Everest विजेता विवेक का घर लौटने पर नागरिक अभिनंदन

पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ किया Assistant Commenter-2 का Welcome 
 सिरमौर के पहले एवरेस्ट विजेता ने मां के साथ किया कुल देवता को नमन

Everest पर इस बार सामान्य ज्यादा रहा मानव Traffic
 दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी Everest पर तिरंगा फहराने के बाद सकुशल घर लौटे NSG Assistant Commenter-2 विवेक का ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। सिरमौर जिला के उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह के साथ लगते उनके पैतृक गांव अंधेरी में ग्रामीणों ने दुनिया भर में क्षेत्र व हिमाचल का नाम रोशन करने वाले इस सपूत का पारंपरिक वाद्य यंत्र दमेनू, ढोल व नगाड़ों आदि के साथ नागरिक अभिनंदन किया। 

 विवेक व उनकी माता यशोदा देवी ने इस अवसर पर अपने कुल देवता शिरगुल महाराज की पूजा भी की तथा एवरेस्ट फतह करने की इच्छा पूरी होने पर खुशी जाहिर की। मालाओं से औपचारिक Welcome के बाद उनके लिए पंचायत भवन में जलपान का भी आयोजन किया गया। रविवार बाद दोपहर संगड़ाह में विवेक ठाकुर के सहपाठियों द्वारा भी उनका स्वागत किया गया तथा उन्हें टी-पार्टी दी गई।

 सिरमौर जिला के पहले एवरेस्ट विजेता 29 वर्षीय विवेक सात साल पहले Paramilitary Force में बतौर Sub-Inspector भर्ती हुए थे। काफी अरसा पहले उनके पिता स्व गुमान सिंह का देहांत हो चुका है। विवेक ठाकुर ने बताया कि, इस बार एवरेस्ट पर Human traffic अथवा पर्वतारोहियों की संख्या ज्यादा होने तथा कम Weather window के चलते सामान्य से ज्यादा casualties भी हुई।
 Everest के Basecamp से 19 मई को NSG Team के 12 सदस्यीयों के साथ निकले विवेक 22 मई को 8,848 मीटर ऊंचे शिखर पर पहुंचे। इस दौरान वह करीब -40 Degree celsius Temperature में 3 दिन लगातार चलते रहे तथा ज्यादा मानव यातायात के चलते यात्रा में सामान्य से ज्यादा समय लग गया।


 इससे पहले विवेक 2017 में एनएसजी Mountaineering training के दौरान दार्जलिंग, माउंट नान व मनाली की पहाड़ियां लांघने के बाद 2018 में देव टिब्बा व जोगिन आदि चोटियां भी फतेह कर चुके हैं। उन्होंने पर्वतारोहियों, ट्रेकर्स व सैलानियों से अपील की कुदरत की खूबसूरत नेमत बर्फीली पहाड़ियों पर कचरा छोड़ प्रर्यावरण को प्रदूषित न करें। विवेक ने युवाओं से नशों से दूर रहने की भी अपील की। अंधेरी में पंचायत प्रधान पदमा देवी सहित लगभग सभी ग्रामीण उनके स्वागत के लिए पहुंचे।

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