उपमंडल संगड़ाह अथवा रेणुकाजी क्षेत्र के विकास मे नाकाम नेताओं का यहां चुनाव प्रचार पर भी ध्यान नही
Voting के लिए पहचान पत्र साथ लाने तक की पूर्व सूचना नही दे सके निर्वाचन Officer
हिमाचल के पहले Chief Minister डॉ वाईएस परमार का चुनाव क्षेत्र रहे रेणुकाजी हल्के अथवा संगड़ाह उपमण्डल में कांग्रेस व भाजपा जैसे राजनीतिक दलों तथा Election commission के संबंधित अधिकारियों द्वारा स्थानीय मुद्दों तथा Polling percentage बढ़ाने पर खास ध्यान न दिए जाने के चलते यहां मतदाताओं में खास उत्साह नजर नहीं आया। यहां तक कि, क्षेत्र के Model Polling Booth संगड़ाह-1 तथा अंधेरी मे भी न तो चुनाव आयोग अथवा प्रशासन की ओर से खास बंदोबस्त किए गए और न राजनीतिक दलों तथा Voters द्वारा माडल बूथ की अहमियत समझी गई। विकास व राजनीतिक जागरूकता की दृष्टि से प्रदेश के पिछड़े इलाकों में गिने जाने वाले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस हल्के 2017 के चुनाव के बाद इस बार भी अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तरह न तो राष्ट्रीय स्तर का कोई Star campaigner पहुंचा और न ही राज्य स्तर के बड़े नेताओं की दो से ज्यादा रैलियां हुईं।
उपमंडल संगड़ाह अथवा रेणुकाजी हल्के में रैलियों के नाम पर हुई Chief Minister जयराम ठाकुर तथा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की जनसभाओं में भी बहुत ज्यादा भीड़ नहीं दिखी। इस बार चुनाव आयोग द्वारा BLO द्वारा दी जाने वाली वोटर स्लिप के अलावा एक अन्य Idantity Card रखे जाने की शर्त रखे जाने तथा संगड़ाह के दोनों Polling Booth के अलावा सैंज व लगनू आदि में EVM करीब एक घंटा खराब रहना भी कम Voting के कारण समझे जा रहे हैं। क्षेत्र में मतदाताओं ने उक्त मामलों पर जताई। विडंबना यह भी रही कि, Voter awareness पर लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद District Returning Officer अथवा उपायुक्त सिरमौर द्वारा मतदान शुरू होने से करीब दो घंटे बाद मतदान के लिए पहचान पत्र साथ लाए जाने संबंधी बयान Social media पर जारी करवाया गया।
सिरमौर जिला के पांच विधानसभा क्षेत्रों में रेणुकाजी हल्का Polling percentage के मामले में चौथे स्थान पर रहा। Development की दृष्टि से पिछड़े इस Assembly area में वर्तमान लोकसभा चुनाव में भी संगड़ाह में ज्युडीशियल कोर्ट, क्षेत्र में प्रस्तावित चार NH के निर्माण व गिरिपार को जनजातीय दर्जा जैसे मुद्दों पर न तो सत्ताधारी BJP के नेता मतदाताओं को आश्वस्त कर सके और न ही प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के लोग उक्त लंबित मांगों को भुना सके। इसके चलते मतदाताओं में खास उत्साह नहीं देखा गया। बहरहाल इस बार भी श्री रेणुकाजी- 57 विधानसभा क्षेत्र में उम्मीद से कम मतदान होने के कारण क्षेत्र में स्थानीय मुद्दों पर ध्यान न दिया जाना व Voters को जागरूक करने में हुई अनदेखी आदि को समझा जा रहा है।
हिमाचल के पहले Chief Minister हल्के में 49,357 ने डाले वोट
Parliament election संपन्न होने के बाद क्षेत्र के भाजपा व Congress नेताओं मे जीत-हार के दावों तथा एग्जिट पोल पर लेकर बहस का दौर शुरू हो गया है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र को कांग्रेस जहां अपना मजबूत गढ़ मान रही हैं, वहीं भाजपा को मोदी के नाम पर इस बार बढ़त की पूरी उम्मीद है। क्षेत्र में 70 percent के करीब कुल 49,357 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जिसमें 26,079 में पुरुष तथा 23,278 महिलाएं शामिल है। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा से बगावत कर बतौर निर्दलीय candidate चुनाव लड़ 12,069 लेने वाले पूर्व विधायक राम चौहान इस बार फिर से BJP में शामिल हुए हैं।
हृदय राम की घर वापसी से भाजपा को क्षेत्र में Parliament election में 2017 के विधानसभा चुनाव से ज्यादा वोट मिलने की उम्मीद है। 2017 के चुनाव मे कांग्रेस प्रत्याशी विनय कुमार भाजपा के बलबीर चौहान को 5,160 मतों से हराकर दोबारा MLA चुने गए थे। उधर कांग्रेस नेताओं की माने तो हिमाचल के पहले Chief Minister वाईएस परमार का विधानसभा क्षेत्र रह चुके इस हल्के में कांग्रेस आज भी उतनी ही मजबूत है, जितनी पहले थी। सभी मुख्यधारा वाले न्यूज चैनल के Exit poll में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनना भी क्षेत्र में चर्चा का विषय है। भाजपाई जहां एग्जिट पोल में दिखाए जा रहे नतीजों से ज्यादा सीटें मिलने की बात कह रहे हैं, वही कांग्रेसियों को एग्जिट पोल में फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं। बहरहाल Election से निवृत्त होकर क्षेत्र के नेता व कार्यकर्ता नतीजों पर लेकर बहस में लगे हैं। जिला सिरमौर तथा प्रदेश के Development की दृष्टि से पिछड़े इलाकों में शामिल इस हल्के में मुख्य मुद्दा रही क्षेत्रवासियों की लंबित मांगों व नेताओं की अधूरी घोषणाओं पर चुनाव के बाद चर्चा नहीं हो रही है।
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