रेणुकाजी Dam का Enumeration का काम रोकने पर SDM संगड़ाह ने ली विस्थापितों व GM की Meeting

विस्थापित समिति ने Police की मौजूदगी के बावजूद बंद करवा दिया था पेड़ों की गणना का काम 

16 अक्टूबर को बांध प्रबंधन व संघर्ष समिति के बीच होगी अगली बैठक 

PM मोदी द्वारा शिलान्यास किए जाने व अरबों का Budget खर्च होने के बावजूद निर्माण कार्य शुरू होना बाकी 

हिमाचल के राज्यपाल मई माह में कर चुके हैं Side Visit 

संगड़ाह। Mini Secretariat संगड़ाह में SDM सुनील कायथ द्वारा रेणुका बांध विस्थापित संघर्ष समिति व Project General Manager के बीच जारी टकराव को समाप्त करने के लिए समझौता बैठक आयोजित की गई। बांध प्रबंधन के अधिकारियों व संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक करीब 3 घंटे तक चली। 2 दिन पहले गत 11 अक्टूबर को संघर्ष समिति द्वारा मांगे पूरी न होने पर Police Force की मौजूदगी के बावजूद बांध प्रबंधन की टीम को 2 गांव में पेड़ों की गिनती जैसे कामों को रोका गया था। जानकारी के अनुसार महाप्रबंधक ने इस बारे ददाहु में अपने कार्यालय में बैठक रखी थी, लेकिन संघर्ष समिति की आपत्ति पर यह बैठक SDM अध्यक्षता में करवाई गई। 
बैठक में रेणुका बांध जन संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिल, संस्थापक सदस्य प्रताप सिंह तोमर, महासचिव संजय चौहान व Legal Advisor वरुण शर्मा द्वारा महाप्रबंधक के समक्ष मांगे पूरी न होने तक काम रोकने की बात दोहराई गई। एसडीएम ने बांध प्रबंधन व संघर्ष समिति से कहा कि, दोनों को एक दूसरे का सहयोग करना पड़ेगा यदि बांध निर्माण कार्य को आगे बढ़ाना है। उन्होंने HPPCL के अधिकारियों से कहा कि, विस्थापितों की मांगों का निपटारा किया जाना चाहिए। Renukaji Dam GM आरके चौधरी ने 16 अक्टूबर को अपने office में होने वाली बैठक का हवाला देते हुए कहा कि, इसमें संघर्ष समिति के पदाधिकारी को भी बुलाया जाएगा। उसी दौरान समिति द्वारा उठाए गए काश्तकारों अथवा Agriculture Labour के मामले को सुलझाया जाएगा। 
संघर्ष समिति ने पेड़ों की गिनती करवाने की बात पर कहा कि, पहले किसी और अथवा वन भूमि पर दशकों से रह रहे काश्तकारों को official Landless list में डालने की उनकी मांग को पूरा किया जाए उसके बाद कार्य को आगे बढ़ाया जाए। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने SDM का उनकी समस्याओं को उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने के लिए उनका धन्यवाद किया। गौरतलब है कि, 1960 के दशक से Budget व राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में लटकी राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना की शिलान्यास 27 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है और केंद्र सरकार करीब 7,000 करोड़ के इस Project पर 90% Budget खर्च कर रही है। अब विडंबना यह भी है कि, करीब 1,000 करोड़ खर्च होने के बावजूद वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है। Governor of Himachal भी गत 2 मई को निर्माण स्थल का निरीक्षण कर HPPCL व Sirmaur District Administration को तय समय पर काम पूरा करवाने के निर्देश दे चुके हैं।


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