8,000 Feet ऊंची चोटी पर दिखाई देगी देवाधिदेव की 65 फुट ऊंची प्रतिमा

हरिपुरधार में सिरमौर जिला की सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण कार्य शुरू

 कर्नाटक के मूर्तिकार से मंदिर Committee छः माह में तैयार करवाएगी भव्य Idol 
 देवभूमि हिमाचल के उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले प्रसिद्ध आस्था स्थल हरिपुरधार में जिला सिरमौर की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। देवाधिदेव महादेव शंकर की 65 Feet ऊंची उक्त प्रतिमा का निर्माण Cement and Marble powder तथा विशेष तकनीक से किया जा रहा है। मां भंगाईणी मंदिर समिति हरिपुरधार द्वारा स्थापित की जाने वाली इस प्रतिमा को जिला सिरमौर व शिमला के विभिन्न हिस्सों के अलावा उत्तराखंड के चकराता क्षेत्र से भी देखा जा सकेगा। 
 समुद्र तल से करीब 8,000 फुट ऊंचे सर्दियों में बर्फ से ढके रहने वाले शिव ध्वजा टीले पर प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। उक्त स्थान की पहले से स्थानीय लोगों द्वारा शिव आस्था स्थल के रूप में पूजा की जाती जाती है। मां भंगाईणी Temple Committee के संचालक बलवीर ठाकुर ने बताया कि, इस मूर्ति के निर्माण पर आने वाला सारा खर्चा मंदिर समिति द्वारा वहन किया जाएगा। कर्नाटक के तंजावर जिला के मशहूर मूर्तिकार के राजा उक्त Idol का निर्माण कर रहे हैं। दक्षिण भारत का यह मूर्तिकार गत दिनों चंडीगढ़ के Sector 31-D में एक विशाल प्रतिमा का निर्माण कर चुका हैं।
  छः माह के भीतर इस प्रतिमा को तैयार किया जाना लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मूर्ति बन जाने पर यहां विशेष Lights की व्यवस्था की जाएगी, ताकी इसे रात के समय भी दूर-दूर से देखा जा सके। आस्था स्थल मां भंगाईणी मंदिर हरिपुरधार से चूड़धार जाने हिमालयी जंगल वाले रास्ते में इस विशाल शिव प्रतिमा के निर्माण से क्षैत्र में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। शिरगुल महाराज देवता की मुंहबोली बहन माता भंगाईणी के मंदिर में पिछले तीन दशकों से उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 
मां काली स्वरूप समझी जाने वाली इस देवी के दरबार में सैंकड़ों लोग हर रोज अपनी मुरादें लेकर तथा पूरी होने पर पूजा-अर्चना करते हैं। गौरतलब है कि, 65 फुट ऊंची महादेव शंकर की यह प्रतिमा जिला सिरमौर की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। हिमाचल के पहले Chief Minister का विधानसभा क्षेत्र रहे इस हल्के को Tourism की दृष्टि से विकसित करने के सरकार अथवा नेताओं के दावे हालांकि अभी तक पूरे होते नहीं दिख रहे हैं, मगर क्षेत्र के कुछ लोग अपने स्तर पर यहां पर्यटन विकास के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं।

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