औषधीय गुणों से भरपूर Rodo Juice व Jam के लिए हर साल खरीदा जाता है बुरास
जिला सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ के समुद्र तल से 5,500 से 11,500 फुट की ऊंचाई वाले हिमालयन जंगल इन दिनों बुरास अथवा Rhododendron के पेड़ों पर आई बहार से आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। हमेशा हरे दिखने वाले क्षेत्र के इन जंगलों में बुरास बहुतायत हिस्से में पाया जाता है तथा जंगल दूर से देखने पर Red Rose Garden जैसे प्रतीत होते हैं। संगड़ाह से गत्ताधार, नौहराधार, हरिपुरधार व राजगढ़ की ओर जाने वाली सड़कों पर सैकड़ों hectare भूमि में फैले बुरास के जंगलों पर इन दिनों फिर से बाहर लौट आई है। जिला सिरमौर के अलावा साथ लगते शिमला जिला में भी बुरांस काफी मात्रा में पाया जाता है।
क्षेत्र में इन दिनों पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ व दिल्ली आदि से आने वाले Tourist के लिए यह जंगल आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। सैलानियों के अलावा कईं प्रर्यावरण प्रेमियों व स्थानीय लोगों को भी बुरास के साथ Selfie व Photoshoot करते देखा जा सकता है। प्रदेश के राज्य पुष्प बुरांश अथवा बुरास का वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रॉन है जिसका शाब्दिक अर्थ पेड़ पर खिलने वाला गुलाब है। बुरास न केवल देखने में आकर्षक है, बल्कि इसमें औषधीय गुणों के चलते कुछ लोगों के लिए यह आमदनी का जरिया भी बना हुआ है।
जिला सिरमौर के राजगढ़ में मौजूद उद्यान विभाग के Juice plant अथवा फैक्ट्री में हर साल करीब 40 क्विंटल बुरास का जूस निकाला जाता है। इस जूस की सप्लाई सिरमौर के अलावा शिमला, बिलासपुर व कुल्लू आदि जिलों में भी हिमकू के माध्यम से की जाती है। इसके अलावा Development Block Sangrah के जरग में Fruit Processing and essential oil unit स्थापित कर चुके दुर्गा किसान क्लब द्वारा भी रोडो जूस व जैम आदि तैयार किए जाते हैं। उपमंडल संगड़ाह के टुहेरी तथा जिला के कुछ अन्य गांवों के किसान हर साल क्षेत्र के जंगलों से वन विभाग की अनुमति से बुरास निकालकर इसे उद्यान विभाग अथवा संबंधित उद्योगों को बेचते हैं।
दूर से Rose Garden सरीखे दिखाई देते हैं Rhododendron Forest
क्षेत्र में इन दिनों पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ व दिल्ली आदि से आने वाले Tourist के लिए यह जंगल आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। सैलानियों के अलावा कईं प्रर्यावरण प्रेमियों व स्थानीय लोगों को भी बुरास के साथ Selfie व Photoshoot करते देखा जा सकता है। प्रदेश के राज्य पुष्प बुरांश अथवा बुरास का वैज्ञानिक नाम रोडोडेंड्रॉन है जिसका शाब्दिक अर्थ पेड़ पर खिलने वाला गुलाब है। बुरास न केवल देखने में आकर्षक है, बल्कि इसमें औषधीय गुणों के चलते कुछ लोगों के लिए यह आमदनी का जरिया भी बना हुआ है।
जिला सिरमौर के राजगढ़ में मौजूद उद्यान विभाग के Juice plant अथवा फैक्ट्री में हर साल करीब 40 क्विंटल बुरास का जूस निकाला जाता है। इस जूस की सप्लाई सिरमौर के अलावा शिमला, बिलासपुर व कुल्लू आदि जिलों में भी हिमकू के माध्यम से की जाती है। इसके अलावा Development Block Sangrah के जरग में Fruit Processing and essential oil unit स्थापित कर चुके दुर्गा किसान क्लब द्वारा भी रोडो जूस व जैम आदि तैयार किए जाते हैं। उपमंडल संगड़ाह के टुहेरी तथा जिला के कुछ अन्य गांवों के किसान हर साल क्षेत्र के जंगलों से वन विभाग की अनुमति से बुरास निकालकर इसे उद्यान विभाग अथवा संबंधित उद्योगों को बेचते हैं।
हृदय रोग, कैंसर, खून संबंधी बीमारियों तथा पेट के रोगों के लिए Rhododendron juice अचूक औषधि समझा जाता है, जिसके चलते यह सामान्य जूस से काफी महंगा है। क्षेत्र में अब तक बुरास के उत्पादों से संबंधित कोई बड़ा उद्योग न होने के चलते हालांकि किसान अथवा स्थानीय लोग इससे ज्यादा फायदा नहीं उठा पा रहे हैं, मगर कुछ लोगों के लिए यह जंगली फूल आमदनी का जरिया बना हुआ है। उद्यान विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ यूएस तोमर के अनुसार राजगढ़ में मौजूद Plant में रोडो जूस तैयार किया जाता है, जिसकी सप्लाई प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में की जाती है। दुर्गा किसान Fruit Processing Unit के संचालक महिमानंद शर्मा के अनुसार Government of Himachal Pradesh से बेहतर सहयोग मिले तो बुरांस क्षेत्र के किसानों के लिए आमदनी का अच्छा जरिया बन सकता है।
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