CM सुक्खू नहीं निभा सके अंतरराष्ट्रीय मेले के उद्घाटन की रस्म
विधानसभा अध्यक्ष ने किया भगवान का रेणुकाजी पंहुचने पर अभिनंदन
रेणुकाजी। भगवान परशुराम के अपनी मां से मिलने पधारने पर बुधवार को परम्परा के अनुसार International Renukaji Fair शुरू हो गया है। अपने वचन के अनुसार दशमी के दिन हर साल भगवान परशुराम माता रेणुकाजी से मिलने रेणुका पहुंचे हैं और इस अवसर पर यहां उनके दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का मेला लगता है। भगवान विष्णु के छटे अजर-अमर अवतार एंव अजय योद्धा श्री परशुराम के बारे में मान्यता है कि, आज भी वह मौजूद और मेले में पंहुचते हैं।
पारम्परिक वाद्ययंत्रों की ताल पर जामू गांव से Bhagwan Parshuram की पालकी ददाहू पंहुचने के बाद शुरू हुई शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य देव का फूल बरसाकर अभिनंदन किया और उनका आशीर्वाद लिया। परम्परा के अनुसार हालांकि मेले का शुभारंभ हिमाचल के मुख्यमंत्री व समापन Governor करते हैं, मगर सरकारी सूत्रों के अनुसार हाल ही में AIIMS Delhi से स्वस्थ होकर लौटे CM Sukhvinder Singh Sukkhu को Doctor ने ज्यादा भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी है, जिसके चलते वह नहीं आ सके।Media व Social Media पर मेले में न आने वाले CM की कुर्सी जाने संबंधी धारणा के भी चर्चे हैं, हालांकि काफी लोग इसे अंधविश्वास भी मानते हैं। हिमाचल विधानसभा Speaker कुलदीप सिंह पठानिया ने गिरी नदी के तट पर देवताओं का स्वागत करने के बाद भगवान श्री परशुराम की पालकी को कंधा लगाने की रस्म निभाई। परम्परा के अनुसार भगवान के पंहुचने पर सतयुगी तीर्थ कहलाने वाले रेणुकाजी में यह मेला शुरू होता है। जामू-कोटी गांव के तोपे पहाड़ी पर स्थित मुख्य मंदिर के अलावा कटाह, मंडलांह व माशू मंदिरों से भी भगवान परशुराम की पालकियां यहां पंहुचती है। वैधानिक अड़चनों के चलते इस बार देव पालकियों को ददाहू जमा दो विद्यालय की बजाय गिरि नदी किनारे बनाए गए अस्थायी पंडाल में लाया गया और यही से रेणुकाजी के लिए शोभायात्रा निकली। इस अवसर पर Industries Minister हर्षवर्धन चौहान के अलावा क्षेत्र के कईं Congress Leaders व सिरमौर जिला के प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
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