अपनी सास को उपहार भेंट करते हैं दामाद
दूज पर बसों में दिखी सामान्य से ज्यादा भीड़
संगड़ाह। सिरमौर जनपद की सदियों पुरानी लोक संस्कृति व परंपराओं को संजोए जाने रखने के लिए मशहूर गिरिपार क्षेत्र में यूं तो हिंदुओं के कईं त्यौहार शेष हिंदुस्तान से अलग अंदाज में मनाए जाते हैं, मगर यहां मनाई जाने वाली दूज की बात ही अलग है। गिरिपार में शेष भारत में मनाई जाने वाली भैया दूज की बजाए सास-दामाद दूज मनाई जाती है। इस दिन दामाद अपनी सासों को Gift अथवा भेंट देते हैं तथा उनका आशीर्वाद लेते हैं। शनिवार को गिरिपार के अंतर्गत आने वाले विकास खंड संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ की करीब 135 पंचायतों केे अधिकतर गांव में सास-दामाद दूज मनाई गई। गिरिपार के साथ लगते सिरमौर के सैनधार इलाके में भी यह परम्परा सदियों से कायम है। क्षेत्र में प्रचलित परंपरा के मुताबिक इस दिन दामाद अपनी सास को सौ अखरोट, गुड़, चावल व घी के अलावा अन्य कोई पसंदीदा चीज भी उपहार में दे सकते हैं।क्षेत्र में सास-दामाद दूज की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, घर अथवा प्रदेश से बाहर नौकरी करने वाले फौजी व अन्य दामाद हर हाल में दूज पर छुट्टी लेकर ससुराल पहुंचने की कोशिश करते हैं। किसी दामाद के इस दिन न पहुंचने की सूरत में वह 10 दिन बाद आने वाले ज्ञास पर्व तक सास को उपहार दे सकता है, जिसे स्थानीय बोली में सासु-भेंट कहा जाता है। संगड़ाह में मिठाइयों की दुकाने चलाने वालों के अनुसार शुक्रवार को जमकर खरीदारी हुई। नवविवाहिता जोड़ों के अलावा वर्षों पहले शादी कर चुके दामाद भी इस दिन अपनी सास को गिफ्ट देते हैं, हालांकि सास चाहें तो अपने दामाद को हर साल इस परंपरा को न निभाने की छूट दे सकती है। गिरिपार में Dooj के अलावा लोहड़ी के दौरान मनाए जाने वाले माघी त्यौहार में जहां एक साथ 40 हजार के करीब बकरे कटते हैं, वहीं ऋषि पंचमी पर महासू भक्त आग से खेलकर इसे अपने अंदाज में मनाते हैं। गुगा नवमी पर श्रद्धालुओं को स्वयं से लोहे की जंजीरों से पीटते हैं तथा दीपावली के एक माह बाद बूढ़ी दिवाली भी देश व दुनिया के हिंदुओं से अलग अंदाज में मनाई जाती है। इन्हीं परंपराओं को आधार मानकर क्षेत्रवासी गिरिपार को जनजातीय दर्जे का मुद्दा पिछले चार दशकों प्रदेश व केंद्र सरकार के समक्ष उठा रहे हैं। बहरहाल क्षेत्र में सास-दामाद दूज पारम्परिक अंदाज में मनाई गई।
सैंज में हुआ दशरथ दरबार का मंचन
गिरपार में सप्ताह भर चलती है दीपावली की सांस्कृतिक संध्याएं
मुख्य अतिथि ने कलाकारों को भेंट की 31 हजार की राशि
संगड़ाह। उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले गांव सैंज में पोड़ोई पर्व पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में दशरथ दरबार का मंचन किया गया। स्थानीय कलाकारों के अभिनय की दर्शकों ने खूब सराहना की। स्थानीय कलाकार देवेंद्र- राजा दशरथ, सतीश भगवान राम, तपेंद्र लक्ष्मण तथा रोहित ताड़का की भूमिका में नजर आए। भाजपा नेता विद्यादत्त शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने संध्या का आयोजन कर रहे युवक मंडल अथवा कलाकारों को 31,000 रूपए की नकद राशि भेंट की। गौरतलब है कि, क्षेत्र में चौदश, अवांस, पोड़ोई, दूज, तीज, चौथ व पंचमी आदि नाम से सप्ताह भर दीपावली की सांस्कृतिक संध्याएं चलती है।
सुरेश शर्मा की नाटियों पर जमकर थिरके दर्शक
संगड़ाह के ध्वाड़ी मे पोड़ोई पर्व पर आयोजित हुई सांस्कृतिक संध्या
संगड़ाह। उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले गांव धवाड़ी मे स्थानीय नवयुवक मण्डल द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संध्या मे दर्शक लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नाटियों व लोकगीतों पर जमकर थिरकते देखे गए। शिक्षक रामानंद सागर ने बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गौरतलब है कि, ग्रेटर सिरमौर व उपमंडल संगड़ाह में चौदश, अवांस, पोड़ोई, दूज, तीज, चौथ व पंचमी आदि नाम से सप्ताह भर दीपावली मनाई जाती है और इस दौरान अलग-अलग दिन विभिन्न गांवों मे सांस्कृतिक संध्याओं व रामलीला का आयोजन किया जाता है। ग्राम पंचायत गनोग के शिरगुल नवयुवक मण्डल घवाड़ी के पदाधिकारी रमेश कुमार, प्रीतम चौहान व कल्याण सिंह चौहान आदि ने मुख्य अतिथि रामानंद सागर को टोपी, शाल व समृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। सांस्कृतिक संध्या में मशहूर नाटी कलाकार सुरेश शर्मा ने अपनी नाटियों व लोक नृत्य से वाहवाही लूटी। उन्होने सिरमौरी भक्ति वंदना रेणुका माईये महामाईये से अपने कार्यक्रम का आगाज किया तथा इसके बाद भरतरी गाथा, चस्का बुरा इ बजारो रा व रोहड़ू जाणा मेरी आमए आदि हिमाचली नाटियों व लोकगीतों से दर्शकाें की तालियां बटोरी। इस दौरान स्थानीय युवक मंडल व युवतियों द्वारा प्रस्तुत रामलीला की झलकियों व दीप नेगी के लोकगीतों की भी दर्शकों ने सराहना की। कार्यक्रम मे तेजेंद्र कमल, लवराज ठाकुर, रितेश चौहान, विजय आजाद आदि गणमान्य लोग भी मौजूद रहे।Congress शासित राज्यों द्वारा Petrol VAT न घटाने को CM जयराम ने बताया दोहरा चरित्र
