सबसे खर्चीले व Royal कहलाने वाले माघी Festival की तैयारी मे जुटा गिरिपार

त्यौहार में कटेंगे 40 हजार बकरे, महीने भर चलेगा दावतों का दौर

खरीददारी के लिए बाजारों मे जुटने लगी भीड़


 संगड़ाह। सिरमौर जनपद की सदियों पुरानी लोक संस्कृति व परंपराओं को संजोए रखने के लिए मशहूर करीब तीन लाख की आबादी वाले गिरिपार क्षेत्र के बाशिंदे साल के सबसे खर्चीले व शाही कहलाने वाले माघी त्यौहार की तैयारियां पूरी कर चुके हैं। बर्फ अथवा कड़ाके की ठंड से प्रभावित रहने वाली गिरिपार अथवा Greater Sirmaur की विभिन्न पंचायतों मे हालांकि दिसंबर माह की शुरुआत से ही मांसाहारी लोग अन्य दिनों से ज्यादा मीट खाना शुरु कर देते हैं, मगर 10 जनवरी से शुरू होने वाले चार दिवसीय माघी त्यौहार के दौरान क्षेत्र की लगभग 144 पंचायतों के मांसाहारी परिवारों द्वारा बकरे काटे जाने की परंपरा भी अब तक कायम है। समूचे गिरिपार में इस त्यौहार में शाकाहारी लोगों के लिए कईं Traditional Food परोसे जाते हैं, जिनमें मूड़ा, शाकुली, तेलपकी, सीड़ो व अस्कली आदि शामिल हैं। 

पूरे माघ मास मे क्षेत्र मे मेहमाननवाजी का दौर चलता है। माघी त्यौहार को खड़ियांटी, डिमलांटी, उत्तरांटी व साजा अथवा संक्रांति के नाम से मनाया जाता है। पहले तीन दिन अलग-अलग निर्धारित तिथि पर विभिन्न गांवों में बकरे कटते हैं, जबकि संक्रांति के अवसर पर लोग अपने कुल देवता की पूजा करते हैं तथा इस दिन किसी भी घर में मीट नहीं पकता है। 

Maghi त्यौहार के चलते क्षेत्र में अचानक बकरों की कीमत में उछाल आ गया है और जिंदा बकरे 450 रुपए किलो तक बिक रहे हैं। गिरिपार के अंतर्गत आने वाले सिरमौर जिला के विकास खंड संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ मे हालांकि 90% के करीब किसान परिवार पशु पालते थे, मगर पिछले चार दशकों मे इलाके के युवाओं का रुझान सरकारी नौकरी, नकदी फसलों व Business की और बढ़ने से क्षेत्र मे Goats को पालने का चलन घटा है। गिरिपार अथवा ग्रेटर सिरमौर मे इन दिनों लोकल बकरों की कमी के चलते क्षेत्रवासी देश की बड़ी मंडियों से बकरे खरीदते हैं। क्षेत्र मे मीट का कारोबार करने वाले व्यापारी इन दिनों राजस्थान, सहारनपुर, नोएडा व देहरादून आदि मंडियों से क्षेत्र में बड़े-बड़े बकरे उपलब्ध करवा रहे हैं। क्षेत्र के विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के सर्वेक्षण के मुताबिक गिरीपार मे लोहड़ी के दौरान मनाए जाने वाले माघी त्यौहार पर हर वर्ष करीब 40 हजार बकरे कटते हैं तथा एक बकरे की औसत कीमत 15,000 ₹ रखे जाने पर इस त्यौहार के दौरान यहां करीब 60 करोड़ रुपए के बकरे कटेंगे। माघी त्यौहार के लिए खरीददारी का दौर जोरों पर है तथा क्षेत्र के बाजारों मे सामान्य से ज्यादा भीड़ है।

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