मुख्यमंत्री के लेट होने से भगवान को डेढ़ घंटा करना पड़ा इंतजार

प्रशासनिक नियंत्रण के बाद धीरे-धीरे समाप्त हो रही है मेले की मौलिकता

2 साल बाद अंतरराष्ट्रीय मेला रेणुकाजी मे पंहुचे CM



संगड़ाह। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से करीब डेढ़ घंटा देरी से पंहुचने के चलते रेणुकाजी मे भगवान परशुराम अथवा देवता की पालकियों को इंतजार करना पड़ा। सरकारी कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री डेढ़ बजे पर रेणुकाजी पहुंचकर भगवान परशुराम का अभिनंदन अथवा शौभा यात्रा का विधिवत शुभारंभ करने वाले थे, मगर इससे पूर्व नौहराधार में आयोजित जनसभा में भाषण बाजी व भीड़ के चलते लेट हो गए।‌ सांय करीब 3 बजे तक रेणुकाजी मे सैकड़ों श्रधालुओं को भगवान व मुख्यमंत्री इंतजार करना पड़ा, जिसे लोग सही नहीं मान रहे है। 

गौरतलब है कि, जिला प्रशासन द्वारा इस बार मेले में वॉलीबॉल, कबड्डी व बैडमिंटन प्रतियोगिताएं करवाने का नया प्रयोग शुरू किया गया है जो कि, परंपरा का हिस्सा नहीं है।‌ परंपरा के अनुसार भगवान परशुराम के मां रेणुका से मिलने आने पर यह मेला शुरू होता है, मगर विकास बोर्ड के गठन के बाद से जिला प्रशासन द्वारा मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री से करवाए जाने की परंपरा बनाई गई है। सदियों से आयोजित होने वाले इस धार्मिक उत्सव के व्यापारीकरण अथवा इससे आमदनी अर्जित करने के अलावा जिलाधीश अथवा प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा 80 के दशक से यहां कईं फेरबदल व प्रयोग किए गए हैं।‌ 

सरकारी नियंत्रण के बाद जहां मेले में डेरे लगाने की परंपरा समाप्त हो चुकी है, वहीं आसपास के गांव के लोग भी अब जातर नही करते। गौरतलब है कि, पूर्व प्रदेश सरकार के कार्यकाल में जहां स्थानीय विधायक को रेणुकाजी विकास बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, वहीं वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा फिर से उपायुक्त को रेणुकाजी विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई।‌ मेले का मुख्य आकर्षण रहने वाली सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन भी इस बार नही किया गया। अनुसार इन संध्याओं पर करीब 40 लाख की राशि खर्च होती थी। सात दिवसीय इस मेले मे संध्याओं का आयोजन न करने का मुख्य कारण लोग बचत करना मान रहे है, हालांकि विकास बोर्ड के अनुसार कोरोना काल को देखते हुए ऐसा किया गया। कांग्रेस नेताओं के अनुसार नौहराधार व रेणुकाजी दोनों जगह मुख्यमंत्री की जनसभाओं मे हजारों की जुटी और जनता, प्रशासन व नेताओं द्वारा मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नही रखा गया। इस मेले मे न तो प्रदेश के अन्य अंतरराष्ट्रीय मेलों जितने सुरक्षा कर्मी तैनात है और न ही अन्य मूलभुत सुविधाएं मेलार्थियों के लिए उपलब्ध है।‌ दो साल बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस मेले मे पंहुचे और भगवान परशुराम की पालकी उठाकर मेले का शुभारंभ किया गया। सदियों पुरानी परम्परा के अनुसार भगवान परशुराम की पालकियां के रेणुकाजी पहुंचने पर शुरू होता है।‌ इस दौरान ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप सहित कई नेता व जिला सिरमौर के सभी आला अधिकारी सीएम के साथ मौजूद रहे।




 

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