मंदिर के कपाट खुलते ही चूड़धार में लगा श्रद्धालुओं का तांता

प्रशासन के आदेशानुसार मंदिर परिसर मे नही होगी ठहरने व भंडारे की व्यवस्था 

Covid Guideline के मुताबिक Mask पहनकर ही हो सकेगा मंदिर मे प्रवेश 

श्रधालुओं के अलावा काफी संख्या मे ट्रेकर्स व पर्यटक भी पंहुचे

संगड़ाह। हिमाचल के प्रसिद्घ धार्मिक स्थल शिरगुल महाराज मंदिर चूड़धार मे कपाट खुलने के पहले ही दिन गुरूवार को 2,000 के करीब श्रद्धालू अथवा यात्री पंहुचे। बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट हिमाचल मे प्रवेश की अनुमति मिलने के चलते हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड व अन्य पड़ोसी राज्यों से भी भारी संख्या मे संगड़ाह व नौहराधार होकर श्रदालु व ट्रेकिंग के शोकीन करीब 12 हजार फूट ऊंची इस चोटी के ठंडे मौसम का लुत्फ उठाने पहुंच रहे है। प्रशासन अथवा डीएम शिमला के आदेशानुसार मंदिर में पहले दिन अधिकतर लोग मास्क व कोविड गाइडलाइन संबधी नियमों का पालन करते दिखे, हालांकी रास्ते में ऐसा अनुशासन नजर नही आया। दुर्गम जंगल तथा कठिन चढ़ाई के बावजूद शिरगुल महाराज के प्रति गहरी आस्था रखने वाले श्रदालुओं के साथ साथ मैदानी क्षेत्रों के पर्यटक व ट्रेकर भी यहां भारी संख्या मे पंहुच रहे हैं। पड़ौसी जिलों के अलावा उतर भारत के विभिन्न राज्यों से भारी संख्या में श्रदालु चूड़धार की यात्रा करने पहुंचे। क्षेत्र में मौजूद सभी होटल, गेस्ट हाउस, विश्राम गृह व चूड़ेश्वर समिति की सराय मे ठहरने को जगह नहीं मिल रही है। कोविड गाइडलाइन अथवा प्रदेश सरकार के आदेशानुसार चूड़धार में न ठहरने की व्यवस्था है और न ही भंडारे अथवा खाने पीने की व्यवस्था है। देवता मे आस्था रखने वाले साथ लगते सिरमौर व शिमला जिला के अधिकतर श्रधालु हालांकि, गुरूवार को कपाट खुलने के बाद चूड़धार की यात्रा पर निकले, मगर बाहरी इलाकों के पर्यटक अथवा ट्रैकर्स को मंदिर खुलने से खास सरोकार नहीं रहता। उपमंडल संगड़ाह व चौपाल पुलिस प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान न दिए जाने से गत माह से ही यंहा विभिन्न क्षेत्रों से लोग पंहुच रहे थे।
शिमला जिला प्रशासन द्वारा चूड़धार के कपाट पहली जुलाई से सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक खोलने संबधी अधिसूचना जारी की जा चुकी है। यात्री सरांय बंद होने के चलते रात्रि ठहराव के लिए लोग जंगल मे टेंट लगाकर कर रहे है और ऐसे मे कानून व्यवस्था देखने के लिए सरकार व प्रशासन‌ कोई जिम्मेदारी नही लेता। टेंट के बाहर ठंड से बचने के लिए यात्री अलाव का सहारा ले रहे है। यात्री टेंट में ही खाने पीने की व्यवस्था भी खुद कर रहे है। चूड़धार पहुंचने के लिए नौहराधार से चार से पांच घण्टे पैदल चलकर यात्रा करनी पड़ती है, हालांकी कुछ यात्री शिमला जिला के सराहन से भी पंहुचते है। चूड़धार मे भारी तादाद में पंहुच रहे यात्रियों द्वारा स्वछता का बिल्कुल ध्यान नही रखा जा रहा है।प्रसिद्ध तीर्थ स्थली चूड़धार के सुंदर चोटियों में यात्रियों की लापरवाही से फैल रही गन्दगी को लेकर पर्यावरण प्रेमियों ने चिंता व्यक्त की है। पर्यटक रास्ते मे प्लास्टिक की बोतलें, व अन्य खाने की वस्तुओं के रैपर फेंक रहे है। चूड़ेश्वर समिति के पदाधिकारियों व पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार चूड़धार के हिमालई जंगल मे कईं दुर्लभ जड़ी बूटियां, पेड़़ व जीवजंतु विद्यमान है तथा प्रदूषण इनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। दिवंगत पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी के पौत्र विजेंद्र कुमार ने चूड़धार जा रहे यात्रियों से यंहा प्लास्टिक अथवा पोलिथीन का कचरा न फैलाने की अपील की। बहरहाल गुरूवार को पहले दिन 2 हजार के करीब यात्री चूड़धार पंहुचे।

