पूर्व CM शांता कुमार के लिए तीर्थस्थल है नाहन जैल

Prison को समर्पित की अपनी Books की 1 लाख की Royalty 
 नाहन - पूर्व Chief Minister of Himachal शांता कुमार ने कहा कि, कैदी स्वंय को अपराधी न समझे और अपने समय का सदुपयोग आत्म चिंतन व रचानात्मक कार्यों के लिए करें। उन्होंने कहा कि, नाहन जेल में उन्होने अपने जीवन के 19 माह बिताए है, इसलिए वह नाहन को अपना तीर्थ स्थल मानते है। उन्होंने कहा कि, इस Prison के जिस कमरे में वह रहें हैं, वो उनका साधना का केन्द्र था जहां उन्होंने चार किताबें भी लिखी। शांता कुमार ने आज Model Central Jail नाहन में उपस्थित कैदियों को सम्बोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
      उन्होने कहा कि, हमारा मन हमेशा दौड़ता है और भ्रमित करता है। अगर हम मन की सुनते है तो कुछ गलत कर बैठते है, इसलिए हमें हमेशा आत्मा की सुननी चाहिए। उन्होंने कैदियों से कहा कि, वह अपने अन्दर हीन भावना मत आने दें और पढ़ाई व विचार करें तथा रिहा होते ही घर जाकर अच्छा जीवन व्यतीत करें।
 उन्होंने जेेल Dipartment को बधाई देते हुए कहा कि, जो गतिविधियां जेल परिसर में चलाई जा रही है वह बेहद सराहनीय है। इससे कैदियों को अपनी प्रतिभा को निखारने में मदद मिलती है।इ इसअवसर पर उन्होंने अपनी लिखी हुई Boos रॉयल्टी की राशि में से एक लाख रूपये कारागार कल्याण कोष के लिए दिए। महानिदेशक कारागार एवं सुधार सेवाएं सोमेश गोयल ने कहा कि, शांता कुमार ने आपातकाल के दौरान अपने जीवन के 19 महीने इस कारगार में बिताए तथा अपनी रचनाओं का 25 प्रतिशत हिस्सा यानि चार किताबे उस दौरान लिखी। उन्होने कहा कि, जेल में वह अवसर मिलता है जब ईंसान आत्मसात करता है और वहां रहते हुए वह अपने विचारों को अच्छे से प्रकट करते है। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि, कारागार के कैदी कविताएं व कहानियां लिखते है जिनकी दो पुस्तकों को जल्द ही प्रकाशित करवाया जाएगा।
      उन्होंने बताया कि, इस जेल में Radio कारा Junction नाम से Channel चलाया जा रहा है, जिसकी पूरी Scripting कैदी करते है और इस काम के लिए उनकी एक माह की ट्रेनिंग बीग FM से करवाई गई है। इस पहल को देखते हुए अन्य राज्यों की जेलों में भी रेडियों कारा जंक्शन को शुरू किया गया है।
 महानिदेशक ने बताया कि, इस कारागार में सजा की वजाए सुधार पर ज्यादा बल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि 2016 में जेल का टर्नओवर 20 लाख से कम था तथा कैदियों को दिए जाना वाला मेहनताना भी 5 लाख से कम था। आज Turnover पांच करोड़ से अधिक है तथा डेढ़ करोड़ से अधिक मेहनताना कैदियों को अभी तक दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि, इस कारागार के 150 कैदी ऐसे है जो रोज सुबह जेल से निकलकर फैक्ट्रियों व Educational institute में काम करकर शाम को वापिस आते है।

     इस अवसर पर कैदियों ने अपनी रचनाएं कविताओ के माध्यम से प्रस्तुत की। इस मौके पर शनिवार को शांता कुमार के सुपुत्र विक्रम कुमार, पूर्व मंत्री राधा रमन शास्त्री, महेन्द्रनाथ सोफत, श्यामा शर्मा, उपायुक्त सिरमौर आरके परूथी, पुलिस अधीक्षक सिरमौर अजय कृष्ण शर्मा, उप-अधीक्षक कारागार विकास भटनागर व जेल के अन्य लगभग सभी कर्मचारी तथा कैदी मौजूद थे।

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