मुख्यमंत्री का न आना, मूलभूत सुविधाओं का अभाव व परम्पराओं की अनदेखी समझे जा रहे हैं मेला फीका रहने के कारण
HRTC Buses के अभाव में Pick-up जैसे Goods Carrier वाहनों में मेला घूमने का जोखिम उठा रहे हैं लोग
International Renukaji Fair में इस बार गत वर्षों की तरह भीड़ न जुटने से अधिकांश व्यापारी घाटे लगने की बात कह रहे हैं और कुछ तो Plot का किराया व खर्चा पूरा न हो पाने की भी आशंका जता रहे हैं। मेले में इस बार Chief Minister के आने की परम्परा टूटने, परिवहन की बसों कमी व डेरा परम्परा समाप्त कर चुके Sirmaur District Administration द्वारा मेलार्थियों की मूलभूत सुविधाओं व परम्पराओं की अनदेखी को लोग भीड़ न जुटने के कारण मान रहे हैं। मेले की जान कही जाने वाली सांस्कृतिक संध्याओं में सस्ते कलाकारों से काम चलाया जाना व जिला प्रशासन द्वारा रेणुकाजी स्थिति संगड़ाह व नौहराधार तहसीलों में मेले का Local Holiday एकादशी व पूर्णिमा की बजाय 24-25 नवंबर को रखा जाना भी स्थानीय लोग व मेला व्यापारियों के अनुसार भीड़ कम रहने का कारण हो सकता है।
सदियों से आयोजित होने वाले इस मेले में परम्परा के अनुसार एकादशी व पूर्णिमा को सतयुगी तीर्थ कहलाने वाली रेणुकाजी झील में स्नान का विशेष महत्व रहता है, मगर तहसील रेणुकाजी स्थिति संगड़ाह में Local Holiday इन दोनों दिन नहीं नहीं रखें गए। कुछ साल पहले तक खाली रखे जाने वाले मेला बाजार के पिछले हिस्से के प्लाट को भी प्रशासन द्वारा दुकानदारों से ज्यादा कमाई के लालच में बेचकर यहां डेरा परम्परा को पहले ही समाप्त किया जा चुका है। मां रेणुकाजी व भगवान परशुराम में आस्था रखने वाले गिरिपार व उत्तराखंड के जौनसार आदि इलाकों के लोग यहां परिवार सहित अस्थाई टेंट अथवा डेरों में रहकर रात बिताते थे अथवा जागरण किया करते थे। गत सप्ताह समाजसेवी एवं AAP Leader नाथूराम द्वारा मेला स्थल पर संतोषजनक सार्वजनिक शौचालयों का अभाव व मेले के लिए गिरिपार में पहले की तरह Special HRTC Buses का प्रावधान न किए जाने का मुद्दा उठाया गया, मगर समस्या का समाधान नहीं हुआ। बसों की कमी के चलते जहां काफी लोग Pick-up जैसे Goods Carrier वाहनों में मेले में पंहुच रहे हैं, वहीं साधन सम्पन्न श्रद्धालु भी अपनी गाड़ियों से स्नान अथवा देवता के दर्शन के बाद बिना मेला बाजार में खरीदारी के लौट रहे हैं। BJP जिला प्रवक्ता मेलाराम शर्मा के बयान के बाद मेले में न आने वाले CM की कुर्सी जाने के चर्चे भी जारी है, हालांकि Congress कार्यकर्ता इस धारणा को अंधविश्वास बताते हुए AIIMS दिल्ली के Doctors द्वारा CM सुखविंदर सुक्खू को भीड़भाड़ में न जाने की सलाह देने की बात कह रहे हैं।
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