लोक गायक दिनेश के नए Album में 400 साल पुरानी सिरमौरी वंशगाथा शामिल

सिरमौरी कलाकार ने Launch किया 10वां नाटी एल्बम  

SDM संगड़ाह ने किया "गाणा DJ वाला" का विमोचन 

बणकरा को लेकर ठुंडू-कमरऊ वंश में हुई जंग को ठेठ अंदाज में पेश किया 


 ख्यातिप्राप्त हिमाचली नाटी गायक दिनेश शर्मा ने शनिवार को अपने 10वें नाटी एल्बम "गाणा डीजे वाला" को बाजार में उतारा। Album का विमोचन उपमंडलीय दंडाधिकारी संगड़ाह राहुल कुमार द्वारा किया गया। YouTube पर Launch किए गए इस Audio album में कुल चार गाने हैं जिनमें से दो पारंपरिक तथा दो विशुद्ध नई नाटियां है। 
 एलबम के Title Song गाना बाजा DJ वाला में हिमाचल प्रदेश व जिला सिरमौर की बदलती लोक संस्कृति व परंपराओं का जिक्र है। दूसरे नए गीत "ओ बिंदु" के बोल हिमाचल के ख्याति प्राप्त Folk Singer ठाकुर दास राठी द्वारा लिखे गए हैं। 
 एल्बम में शामिल ठुंडू-कमरऊ की लड़ाई पर आधारित सिरमौरी वंशगाथा "आपी रो मुजे ठुंडुए" करीब 400 साल पुरानी बताई जाती है। उक्त वीरगाथा चार शताब्दी पूर्व कमरऊ व ठुंडू वंश के बीच बणकरा अथवा पशु चराने के private Tax को लेकर हुई जंग पर आधारित है। कमरऊ वालों द्वारा लगाए गए कर को न दिए जाने से छिड़ी इस लड़ाई में दोनों पक्षों के कईं लोगों की जान गई थी। बणकरा देने से इंकार करने पर कमरऊ के बाशिंदों ने ठु़ंडू बिरादरी के सबला नामक भेड़ पालक की हत्या कर दी थी तथा उसकी भेड़ बकरियां लूट ली थी। इसके बाद ठुंडू वंश के लोगों के कमरऊ खेमे के लोगों पर सुनियोजित जवाबी हमला किया। गाथा के मुताबिक "विजट देवता" की अनुमति के बाद किए गए इस आक्रमण के दौरान कईं लाशें बिछ गई थी।

 2017 के विधानसभा चुनाव में जिला सिरमौर में Election commission के Icon रहे दिनेश शर्मा इससे पूर्व कसम से, पहाड़ी महफिल, तेरी याद, The Great Mujra व हाटी री नाटी आदि Video album का प्रक्षेपण कर चुके हैं। वर्ष 2006 में कसम से नाटी गीतमाला से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले दिनेश शर्मा हिमाचल के सभी अंतरराष्ट्रीय मेलों व प्रमुख त्योहारों में Live show के अलावा कुछ पड़ोसी राज्यों में भी प्रस्तुतियां दे चुके हैं। शनिवार को दसवें Audio album के विमोचन पर उनके प्रशंसकों व क्षेत्रवासियों ने उन्हें बधाई दी।
बातचीत में संगड़ाह से संबंध रखने वाले दिनेश ने कहा कि, हिमाचल की लोक संस्कृति अथवा लोकगीतों को भावी पीढ़ियों के लिए विशुद्ध रूप मे सहेजना व नाटियों का प्रसार उनका मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक से Audio Video Album, YouTube, Media व Social media आदि माध्यमों से हिमाचली नाटियों अथवा लोकगीतों को देश-विदेश में सुना जा रहा है, जो कि उन जैसों के लिए हर्ष का विषय है।


Comments