शिमला। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देश के कांग्रेस शासित राज्यों मे पैट्रोलियम पदार्थों से VAT न घटाए जाने को Party का दोहरा चरित्र बताया। उन्होने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पैट्रोल डीज़ल से GST घटाए जाने के बाद Government of Himachal ने भी वेट घटाया है। उपचुनावों में मिली हार पर BJP कल मंथन करने जा रही और राष्ट्रीय अध्यक्ष JP Nadda Meeting मे वर्चुअल जुड़ेंगे। उन्होने कहा कि, 16 से 19 नवंबर के बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 82वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन रखा गया है। CM बोले कि, उपचुनाव मे हार से सबक लेकर सरकार आगे बढ़ेगी व 2022 की तैयारी करेगी।
अंतरराष्ट्रीय मेला रेणुकाजी में खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए 10 नवम्बर तक होगा पंजीकरण
दंगल प्रतिभागियों के 14 नवम्बर को प्रातः 11 बजे का समय निर्धारित
नाहन । अंतर्राष्ट्रीय मेला श्री रेणुकाजी में इस वर्ष पुरुष वर्ग के लिए कुश्ती तथा पुरुष व महिला वर्ग के लिए वॉलीबॉल, कबड्डी व बैडमिंटन (एकल) प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया जा रहा है। यह जानकारी DC सिरमौर एवं अध्यक्ष श्री रेणुकाजी विकास बोर्ड राम कुमार गौतम ने दी।उन्होंने बताया कि, सभी इच्छुक प्रतिभागी अपना पंजीकरण जिला युवा सेवाएं व खेल विभाग नाहन, जिला सिरमौर के कार्यालय में दिनांक 08 से 10 नवम्बर, 2021 तक प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक करवा सकते है। दंगल में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का पंजीकरण 14 नवम्बर, 2021 को प्रातः 11 बजे तक कुश्ती स्थल पर ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि, मेले में कुश्ती का आयोजन 14 नवम्बर को दोपहर 12 बजे से सायं 7 बजे तक किया जाएगा तथा अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन 15 से 19 नवम्बर, 2021 तक किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि, कुश्ती विजेता को 31 हजार व उप-विजेता को 15 हजार, बैडमिंटन विजेता को 5100 व उप-विजेता को 3100 रूपये, वॉलीबांल विजेता टीम को 51 हजार व उप-विजेता को 31 हजार रूपये तथा कब्बडी की विजेता टीम को 51 हजार व उप-विजेता को 31 हजार रूप्ये का नगद पुरस्कार के साथ ट्रॉफी दी जाएगी। सभी प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले प्रतिभागी 18 वर्ष से ऊपर की आयु के होने चाहिए तथा प्रतिभागी के पास आयु प्रमाण के रूप में आधार कार्ड या अन्य प्रमाणित दस्तावेज़ होना आवश्यक है। कबड्डी तथा वॉलीबॉल के खिलाड़ियों की अधिकतम आयु 40 वर्ष से अधिक नही होनी चाहिए। एक खिलाड़ी केवल एक ही टीम से प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। सभी प्रतिभागियों के पास Covid Vaccine के दोनों डोज का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त सभी खिलाड़ी खेल की किट में होने चाहिए तथा एक टीम के पास एक ही तरह की किट होनी चाहिए। कबड्डी तथा वॉलीबाल में भाग लेने वाली टीम के 80 प्रतिशत खिलाड़ी कम से कम राज्य स्तर के खिलाड़ी होने चाहिए तथा बैडमिंटन के प्रतिभागी कम से कम राज्य स्तर के खिलाड़ी होने चाहिए, जिसका प्रमाण पत्र प्रवेश शुल्क के समय उपलब्ध करवाना अनिवार्य होगा। महिला प्रतिभागी के साथ महिला प्रशिक्षक या महिला टीम प्रबन्धक का होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि, कबड्डी तथा वॉलीबाल के लिए प्रवेश शुल्क 2,500 रूपये प्रतिदल तथा बैडमिंटन के लिए शुल्क 250 रुपये प्रति प्रतिभागी होगा। सभी दलों तथा खिलाड़ियों को आने-जाने तथा ठहरने और खाने की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। मेला कमेटी आने-जाने तथा ठहरने और खाने की व्यवस्था के लिए उत्तरदायी नहीं होगी। सभी प्रतियोगिताओं के खिलाड़ियों को कोरोना महामारी के मध्यनजर पानी पीने के लिए अपनी बोतल का प्रयोग करना होगा। सभी प्रतियोगिताओं के दौरान समय एवं स्थिति को देखते हुए मेला कमेटी/टूर्नामेंट कमेटी का निर्णय ही अन्तिम होगा। कोविड महामारी के मध्यनजर यह प्रतियोगिता प्रशासन द्वारा समय समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अधीन आयोजित की जाएगी।
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