संगड़ाह Block की 44 पंचायतों की FRC को दी वन भूमि पर कब्जे नियमित करने संबंधी जानकारी

अकेले सताहन पंचायत में 25 प्रभावशाली लोगों द्वारा खेत व बागीचों के लिए कब्जाई गई है Forest Land 

SDM संगड़ाह ने किया 3 दिवसीय कार्यशाला का समापन 

संगड़ाह। सिरमौर जिला के विकास खण्ड संगड़ाह की पंचायत स्तर की 44 वन अधिकार समितियों को Forest Right Act-2006 के तहत वन अधिकार लेने संबंधी जानकारी के लिए हिमधारा NGO व उपमंडल प्रशासन द्वारा 3 दिवसीय Training Workshop का आयोजन किया गया। इस दौरान स्वयं सेवी संस्था के संयोजक हिमशी सिंह व प्रकाश भंडारी तथा SDM संगड़ाह सुनील कायथ ने मौजूद ग्रामीणों को अपने Forest Right को लेने के कानूनी तरीकों अथवा दावे पेश करने संबंधी जानकारी दी। 

Forest Land पर कब्जे नियमित करवाने के लिए काम कर रहे सिरमौर वन अधिकार मंच के Activists भी हरिपुरधार में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में मौजूद रहे। गौरतलब है कि, उपमंडल संगड़ाह की अकेली सताहन पंचायत में 25 प्रभावशाली परिवारों द्वारा वन भूमि पर खेत, बागीचे व अन्य संपत्तियां बनाने के लिए अवैध कब्जे किए गए हैं। सिरमौर वन अधिकार मंच के सहयोग से 17 मई 2022 को उक्त परिवारों ने पंचायत FRC से पारित अपने दावे एसडीएम की अध्यक्षता वाली उपमंडल स्तरीय वनाधिकार समिति को सौपे थे, जिनमें से अधिकतर FRA-2006 के नियमों के खिलाफ पाए जाने के चलते नियमित नहीं हुए। 3 व 4 जनवरी 2022 को उच्च न्यायालय के आदेशों के पर वन विभाग द्वारा दिउड़ी-खड़ाह पंचायत में आरक्षित वन से आधा दर्जन अवैध कब्जे हटाए भी जा चुके हैं। 
हाल ही में उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह के साथ लगते गांव मंडोली में वन भूमि पर रह रहे 1 परिवार का अवैध कब्जा हटाने के आदेश जारी कर प्रशासन द्वारा बिजली व पानी के कनेक्शन काटे जा चुके हैं। NGO Activists हिमशी सिंह ने बताया कि, पहले दिन कार्यशाला में उपतहसील हरिपुरधार की 11 पंचायतों के प्रधान, सचिव, FRC President व संबंधित कर्मचारी शामिल हुए, जबकि दूसरे दिन नौहराधार की 14 पंचायतों के लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। बुधवार को अंतिम दिन संगड़ाह तहसील की शेष पंचायतों की वन अधिकार समितियों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला के समापन समारोह से पहले एसडीएम संगड़ाह दूसरे दिन मंगलवार को भी मौजूद रहे। कार्यशाला के समापन के अवसर पर उपमंडल अधिकारी संगड़ाह के साथ-साथ तहसीलदार प्रोमिला धिमान व BDO चिराग शर्मा आदि भी मौजूद रहे।
 

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