राष्ट्रीय पद्म सम्मान की सुचि मे शामिल होने से पहले हालिस कर चुके हैं राष्ट्रपति पुरस्कार
राजगढ़। सिरमौर जिला के उपमंडल राजगढ़ के दूरदराज गांव देवठी-मझगांव के रहने वाले लोक साहित्यकार विद्यानंद सरैक को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए इस पुरस्कार से नवाजा जाएगा। राष्ट्रीय पद्म नागरिक सम्मान से अलंकृत किए जाने वाली देश की विभूतियों मे उनका नाम 102 स्थान पर है। इससे पहले लोक साहित्य के लिए संगीत नाटक अकादमी की ओर से 18 जनवरी 2018 को उन्हे राष्ट्रपति सम्मान भी मिल चुका है।गौरतलब है कि, जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के 81 वर्षीय सरैक छोटी उम्र से ही लोक विधाओं के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। अब तक वह 25 विषयों पर हस्तलिखित पुस्तकें तैयार कर चुके हैं, जिनमें से 8 Publish हो चुकी है। विद्यानंद सरैक ने बातचीत में कहा कि, वह सैंकड़ों सिरमौरी लोक गीतों व कविताओं के अलावा पहाड़ी बोली मे कईं नाटक भी लिख चुके हैं।
इसके अलावा वह भर्तहरी, गीता व गीतांजलि जैसे हिंदी महाकाव्यों का हिंदी अनुवाद वह कर चुके हैं। इतना ही नहीं वर्ष 1957 में उन्होन आल इंडिया रेडियो पहली बार सिरमौरी गीत प्रस्तुत किया। हिमाचल के विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मेला अथवा अन्य बड़े आयोजनों में नाटी व करयाला आदि सिरमौरी लोक विधाओं पर अपनी प्रस्तुति देते हैं। साहित्य के लिए Padma Shre Award हासिल करने वाले वह क्षेत्र के पहले शख्स है। उन्हें यही पुरस्कार मिलने से जिला सिरमौर में उत्साह की लहर है। आज ही इस बारे Ministry of Home Affaires द्वारा अधिसूचना अथवा प्रेस नोट जारी किया गया। सिरमौर के साहित्यकारों तथा नेताओं ने उन्हे National Award के लिए बधाई दी।
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