Chairman व BDO संगड़ाह के Meeting में न आने पर BDC सदस्यों ने नारेबाजी की

सुक्खू सरकार के कार्यकाल में Block की 44 पंचायतों में विकास कार्य रूकने के आरोप लगाए
संगड़ाह। सिरमौर जिला के पंचायत समिति संगड़ाह की बैठक में मंगलवार को समिति अध्यक्ष तेजेंद्र कमल तथा खंड विकास अधिकारी के नदारत पाए जाने से उखड़े BDC सदस्यों ने वाकआउट करते हुए नारेबाजी की। पूर्व पंचायत समिति अध्यक्ष मेलाराम शर्मा के नेतृत्व में आधा दर्जन समिति सदस्यों व कुछ ग्राम पंचायत प्रधानों अथवा मनोनीत सदस्यों ने बैठक में पंचायत समिति अध्यक्ष की अनुपस्थिति को गैर जिम्मेदाराना करार दिया। मेलाराम शर्मा ने कहा कि, पंचायत समितियां लोकतंत्र की वह मजबूत कड़ी है, जिनके माध्यम से गांव-गांव में विकास कार्य संचालित किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि, पंचायत समिति अध्यक्ष व कार्यकारी अधिकारी एवं बीडीओ द्वारा 6 महीने बाद किया गया है और यदि अध्यक्ष ही बिना सूचना दिए बैठक से नदारत हो जाए तो इससे पंचायत समिति की गरिमा को ठेस पहुंचना स्वाभाविक है। पंचायत समिति बैठक कक्ष में पहुंचने के उपरांत मालूम पड़ा की पंचायत समिति अध्यक्ष बैठक में नहीं आ रहे हैं और साथ में सहायक आयुक्त एवं BDO भी DC office नाहन गए हैं।
 पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि एक सप्ताह पहले समिति की बैठक के पत्र सभी पंचायत समिति सदस्यों और प्रधानों को भेजे गए थे और दो दिनों से स्वयं पंचायत समिति अध्यक्ष तेजेंद्र कमल WhatsApp Group पर बैठक में हाजिर होने का आग्रह कर रहे थे, परंतु समिति अध्यक्ष की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत से दूरदराज और पिछड़े क्षेत्र की 44 पंचायतों से बैठक में भाग लेने आए पंचायत समिति सदस्यों और प्रधानों का बहुमूल्य समय बर्बाद किया गया है। उन्होंने पंचायत समिति अध्यक्ष तेजेंद्र कमल की अनुपस्थिति को बचकाना हरकत बताया। उन्होंने कहा की पंचायत सचिवों तकनीकी सहायकों और कनिष्ठ अभियंताओं की हड़ताल से गांव-गांव में विकास कार्य पहले ही ठप्प हो गए हैं और इस तरह पंचायत समिति की बैठक से अध्यक्ष का अनुपस्थित होना दुर्भाग्यपूर्ण है । पंचायत समिति की बैठक से वाकआउट करने के उपरांत भाजपा समर्थित समिति सदस्यों और प्रधानों ने समिति कक्ष के बाहर अध्यक्ष के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और कहा कि यह कैसा व्यवस्था परिवर्तन है जब समिति अध्यक्ष ही बैठक से गायब हो जाए। उन्होंने कहा की लगभग 6 महीने के अंतराल के बाद हुई इस बैठक में अध्यक्ष के ना आने से सभी 44 पंचायत के विकास कार्य प्रभावित हुए हैं और कोई भी शेल्फ पास नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि, प्रदेश मे कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पंचायतों में विकास कार्य रूक गए हैं। उधर बीडीओ एवं सहायक आयुक्त विकास संगड़ाह चिराग शर्मा ने कहा कि, दरअसल अचानक उपायुक्त कार्यालय में आज की Meeting रखें जाने से वह समिति की मीटिंग में नहीं जा सके। उन्होंने कहा कि, समिति अध्यक्ष को इस बारे जानकारी दे दी गई थी और जल्द अगली बैठक रखी जाएगी। गौरतलब है कि, सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद गत मार्च माह में कांग्रेस समर्थित सदस्यों द्वारा मेला राम शर्मा को अविश्वास प्रस्ताव पास कर पद से हटाया जा चुका है।
जिला परिषद कर्मचारियों की हड़ताल में पंहुचे पूर्व समिति अध्यक्ष ने सुक्खू सरकार को कोसा 

11 दिन से BDO office संगड़ाह में जारी है प्रदर्शन 

संगड़ाह। जिला परिषद कर्मचारियों द्वारा पिछले 11 दिन से की जा रही Pen Down Strike में पंहुचे पंचायत समिति संगड़ाह के पूर्व अध्यक्ष एवं बीडीसी सदस्य मेलाराम शर्मा व उनके साथ मौजूद पंचायत प्रतिनिधियों ने उक्त कर्मचारियों से वादाखिलाफी के लिए प्रदेश की प्रदेश कांग्रेस सरकार की कड़ी निन्दा की। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को वादा याद दिलाते हुए कहा कि, पूर्व सरकार के कार्यकाल में दोनों ने छोटी सी विसंगति बताकर उक्त पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक व कनिष्ठ अभियंता जैसे कर्मचारियों को दिसंबर 2022 मे ही पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग का सरकारी कर्मचारी बनाने का वादा किया था। उन्होंने सुक्खू सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, महिलाओं को 1500₹ मासिक व युवाओं को पहली केबिनेट में 1 लाख नौकरियां देने के नाम पर ठगने वाली कांग्रेस सरकार ने जिला परिषद कर्मचारियों को भी धोखा दिया। श्री शर्मा ने कहा कि, पिछले साल तक पंचायत सचिवों का कार्यभार चौकीदार व सिलाई अध्यापिकाओं को देने का मज़ाक़ उड़ाने वाले मुख्यमंत्री सुक्खू ने भी ऐसा ही किया।


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