संगड़ाह Block के 100 के करीब Farmers को कच्चा माल बेचने से मिल रहा था परोक्ष रोजगार
जरग पंचायत के क्यारटा में लगे प्रोसेसिंग यूनिट में तैयार कर रहे थे जूस, जेल, अर्क, हेंडवाश व जेम जैसे
लोक कलाकार के रुप में भी देश के विभिन्न हिस्सों में दे चुके थे प्रस्तुतियां
संगड़ाह। विकास खंड संगड़ाह के क्यारा-जरग मे फ्रूट प्रोसेसिंग एवं एसेंशियल ऑयल यूनिट चलाने वाले दुर्गा किसान क्लब के President महिमा नंद शर्मा के आकस्मिक निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है। परिजनों के अनुसार 2 दिन पहले उनके पेट में तेज दर्द उठा तो उन्हें चंडीगढ़ के 1 Hospital में भर्ती करवाया गया, जहां रविवार को उनका देहान्त हो गया। विकास खंड संगड़ाह के माईना गांव के 44 वर्षीय महिमानंद अपने unit मे हर साल लाखों के फल, सब्जी व जड़ी-बूटियों के Juce, Powder, जैम तथा जैल जैसे Product तैयार करते थे। क्षेत्र की इस पहली Fruit Processing micro Industry के ज्यादातर उत्पाद ददाहू, रेणुकाजी, संगड़ाह, नाहन, सोलन व शिमला में स्थानों पर बिकते थे और मेलों के दौरान प्रर्दशनी लगाकर किसान क्लब की ज्यादातर बिक्री होती थी। वर्ष 2012 मे जरग-क्यारटा में इस फ्रूट एवं हर्बल प्रोसेसिंग इकाई द्वारा शुरूआत में सालाना करीब 70,000 रूपए का कारोबार किया जा रहा था, जो बाद में बढ़कर 3 लाख तक पहुंच गया था।NABARB, राष्ट्रीय बागवानी मिशन व मिड हिमालयन आदि परियोजनाओं के तहत जारी करीब 8 लाख की सहायता राशि से उन्होंने क्षेत्र में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने व किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के सफल प्रयास किए। इस युनिट में इस्तेमाल होने वाले किसानों के सभी उत्पादों को लेकर एक खास बात थी कि, इन्हे बंदर नही खाते। बंदरों के आतंक से प्रभावित खेतों अथवा जंगल के साथ वाली जमीन पर भी यहां इस्तेमाल होने वाली फसलें अथवा जड़ी-बूटियां उगाई जा सकती है।
क्षेत्र के किसानों द्वारा स्थापित जिला सिरमौर का अपनी तरह का यह पहला Cooperative sector का unit कुछ अरसा नाबार्ड, अरावली NGO व Durga Kisaan Club द्वारा किसानों को प्रशिक्षण अथवा Demonstration देने के लिए भी इस्तेमाल किया गया। स्थानीय किसानों के मुताबिक यहां लगातार एलोवेरा, लेमन ग्रास, करेला व क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न फलों व औषधीय पौधों के जूस जेल, जैम, हेंडवाश तथा शैंपू जैसे हर्बल उत्पाद तैयार किए जा रहे थे। इस यूनिट पर जारी Government subsidy राशि के अलावा महिमा नंद ने अपनी सारी गाढ़ी कमाई अथवा जमा पूंजी भी खर्च कर दी थी।
दुर्गा किसान क्लब के संचालक एवं अवतरण NGO के Director महिमानंद शर्मा ने Graduation के बाद नौकरी को तवज्जो देने की वजाय अपने इस दूरदराज इलाके के किसानों की बेहतरी व कृषि आधारित लघु उद्योग लगाने में सारी जिंदगी खपा दी और उनके निधन से क्षेत्र के किसानों में भारी मायूसी है। इस Processing unit में लगातार काम करने व Marketing को लगाकर अदरक, सौंप, एलोवेरा व करेला आदि कृषि उत्पाद व हरड़, बेहड़ा, गिलोय तथा अर्जुन छाल आदि जड़ी-बूटियों को बतौर कच्चा माल उपलब्ध करवाने से करीब सौ किसानों अथवा बेरोजगारों को आमदनी हो रही है। जिला सिरमौर व प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में शामिल सूबे के पहले CM का विधानसभा क्षेत्र रहे रेणुकाजी अथवा विकास खंड संगड़ाह में एक और जहां नेताओं के चुनावी वादों के बावजूद आज तक कोई भी कृषि आधारित उद्योग नहीं लगा, वहीं उक्त माइक्रो इंडस्ट्री का काम बढ़ने से लोगों को काफी उम्मीदें थी। क्षेत्र के BJP व Congress नेताओं तथा पंचायत प्रतिनिधियों ने उनके निधन पर गहरी संवेदना जताई। महिमा नंद शर्मा को क्षेत्र में लोक कलाकार के रूप में भी जाना जाता है और सांस्कृतिक दल बाऊनल व माईना के साथ उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में प्रस्तुतियां दी। सिरमौरी लोक गायक प्रेम चंद बाऊनली ने बताया कि, साक्षरता अभियान के कला जत्था अथवा Folk Media Troup के माध्यम से भी उन्होंने 2000 के दशक में क्षेत्रवासियों को पढ़ाई के महत्व के प्रति जागरूक किया।
ओम शांति
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