्तेमाल की जा रही है, वहीं संगड़ाह जैसे दुर्गम इलाकों में कल्याणकारी सरकार ग्रामीणों के घर पूरी तरह जल जाने के बाद थोड़ी बहुत राहत राशि जारी करती है।
विकास खंड संगड़ाह की 41 पंचायतों की करीब 80,000 की आबादी आग लगने की सूरत में या तो भगवान पर भरोसा करती है या फिर ग्रामीण अपने स्तर पर जान जोखिम में डालकर आग बुझाने की कोशिश करते हैं। इलाके में अब तक हुई आगजनी की अधिकतर घटनाओं में मकान व दुकानें आदि पूरी तरह जल जाने पर ही आग बुझी है। संगड़ाह में मौजूद Subdivision level के विभिन्न सरकारी Offices अथवा संस्थान भी आग से सुरक्षित नहीं है।
संगड़ाह विकास मंच, सारा व व्यापार मंडल आदि स्थानीय संगठनों तथा क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों के अनुसार कईं बार इलाके के नेताओं, विधायकों अथवा जनप्रतिनिधियों से यहां फायर स्टेशन अथवा Fire 🔥 चौकी खोले जाने की मांग की गई है, मगर उपमंडल मुख्यालय होने के बावजूद नेताओं व सरकार द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। इलाके में हालांकि मुख्यमंत्री अथवा अन्य VVIP के प्रवास के दौरान दमकल विभाग की गाड़ियां सड़क पर पानी छिड़कती देखी जा सकती है, मगर विडंबना यह है कि, Block की 41 पंचायतों की 80 हजार की आबादी की तरफ वीआईपी लोगों अथवा Government का ध्यान नहीं है।
हर साल क्षेत्र के चीड़, बान व देवदार के लाखों पेड़-पौधे आगजनी की चपेट में आते हैं, मगर वन संपदा को बचाने के बड़े-बड़े दावे करने वाले सरकारी संस्थानों तथा स्वंभू प्रर्यावरण प्रेमियों को इस बात की चिंता नहीं है। विभिन्न विकास कार्यों के लिए बेशक एक-आध पेड़ को व्यवस्था बड़ी legal अड़चन बना चुकी हों, मगर आगजनी की चपेट में आने वाली करोड़ों की Forest property को बचाने की न सरकार को चिंता है, न कानून को। वन परिक्षेत्र अधिकारी संगड़ाह के अनुसार पिछले साल क्षेत्र में Fire season के दौरान आग बुझाने के लिए एक Fire watcher की नियुक्ति की गई थी। उन्होंने कहा कि, इस बार विभाग द्वारा स्विकृत बजट के मुताबिक आगामी 15, अप्रैल तक जंगलों की आग बुझाने के लिए एक-दो फायर वाचर रखे जा सकते हैं तथा इस बारे उच्च अधिकारी निर्णय लेते हैं।
एसडीएम संगड़ाह के अनुसार संगड़ाह में Fire Station को लेकर proposal भेजी जा सकती है। Fire Officer नाहन का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे अधिकारी ने बताया कि, संगड़ाह में फायर चौंकी खोलने की प्रपोजल संभवत भेजी जा चुकी है तथा वह आगामी 9, अप्रैल को छुट्टी से लौटने पर ही इस बारे सही जानकारी दे पाएंगे। विभाग के अनुसार नाहन से करीब 60 Kilometer दूर संगड़ाह में आगजनी के दौरान समय रहते पहुंचना आसान नहीं है। District Sirmaur के उपमंडल मुख्यालय शिलाई के लिए Fire चौंकी को वर्तमान सरकार द्वारा स्वीकृति दी जा चुकी है तथा निकट भविष्य में संगड़ाह व राजगढ़ में भी दमकल चौकियां खुल सकती है।
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