रेणुकाजी मे बलिदान सप्ताह के तहत भाजपाइयों ने किया पौधारोपण 

जिला भाजपा अध्यक्ष विनय गुप्ता सहित कईं मंडल पदाधिकारी रहे मौजूद 

संगड़ाह। बलिदान सप्ताह के तहत भाजपा मंडल इकाई द्वारा गुरूवार को रेणुकाजी मे पौधारोपण किया गया। जिला भाजपा अध्यक्ष विनय गुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा इस दौरान रेणुकाजी मंडल अध्यक्ष सुनील शर्मा सहित लगभग सभी मंडल पदाधिकारी मौजूद रहे। भाजपा जिला अध्यक्ष विनय गुप्ता ने जनसंघ के पहले अध्यक्ष डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी के एक देश, एक निशान, एक विधान, एक प्रधान के सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नैत्रित्व वाली भाजपा अथवा केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को हटाकर देश की एकता व अखंडता के लिए बलिदान हुए महान चिंतक डॉ मुखर्जी का सपना साकार किया है। उन्हे श्रधांजलि अर्पित करने के लिए मनाए जा रहे सेवा सप्ताह के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के प्रभारी एंव BJP नेता नारायण सिंह ने बताया कि, आगामी 3 को नौहराधार में सेवा सप्ताह अथवा बलिदान सप्ताह के तहत पौधारोपण किया जाएगा।

धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं को SOP का करना होगा पालन - DC

नाहन। उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने आज जानकारी देते हुए बताया कि, प्रदेश भर में आज से धार्मिक स्थलों को दर्शनो के लिए खोल दिया गया है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया जारी कर दी गई है। जिला सिरमौर में भी धार्मिक स्थलों को मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए केवल दर्शनों के लिए खोला गया है। उन्होंने बताया कि, श्रद्धालुओं को दर्शन के दौरान मास्क व सामाजिक दूरी का पालन करना होगा। दर्शन के दौरान मूर्तियों व मन्दिर की घन्टियों को छुने की अनुमति नहीं होगी और न ही मन्दिर परिसर में प्रसाद व आचमन वितरण किया जाएगा। जारी दिशा निर्देशो के अनुसार केवल कोरोना लक्षण रहित व्यक्तियों को ही दर्शनों की इजाजत होगी। श्रद्धालुओं को उचित दूरी बनाए रखने के लिए चिन्हित किए गए स्थान पर रह कर दर्शनों की अनुमति होगी। परिसर मे स्थित दुकानों, स्टॉल तथा कैफेटेरीया आदि में भी दो गज की दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।

जारी की गई SDO के अनुसार सभी धार्मिक स्थलों के अंदर हवन, भजन, विवाह और मुन्डन संस्कार की अनुमति नहीं होगी और न ही मन्दिर परिसर में बनी सरायों में श्रद्वालुओं को ठहरने की अनुमति होगी। किसी भी श्रद्धालु को धार्मिक स्थल के गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति नही होगी। धार्मिक स्थलों में प्रबन्धन द्वारा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा। प्रबन्धन कमेटी यात्रियों तथा कर्मचारियों द्वारा उपयोग में लाए गए फेस कवर, मास्क तथा दस्तानों का उचित निपटान करना सुनिश्चित करेगी। धार्मिक स्थल में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों व 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों, गम्भीर बिमारी से ग्रस्त व्यक्ति तथा गर्भवती महिलाओं को जाने की अनुमति नही होगी।

धार्मिक स्थल के पास आईसोलेशन रूम स्थापित किया जाएगा जहां कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्ति को स्वास्थ्य कर्मी द्वारा कोरोना का नमूना लिये जाने के उपरांत संक्रमित पाये गए व्यक्ति को आईसोलेट किया जाएगा। दिव्यांग जनों को दर्शनों की सुविधा के लिए विशेष प्रबन्ध किए जाएगें। मन्दिर प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मन्दिर परिसर के प्रमुख स्थानों पर टच फ्री सोप डिस्पेन्सर का उचित प्रबन्ध करेगा तथा थ्री लेयर मास्क भी उपलब्ध करवाएगा। उन्होने बताया कि यदि धार्मिक परिसर में कोई भी व्यक्ति के संक्रमित पाया जाता है तो उसे अन्य लोगो से अलग रखा जाएगा तथा सक्रंमित को चिकित्सक के निरिक्षण होने तक उसे फेस कवर व मास्क उपलब्ध करवाया जाएगा और तुरन्त नजदीकी चिकित्सालय या जिला हेल्प लाईन नम्बर पर सूचित किया जाएगा इसके अतिरिक्त व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि होने पर पूरे परिसर को सेनेटाईज किया जाएगा। जिला प्रशासन ने लोगो से अपील की है कि श्रद्धालु अति आवश्यक होने पर ही धार्मिक स्थलों पर आए तथा घर पर ही ऑनलाईन दर्शन, आरती का आनन्द ले।


