किसी भी कीमत पर Pakistan को टमाटर नहीं देंगे किसान
56 से लुढ़ककर 16 रूपए किलो पर आ पहुंचा लाल सोना 20 अगस्त को सोलन में प्रर्दशन करेंगे 3 District के Farmers
अंतिम दौर में दिल्ली में टमाटर के दाम गिरने से किसान मायूस
सही समय पर प्रर्याप्त बारिश के चलते जिला सिरमौर में इस बार हांलांकि 🍅 Tomato की बेहतर पैदावार हुई, मगर गत माह के मुकाबले इन दिनों लाल सोना कहलाने वाली इस नकदी फसल के दाम तीन गुना से भी ज्यादा घटने से किसान मायूस है। जुलाई माह में सीजन पीक पर होने के दौरान जहां Delhi की आजादपुर व केशोपुर आदि मंडियों में लाल सोना औसतन 56 रूपए किलो बिकने से किसानों ने अच्छी कमाई की, वहीं अब अंतिम दौर में Tomato महज़ 16 रूपए प्रति Kilogram के आसपास बिकने से किसानोें को एक क्रेट अथवा पेटी पर 300 रुपए से भी कम कमाई हो रही है। District में इन दिनों टमाटर Season समाप्त होने के दौर में है तथा अगले सप्ताह तक टमाटर लेकर दिल्ली जाने वाली गाड़ियां बंद हो जाएगी।
इस बार लाल सोने के दाम गत वर्ष के मुकाबले ज्यादा मिले, हालांकि Pakistan से कारोबार बंद होने के चलते किसानों को कम Price मिलने की आशंका थी। क्षेत्र के कुछ किसानों ने बातचीत में कहा कि, राष्ट्रहित के लिए वह पाकिस्तान से कारोबार बंद होने से खुश हैं तथा किसी भी कीमत पर देश में आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले पड़ोसी मुल्क को फसल नहीं बेचेंगे। टिमाटर उत्पादकों ने कहा कि, Government को भी किसानों का ध्यान रखना चाहिए। गत वर्ष जहां टमाटर दस से बीस रुपए किलो के आसपास बिका, वहीं इस बार अधिकतम कीमत 56 रूपए KG अथवा 1,400 रुपए क्रेट तक रही।
टमाटर की 25 किलो की एक पेटी अथवा क्रेट को Transportation के माध्यम से दिल्ली भिजवाने का किसान का खर्चा 130 रूपए के करीब रहता है तथा जुलाई में इसके 1400 में बिकने की सूरत में किसान को लगभग 1,270 रुपए मिले। Local मंडियों में भी बेहतर गुणवत्ता वाले लाल सोना कहलाने वाले टमाटर की कीमत गत माह 40 रुपए के आसपास रही, हालांकि सिरमौर के अंदरूनी हिस्सों में मांग व कीमत कम रहने के चलते 90 फीसदी किसान अपना माल दिल्ली अथवा बाहरी मंडियों को भेजते हैं। जिला में हर वर्ष औसतन 2,000 Hector कृषि भूमि पर करीब 30 हजार टन टमाटर पैदा होता है तथा जिला के 90 फीसदी किसान परिवारों का साल भर का खर्चा टमाटर, अदरक, लहसुन व बेमौसमी सब्जियों जैसी नकदी फसलों से चलता है।
जिला सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह, राजगढ़, शिलाई, सैनधार व धारटीधार आदि इलाकों में उगाई जाने वाली लाल सोने की फसल के अगस्त माह में दाम कम होने से किसान अब समर्थन मूल्य की मांग भी करने लगे हैं। किसान सभा की सिरमौर इकाई के अध्यक्ष रमेश वर्मा ने कहा कि, शिमला Parliament क्षेत्र के किसान आगामी 20 अगस्त को टमाटर व अपने अन्य मुद्दों को लेकर सोलन में प्रर्दशन करेंगे। उन्होंने कहा कि, गत माह सोलन, सिरमौर व शिमला जिला के किसान अपनी मांगे Government of Himachal Pradesh के समक्ष रख चुके हैं।
किसान सभा ने केन्द्र सरकार द्वारा खाद्यान्न फसलों की तर्ज पर टमाटर जैसी सब्जियों का समर्थन मूल्य न दिए जाने की निन्दा की। अनिल कुमार, ज्ञान चंद, अशोक, सतीश, तपेंद्र, विनय कुमार, बाबूराम, सुनील, ज्ञानचंद, सुरेश, मथुरा देवी व हीरो देवी आदि टमाटर उत्पादकों ने बताया कि, गत माह तक बेहतर गुणवत्ता वाला लाल सोना आजादपुर में जहां 1400 से डेढ़ हजार रुपए क्रेट तक बिक रहा था, वहीं अब 400 रूपए पेटी के आसपास बिक रहा है। एक क्रेट पर दिल्ली तक का कुल खर्च 130 रुपए करीब आ रहा है। सरकार की सख्ती के बाद अब दिल्ली के आढ़ती हांलांकि अब हिमाचल के किसानों से On Record commission नहीं ले रहे हैं, मगर खरीददारों से सांठगांठ कर वह किसानों से एक पेटी पर अपनी 40 कमीशन बदस्तूर जारी रखे हुए हैं।
गत जून माह से समय-समय पर बारिश होने के कारण जहां सिंचाई की सुविधा के अभाव वाले इलाकों में अधिकतर किसानों की फसल अच्छी हुई, वहीं कुछ किसानों की फसल सड़न रोग से बर्बाद भी हुई। किसानों की इस फसल को मंडी तक पहुंचाने वाले ट्रांसपोर्टर व आढ़तियों के अनुसार इस बार गत वर्ष के मुकाबले सिरमौर अथवा हिमाचल के टमाटर के बेहतर दाम नहीं मिल रहे हैं। बेहतर गुणवत्ता तथा कीटनाशकों के कम इस्तेमाल के चलते हिमाचल व शिमला Zone के टमाटर की कीमत अथवा मांग मैदानी इलाकों से ज्यादा रहती है। इन दिनों हालांकि लाल सोना कहलाने वाले टमाटर की कीमत में गिरावट आई, मगर गत वर्ष के मुकाबले औसतन ज्यादा कीमत किसानोें को मिली है। हिमाचल प्रदेश कृषि विपणन Board के अध्यक्ष बलदेव भंडारी ने कहा कि, टमाटर उत्पादकों की मांग के मुताबिक प्रदेश के सभी आढ़तियों को टमाटर पेटी की बजाय किलो के हिसाब से खरीदने के आदेश दिए जा चुके हैं।
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