पूर्व LIC ADM नारायण सिंह की भाजपा में धमाकेदार Entry
प्रदेश कार्यसमिति में लिए जाने से गरमाई सियासत
संगड़ाह। बार-बार BJP प्रत्याशी बदलने के लिए जाने जाने वाले रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र से LIC से वीआरएस ले चुके नारायण सिंह की भाजपा में औपचारिक एंट्री हो गई है। हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डॉ यशवंत परमार का विधानसभा चुनाव क्षेत्र रहे इस हल्के से अब तक केवल 3 गैर कांग्रेसी विधायक चुने गए हैं, तथा यहां 1st & Last Time 2011 के उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार MLA बने थे। एलआईसी में बतौर असिस्टेंट डिविजनल मैनेजर कार्यरत नारायण सिंह नौकरी के 6 साल शेष होने के बावजूद गत दिसंबर माह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं। नारायण सिंह को मंगलवार को भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष नीतेश कुमार द्वारा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नियुक्त किया गया। इससे पूर्व पिछले करीब दस माह से वह क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों तथा भाजपा की बैठकों व गतिविधियों में नियमित रूप से शामिल होते रहे हैं। उनकी धमाकेदार एंट्री से क्षेत्र में इस बात की भी चर्चा शुरू हो गए हैं कि, आगामी विधानसभा चुनाव में वह भाजपा उम्मीदवार हो सकते हैं। उपमंडल संगड़ाह के गांव काकोग से संबंध रखने वाले नारायण सिंह संभावित भाजपा विधानसभा प्रत्याशी है, इस बारे हालांकि अभी कोई अधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, मगर BJP मंडल Unit के कुछ लोग उन्हें बतौर विधानसभा प्रत्याशी उतारे जाने के लिए प्रयासरत है। नारायण सिंह ने इस बारे पूछे जाने पर महज इतना कहा कि, वह Party के हर दायित्व का निर्वहन करेंगे। गौरतलब है कि, नारायण सिंह स्थानीय कांग्रेस विधायक विनय कुमार के गांव अथवा relative हैं तथा उन्हें बतौर उम्मीदवार उतारे जाने से उपमंडल संगड़ाह अथवा पालवी क्षेत्र की 21 पंचायतों से भाजपा को बढ़त मिलने के भी चर्चे हैं। उपमंडल संगड़ाह अथवा पालवी क्षेत्र की बात करें तो न तो यहां वर्ष 2012 व 2017 के विस क्षेत्र में मुख्य Judicial Court खोलने की मांग वर्तमान सरकार पूरी कर पाई और न ही इस सरकार की किसी कैबिनेट की बैठक में संगड़ाह का नाम आया। पहले मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र अब तक राज्य अथवा राष्ट्रीय उच्च मार्ग तक से नहीं जुड़ सका और ऐसे में यहां विकास की बजाय क्षेत्रवाद और अन्य मुद्दे हावी रहते हैं। नारायण सिंह द्वारा दिसंबर, 2019 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली गई है।
गौरतलब है कि, 1980 के दशक से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस क्षेत्र से भाजपा व जनता दल द्वारा सरकारी नौकरी कर रहे एक जाती विशेष से संबंध रखने वाले मोहनलाल आजाद, रूप सिंह, बलवीर चौहान तथा हृदय राम चौहान को सरकारी नौकरी से त्यागपत्र देने के बाद भाजपा का टिकट दिए जा चुके हैं। इनमें से केवल सेवानिवृत्ति अतिरिक्त उपायुक्त हृदय राम चौहान ही अब तक भाजपा के टिकट से जीत सके हैं, जबकि रूप सिंह जनता दल के चुनाव चिन्ह जीते थे। क्षेत्र से लगातार दूसरी विधायक चुने गए विनय कुमार के पिता दिवंगत डॉ प्रेम सिंह बतौर Congress विधायक छः बार इलाके का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, इसलिए भाजपा को यहां बार-बार जिताऊ उम्मीदवार की तलाश रहती है। हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डॉ यशवंत परमार का विधानसभा चुनाव रहे रेणुकाजी से बार-बार उम्मीदवार बदला भी यहां भाजपा की हार का एक मुख्य कारण समझा जाता है। बहरहाल क्षेत्र में भाजपा के नए चेहरे की सुगबुगाहट व चर्चा जारी है।
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