नागरिक उपमंडल संगड़ाह में नहीं हुए रेणुकाजी मेले के Audition
क्षेत्र के प्रतिष्ठित Folk Singers ने नहीं दी सरकारी स्वर परिक्षा Congress सरकार ने नेताओं तो BJP ने Bureaucrats को सौंपा आस्था स्थल
अफसरशाही, नेताओं व बाहरी कलाकारों की आवाभगत पर खर्च होती है मेले की लाखों की कमाई
हिमाचल के विभिन्न अतंराष्ट्रीय मेलों में गाहे-बगाहे Folk Artists की अनदेखी संबंधी खबरें आना यूं तो नई बात नहीं है, मगर धार्मिक एवं सांस्कृतिक मेला रेणुकाजी से हर बार ऐसी शिकायतें आती है। मेला रेणुकाजी में प्रस्तुति देने के इच्छुक Civil Subdivision संगड़ाह के कलाकारों से District administration अथवा बोर्ड द्वारा बुधवार को बिना किराया दिए 60 किलोमीटर तक की यात्रा करवाई गई। दरअसल इस बार पहली मर्तबा DC सिरमौर की अध्यक्षता वाले रेणुकाजी विकास बोर्ड द्वारा मेले में प्रस्तुति देने के लिए सिरमौरी कलाकारों के Audition का निर्णय लिया गया, हालांकि अन्य Districts तथा राज्यों के लोक गायकों की प्रतिभा परखने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। उपमंडल संगड़ाह में उक्त ऑडिशन नहीं रखे गए, तथा इस Subdivision के कलाकारों को बुधवार को नाहन उपमंडल के अंतर्गत आने वाले रेणुकाजी में तलब किया गया।
उपमंडल के दूरदराज के गांवों के लोक संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कुछ बेरोजगार कलाकारों तो इस सरकारी परिक्षा के लिए 60 Kilometer से ज्यादा दूरी तय करनी पड़ी। स्वर परिक्षा देने पहुंचे कलाकारों को Renukaji Dovelopment Board द्वारा न तो Travelling Allowance दिया गया और न ही जलपान अथवा खाने के लिए पूछा गया। उक्त स्वर परिक्षा में प्रदेश के विभिन्न अतंराष्ट्रीय मेलों में कईं बार उत्कृष्ट प्रदर्शन करने तथा अपने लोक गीतों के माध्यम से Social Media पर लाखों लोगों की पसंद बने क्षेत्र के आधा दर्जन प्रतिष्ठित Artists शामिल ही नहीं हुए।
Audition के नतीजे गुप्त रखे जाने अथवा बुधवार को ही जारी न किए जाने पर न केवल कला प्रेमी बल्कि आम लोग भी संदेह अथवा राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंका जता रहे हैं। ऑडिशन लेने पहुंचे चार लोगों को जहां Concerned Department, Government अथवा बोर्ड की तरफ से TA-DA जारी किया जा रहा है, वहीं कलाकारों को चाय तक नहीं पिलाई गई। कुछ लोक कलाकारों ने चयनकर्ताओं की सलेक्शन पर भी सवाल उठाए, हालांकि मेले में कार्यक्रम की List से नाम कटने के डर से उन्होंने नाम न छापने की अपील की।
सदियों से आयोजित होने वाले इस Religious Festival की बागडोर 80 के दशक में सरकार अथवा प्रशासन के हाथों में आने के बाद हांलांकि यहां नेताओं, अधिकारियों तथा बिचौलियों के माध्यम से आने वाले बाहरी कलाकारों की आवाभगत पर हर साल लाखों की रकम खर्च होती है, मगर मेले में आने वाले श्रद्धालुओं तथा स्थानीय कलाकारों के लिए हमेशा बजट की कमी बताई जाती है। पूर्व Congress सरकार के कार्यकाल स्थानीय MLA को बोर्ड अध्यक्ष बनाए जाने पर जहां पांच साल नेताओं की चली, वहीं वर्तमान Government ने मेले की बागडोर अफसरशाही को सौंप दी तथा आए दिन Board के सदस्य एवं क्षेत्र के भाजपाई उनकी न सुनने की बात करते हैं। रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र अथवा उपमंडल संगड़ाह के इस मेले को पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2015 में SDM नाहन के क्षेत्राधिकार में सौंपा गया। मेले में आज भी सबसे ज्यादा श्रद्धालु अथवा लोक कलाकार उपमंडल संगड़ाह से पंहुचते हैं। ऑडिशन लेने वाली कमेटी में शामिल जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा तथा सूचना जनसंपर्क विभाग के पूर्व निदेशक मेला राम शर्मा ने बताया कि, बुधवार को 67 कलाकार ऑडिशन देने रेणुकाजी पहुंचे। उन्होंने कहा कि, Board के पास Budget के अभाव के चलते कलाकारों के लिए यात्रा भत्ता तथा जलपान की व्यवस्था नहीं की गई तथा Audition के Result बाद में जारी किए जाएंगे।
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