3 जनपद के हजारों श्रद्धालुओं ने 120 साल बाद टिटियाणा मे किया ठारी देवी का होजुरे जयघोष

सिरमौर, जौनसार व Upper शिमला के 400 गांव के शाठी पाशी खेमे के लोग पंहुचे

Industries Minister, MP व DC सिरमौर ने भी की ठारी देवी की पारम्परिक पूजा

टटियाना व संगड़ाह के अलावा जौनसार बावर में है शाठी पाशी के अन्य 2 चबूतरे 

संगड़ाह। ठारी माता व म्हासू देवता मंदिर परिसर Titiyana में रविवार को संपन्न 5 दिवसीय शांत महायज्ञ में आज जिला सिरमौर, जौनसार अथवा देहरादून तथा upper शिमला के हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जंग बाजा कहलाने वाली दमेनू, ढोल, शहनाई व रणसिंघा आदि की Folk beat पर सिरमौरी शस्त्र डांगरा व तलवारों के साथ ठारी देवी मां का होजूरे जयघोष किया गया। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार Thari Shant पूजन मे 400 के करीब गांव से लगभग 30,000 पाशी व शाठी खेमे के लोग पंहुचे और पांडव व कौरवों के वंशज कहलाने वाले उक्त समुदाय के लोग पहली बार किसी शांत मे 1 साथ पंहुचे। 
कल इस धार्मिक अनुष्ठान में शनिवार को जहां Industries Minister of Himachal एंव स्थानीय विधायक हर्षवर्धन चौहान पंहुचे, वहीं आज MP पूर्व BJP State President सुरेश कश्यप, MLA सुखराम चौधरी व DC Sirmaur सुमित खीमटा सहित कई गणमान्य लोगों ने पूजा अर्चना की। स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार रियासत काल में टटियाना व संगड़ाह के अलावा जौनसार में मौजूद चौंतरे कहलाने वाले 2 देव चबूतरे पर बड़े-बड़े विवाद सुलझाने अथवा न्याय दिलाने का काम होता था। शाठी पाशी खेमों के दंगे सुलझाने के लिए इन गांवों के सयाणे कहलाने वाले बुद्धिजीवियों के अलावा कईं मामलों राजा के प्रतिनिधि भी मध्यस्थता करते थे। 

सिरमौर जिला के ब्राह्मण समुदाय के सबसे बड़े इस गांव में मायाराम शर्मा, गुमान सिंह, रमेश शर्मा व कपिल आदि स्थानीय लोगों के अनुसार 28 जून से 2 जुलाई तक चले करीब 120 साल बाद आयोजित शांत महायज्ञ के दौरान 30000 के करीब लोग पंहुचे और अब संभवतः अगली century में यह आयोजन होगा और परम्परा के अनुसार फिर से रक्षा करें ठारिए का जयघोष होगा।


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