पांवटा साहिब में हर 3 माह मे पंचायत स्तर पर जनसमस्याओं को सुना जाएगा - सुखराम चौधरी

तीन पंचायतों मे मौके पर निपटाई सैकड़ों जन समस्याएं

पांवटा साहिब। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि, पावंटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में हर तीन माह के बाद ग्राम पंचायत स्तर पर जनसमस्याओं को सुना जाएगा और उनका निराकरण किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री आज पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत ब्यास कोटरी, कुंडियों और जामनी वाला में बिजली, पानी और सड़क आदि से जुड़ी जनसमस्याओं को सुन रहे थे। उन्होंने मौके पर ही अधिकतम शिकायतों का निपटारा किया। उन्होंने बताया कि पिछले तीस वर्षों में पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र में लगभग 90 प्रतिशत विकास कार्य भाजपा की सरकार मे हुए हैं। उन्होंने बताया कि ब्यास कोटरी पूल का शिलान्यास पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में किया गया तथा बात्तापूल से ब्यास कोटरी की सड़क का कार्य भी भाजपा सरकार द्वारा किया गया। उन्होंने लोगों से कहा कि वह जो भी विकास कार्य करवाना चाहते है उसका प्रस्ताव उन्हें पंचायतों के माध्यम से भेजें ताकि इस क्षेत्र का कोई भी हिस्सा विकास से अछूता न रहे। उन्होंने बताया कि, पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के लिए NABARD से 120 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त हुई थी, जिसमें से 70 करोड़ खर्च की जा चुकी है और जल्द ही शेष राशि का उपयोग भी विकास कार्यों के लिए किया जाएगा।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पानी की समस्या के निदान के लिए पिछले तीन वर्षों के दौरान पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र मे 180 टयूबवेल स्वीकृत करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 70 सालों में पांवटा साहिब क्षेत्र की सड़कों की एफआरए स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई थी। लेकिन ऊर्जा मंत्री ने कोरोना काल मंे प्राप्त हुई 23 सड़कों की एफआरए स्वीकृति संबंधी प्रस्तावों को स्वीकृत करवाकर दिया है तथा इन सभी सड़को पर कार्य आने वाले दिनों में शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर और सड़कों की भी एफआरए स्वीकृति की आवश्यकता होगी तो वह उसके लिए भी प्रयास करेंगे। उन्होंने बिजली विभाग को जामनीवाला, ब्यास कोटरी और कुंडियों पंचायत मे बिजली से संबंधित सभी कार्य बरसात के मौसम के बाद पूर्ण करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि, कुण्डियों ग्राम पंचायत में 24 घण्टें पीने का पानी और सिंचाई सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पांवटा विधानसभा क्षेत्र के तहत 10,800 गैस कुनेक्शन हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के तहत वितरित किए गए है जिसमेे से ब्यास कोटरी ग्राम पंचायत में 216 लोगों को इस योजना का लाभ मिला है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने 80 से 70 वर्ष आयु सीमा करके बुजुर्गो को पेंशन सुविधा दी है, जिसमे उन्हें प्रतिमाह 1,500 रूपये दिए जा रहे है। अभी तक प्रदेश सरकार ने पेंशन पर 840 करोड़ रूपये व्यय किए हैं। इसके अतिरिक्त सरकार ने 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं के लिए बिना किसी शर्त के पेंशन सुविधा शुरू की है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पांवटा साहिब क्षेत्र मंे 35 हजार क्वींटल गेहूं की खरीद अच्छे दामों पर की है और धान की खरीद भी पांवटा साहिब क्षेत्र मे ही हो ऐसे प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौर में भाजपा सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है। लोगों की सुविधा के लिए पांवटा विधानसभा क्षेत्र में कोरोना मरीजों के लिए 477 बेड की व्यवस्था विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों मंे की गई थी। उन्होंने लोगों से अपील की कि सभी ग्राम पंचायतें शत प्रतिशत वैक्सीनेशन करवाना सुनिश्चित करें तभी इस कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है। इस अवसर पर बीडीसी चेयरमैन हितेंद्र कुमार, SDM पांवटा साहिब विवेक महाजन, तहसीलदार पांवटा साहिब वेद प्रकाश अग्निहोत्री, बीडीओ गौरव धिमान, अधीक्षण अभियन्ता जल शक्ति विभाग जेएस चौहान, अधीक्षण अभियन्ता विद्युत विभाग मनदीप सिंह, ग्राम पंचायत ब्यास के प्रधान सुरेश कुमार, ग्राम पंचायत कुंडियों की प्रधान सबीना बेगम, ग्राम पंचायत जामनीवाला के प्रधान बलबीर धीमान, उपप्रधान अनिल कुमार सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।


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