ऊर्जा मंत्री ने किया 8 करोड़ की लागत से बन रहे भरली College का किया निरीक्षण

आंजभोंज क्षेत्र की सभी 11 पंचायतों मे पीने के पानी का स्थाई निवारण के लिए व्यय किए जा रहे है 52.80 करोड़़

पांवटा साहिब। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने आज  पावंटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के आंजभोंज में लगभग 8 करोड़ 7 लाख रूपये की लागत से बन रहे भरली महाविद्यालय का निरीक्षण  किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को कॉलेज में जल्द से जल्द बिजली, पानी व फर्नीचर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए और फर्नीचर उपलब्ध करवाने के लिए 40 लाख रूपये की घोषणा की। इसके अतिरिक्त महाविद्यालय में बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने के लिए अलग से ट्रांसफार्मर स्थापित करने की घोषणा भी की। इस मौके पर उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस कॉलेज का उद्घाटन कर आंजभोंज की जनता को समर्पित किया जाएगा और नघेता वरिष्ठ विद्यालय में चल रही कक्षाओं को स्थानांतरित  किया जाएगा ताकि आंजभोंज क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए अन्य क्षेत्रों मे जाने की आवश्यकता न पडे।

     मंत्री ने कहा कि, आंजभोंज क्षेत्र की सभी 11 पंचायतों में पीने के पानी की स्थाई निवारण के लिए तीन बड़ी योजनाओं के तहत 52.80 करोड़ रूपये व्यय किए जा रहे है। इसके अतिरिक्त सामुदायिक भवन टौरू के ऊपर शेड के लिए 4.5 लाख रूपये, सामुदायिक भवन डांडा के लिए 4.5 लाख रूपये जबकि टौरू पंचायत में  बन रहे खेल मैदान के लिए 3 लाख रूपये, नघेता वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के भवन निर्माण के लिए 60 लाख व महिला मण्डल भवन के नवीनीकरण के लिए 50 हजार रूपये देने की घोषणा की।

उन्होेंने मौके पर इस क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए राजपुरा मे बिजली के बिल जमा करने की सुविधा शुरू करने के आदेश दिए। इससे पहले स्थानीय लोगों को पुरूवाला में बिजली बिल जमा करवाने जाना पड़ता था। ऊर्जा मंत्री ने आंजभोंज में बिजली, पानी, सडक, रास्ता निर्माण सिंचाई से संबंधित जनसमस्याओं को सुना और अधिकतम शिकायतों का निपटारा किया। उन्होने बताया कि, आज प्राप्त हुई बिजली बोर्ड से संबंधित सभी मांगों और शिकायतों को 6 माह के भीतर पूरा किया गया।

उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पहली बार इस क्षेत्र का दौरा किया था तब यहां सड़कों की हालात खराब थी और नदियों पर पुल भी नही थे। उनके कार्यकाल के दौरान इस क्षेत्र का काफी विकास हुआ है और इस क्षेत्र के लोगों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाना उनकी प्राथमिकता रही है। उन्होंने बताया कि डिलिमिटेशन का फायदा इस क्षेत्र के लोगों को पांवटा साहिब से जुड़कर मिला है जोकि पूर्व में शिलाई विधानसभा क्षेत्र के एक दूर कोने मंे था। आज यह क्षेत्र  विकास की नई ऊचाईयां छू रहा है। उन्होने कहा कि कोरोना काल में सांसद निधि व विधायक निधि बंद होने के बाद भी जयराम सरकार ने विकास मे कोई कमी आने नहीं दी है। इस अवसर पर भाजपा मण्डलाध्यक्ष अरिवन्द गुप्ता, बीडीसी चेयरमैन हितेंद्र कुमार, जिला परिषद सदस्य सुमिता चौहान, महामंत्री देवराज चौहान, ग्राम पंचायत प्रधान टौरू डांडा, कमला देवी, उपप्रधान रामलाल चौहान सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।

शिलाई पिकअप दुर्घटना के बाद रोड सेफ्टी सेल शिमला ने लिया दुर्घटना सम्भावित सड़कों का जायजा 

शिलाई। सिरमौर जिला के उपमंडल शिलाई के कोटी-उतरउ सड़क मार्ग में गत दिनों हुए पिक-अप दुर्घटना के बाद प्रदेश सरकार ने संज्ञान लेते हुए, रोड सेफ्टी सेल शिमला से अधिकारियों की टीम को सिरमौर भेजा । रोड सेफ्टी सेल के सदस्य अधिशाषी अभियन्ता रोजिफ शेफ व पुलिस उप-अधीक्षक अमर सिंह शुक्रवार को नाहन पहुंचे। रोड सेफ्टी सेल के अधिकारी सहित आरटीओ सिरमौर सोना चौहान, राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के अधिकारी व पुलिस विभाग की टीम ने आज नाहन-पांवटा उच्च मार्ग का निरीक्षण किया। यह टीम सिरमौर की सभी सड़कों व ब्लैक स्पॉट का जायजा लेगी और दुर्घटना के कारणों का पता लगाएगी।

आरटीओ सोना चौहान ने बताया कि, नाहन से पांवटा सड़क का निरीक्षण करने के बाद पाया गया कि, इस सड़क पर अधिकतर दुर्घटनाओं का कारण ओवर स्पीड है। इस सड़क पर मुख्यतः सभी गाड़ियां 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती पाई गई। जबकि हिमाचल के सभी एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम स्पीड 65 किलोमीटर प्रति घंटा घोषित की गई है।

उन्होने बताया कि, इस समय जिला में कुल 18 ब्लैक स्पॉट है और 129 दुर्घटना संभावित क्षेत्र है। इन 129 दुर्घटना सम्भावित स्थानों में से 22 राष्ट्रीय उच्च मार्ग व 107 अन्य सड़कों पर है। उन्होंने बताया कि, जिला के सभी 18 ब्लैक स्पॉट को ठीक करने के टेंडर लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि, प्रदेश सरकार द्वारा जनवरी 2021 में स्पीड लिमिट के बोर्ड लगाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त दुर्घटना साइन बोर्ड लगाने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी को आदेश भी जारी कर दिए गए है।


 

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