अनुसुचित जाति अधिकार समिती ने संगड़ाह मे किया अब तक का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन
जातीय ध्रुवीकरण के चलते सिरमौर मे टूटी दलगत राजनीती की दीवार
सिरमौर के SC समुदाय के MLA, MP व बड़े नताओं को भी नदारद रहने पर चेतावनी
संगड़ाह। करीब 3 लाख की आबादी वाले Giripaar क्षेत्र को Shedule Tribe दर्जा देने के विरोध मे सोमवार को Kinkri Devi Park Sangrah मे गिरिपार अनुसुचित जाति अधिकार संरक्षण समिति द्वारा महारैली आयोजित की गई। केंद्रीय गिरिपार अनुसुचित जाति अधिकार संरक्षण के अध्यक्ष Adv अनिल मंगेट की अध्यक्षता मे आयोजित इस प्रदर्शन मे समिती पदाधिकारियों के अलावा Congress, BJP, AAP व CPIM आदि दलों के SC समुदाय के भी कईं कार्यकर्ता व नेता भी मौजूद रहे। शनिवार को BJP National President JP Nadda द्वारा सिरमौर प्रवास के दौरान Giripaar area को ST Status का भरोसा दिए जाने के बाद से यहां जबरदस्त जातीगत ध्रुवीकरण हो चुका है, जिसके चलते Congress, CPIM व AAP के साथ-साथ हिमाचल व केंद्र मे सत्ताधारी BJP के अनुसुचित जाति के कईं कार्यकर्ता व मंडल अथवा जिला कमेटी पदाधिकारी भी इस प्रदर्शन मे शामिल हुए।एक और जहां हाटी समुदाय के लोगों ने रविवार को रेणुकाजी में Mahakhumli confrence अथवा विशाल शक्ति प्रदर्शन का आयोजन किया वहीं, सोमवार को दलित समाज ने महारैली से अपनी ताकत दिखाकर जवाब दिय। Maharally के बाद अनुसुचित जाति अधिकार संरक्षण समिति का जनसैलाब जब Bus-Stand संगड़ाह से होते हुए Mini Secretariat पहुंचा तो सांय साढ़े 4 से साढ़े 5 बजे तक वाहनों के साथ-साथ आम लोगों की भी आवाजाही बाधित रही। समिति द्वारा SDM डॉ विक्रम नेगी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा गया। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त दलित पर्यावरण प्रेमी किंकरी दैवी पार्क में सोमवार को समिति की महारैली मे विकास खंड संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ सहित गिरिपार की डेढ़ सौ के करीब पंचायतों से भारी संख्या मे दलित कार्यकर्ताओ अथवा अनुसुचित जाति के लोगों ने भाग लिया।
इस दौरान Transgiri को जनजातीय क्षेत्र घोषित न करने के साथ-साथ मनुवाद व जातिवाद से आजादी, जय भीम, कायम रहे सारे अधिकार, हाटी एक बहाना है, फर्जी हाटियों का निकलेगा तेल जैसे क्रातिकारी व जातीवादी नारे बार बार गूंजे। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद गिरीपार अनुसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति के अध्यक्ष अनिल मंगेट ने कहा कि, कुछ लोगों द्वारा Haati का ढोंग रुचकर Dalit समुदाय के लोगों को गुमराह किया जा रहा है और संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा दिए अधिकारों को हमसे छीनने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, हम लोग अपने लोगों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एकत्रित हुए हैं और हम लोग एकजुट रहेंगे तो हमारे अधिकारों को कोई छू तक नहीं सकेगा। Giripaar क्षेत्र में करीब 40% दलित समाज की आबादी को दरकिनार कर कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं हम लोग उनकी मंशा को कभी पूरा नहीं होने देंगे। गिरिपार से संबधित दलित समाज के 3 MLA व MP तथा कुछ अन्य दलित ने भी उनकी मांगों को नजरअंदाज किया है, जिसका जवाब विधानसभा Election में दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, जनजातीय दर्जे से पंचायत व विधानसभा चुनाव में SC का आरक्षण समाप्त होगा तथा एट्रोसिटी एक्ट निष्क्रीय होने से दलित समाज पर अत्याचार और बढ़ेगे। मंगेट ने कहा की, देश 1 ओर जहां आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं दूसरी और दलितों का शोषण जारी है। शिलाई मे Adv जिंदान हत्याकांड जैसे घटनाएं दलितों पर अत्याचार का सबसे बड़ा सबूत है। उन्होंने दलित समाज की शामलात भूमि की लड़ाई संगड़ाह से दिल्ली तक पहुंचाई जाएगी। गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिए जाने पर उन्होंने ऐसा ही जनसैलाब शिमला की सड़कों से होता हुआ दिल्ली तक पहुंचाने की भी चेतावनी दी और सूबे के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में की बात कही। महारैली मे किंकरी पार्क के अध्यक्ष विजय आजाद द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। दलित नेता डॉ नीरज, रतन कश्यप, सुंदर सिंह, विनोद, नरेंद्र, मोहनलाल, प्रियंका सुरेंद्र धर्मा अमिता चौहान, मुक्तानंद, हीरा पाल व निशा कुमारी दीपचंद आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व गिरिपार को Shedule Tribe Status के मुद्दे पर रेणुकाजी में रविवार को हुई Hati महाखुमली मे भी भारी भीड़ जुटी थी और Power Minister of Himachal सुखराम चौधरी सहित सभी वक्ताओं ने उक्त मांग को सिरे चढ़ाने के संतोषजनक प्रयास के लिए BJP President JP Nadda सहित सभी आला भाजपा नेताओं का आभार जताया। दलित महारैली की तरह Mahakhumli Confrence मे भी स्थानीय Congress विधायक विनय कुमार के अलावा MP एंव भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप व MLA पच्छाद रीना कश्यप सहित Sirmaur के अनुसुचित जाति के तमाम आला Dalit Leaders नही पंहुचे थे। ST Status के मुद्दे पर अब जबरदस्त Cast based Polarization यहां हो चुका है और Social Media पर स्वर्ण व दलितों मे तनाव की स्थिति बनी हुई है। गिरिपार के मे ध्रुवीकरण व मांग पूरी होने से हालांकि BJP को इस विधानसभा Election में बड़ा फायदा हो सकता है, मगर Case सबज्युडिस होने के चलते नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
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