हिमाचल के प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल शिरगुल महाराज मंदिर चूड़धार के पोल कहलाने वाले कपाट अब परम्परा के अनुसार आगामी अप्रैल माह में बैसाखी पर खुलेंगे। शिरगुल देवता मंदिर कमेटी चूड़धार के अध्यक्ष एवं SDM चौपाल द्वारा 2 दिन पहले मंदिर अथवा चूड़धार यात्रा पर रोक लगाने संबंधी आदेश जारी किए जा चुके है। गौरतलब है कि, आमतौर पर करीब 11900 फुट ऊंची इस चोटी पर अक्तुबर के आखरी दिनों में Snowfall हो जाता है, मगर इस बार बारिश न होने से अब तक दिसंबर में भी बर्फबारी नहीं हुई है।
चूड़धार को लेकर 1 रोचक तथ्य यह भी है कि, सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह अंतर्गत आने वाले इस मंदिर के लिए करीब 80 % श्रद्धालु अथवा यात्री इसी उपमंडल के नौहराधार होकर जाते हैं और जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा मंदिर अधिग्रहण किए जाने के बाद से इसे शिमला के SDM चौपाल के क्षेत्राधिकार में सौंपा गया। उपमंडलीय दंडाधिकारी चौपाल के बाद आम तौर पर SDM संगड़ाह भी नौहराधार वाले मुख्य मार्ग से चूड़धार न जाने संबंधी Advisory जारी करते हैं। सेवा समिति के कुछ सदस्यों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंदिर की यात्री सरायं के लिए भी चुड़ेश्वर सेवा समिति को BDO संगड़ाह अथवा DC Sirmaur द्वारा विकास में जनसहयोग के तहत Budget उपलब्ध करवाया गया था।
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