संगड़ाह की सड़कों ने सात साल में ली 127 जाने

बदहाल Roads के मुद्दे पर कईं बार प्रर्दशन कर चुके हैं Left संगठन 

अब तक State Highway से भी नही जुड़ सका है सूबे के पहले CM का चुनाव क्षेत्र 

संबंधित अधिकारियों के अनुसार Drivers की लापरवाही से हो रहे Accident 

 संगड़ाह। लोक निर्माण विभाग मंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाली करीब 707 किलोमीटर सड़कों पर विगत सात वर्षों में हुई वाहन Accidents में अब तक 127 की जान जा चुकी है। मंगलवार को संगड़ाह-चौपाल Road पर बड़याल्टा के समीप दुर्घटनाग्रस्त हुई कार HP-79-0861 में दो लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई तथा 2020 के इस पहले जानलेवा हादसे के सही कारणों का खुलासा Police के मुताबिक गाड़ी की मैकेनिकल रिपोर्ट आने के बाद हो सकेगा। हरिपुरधार व संगड़ाह के बीच बड़याल्टा नामक स्थान के आसपास पिछले दशक से बार-बार हुई वाहन दुर्घटनाओं में कईं लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि लोक निर्माण विभाग के अनुसार मंगलवार को जहां Car Accident हुआ वहां सड़क छः मीटर चौड़ी है। 
 इससे पूर्व गत 21 नवंबर को कार हादसे में हरिपुरधार कॉलेज के छात्र मनोज शर्मा के निधन के बाद 10 दिसंबर को चाढ़ना गांव के समीप एक ब्लेक स्पोट पर बाइक दुर्घटना में सुरेश सूर्या नामक शिक्षक की मृत्यु हो गई। इससे पूर्व मई 2019 में गांव डटवाड़ी के समीप दुर्घटनाग्रस्त हुई कार में जहां 21 वर्षीय जितेंद्र की जान गई, वहीं अप्रैल में थ्यानबाग (बड़याल्टा) के समीप हुई कार दुर्घटना मे चार लोगों की मौत हो चुकी है। वाहन हादसों मे मारे गए 127 में से 56 लोगों की मौत चार निजी बस हादसों में हुई है। उक्त हादसों में डेढ़ सौ करीब लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। 
 संगड़ाह-रेणुकाजी मार्ग पर खड़कुली के समीप गत 5, जनवरी 2018 को दुर्घटनाग्रस्त निजी स्कूल बस मे 7 छोटे बच्चों सहित कुल आठ लोगों की जान गई थी। इससे पूर्व 16 जून 2013 को उपमंडल संगड़ाह के भराड़ी में दुर्घटनाग्रस्त निजी बस में 20, 27 सितंबर 2013 को जबड़ोग में दुर्घटनाग्रस्त एक अन्य निजी बस में 21 तथा 23 नवंबर 2014 को सेल में गिरी प्राइवेट बस में 7 लोगों की जान गई। इसके अलावा साथ लगते नाहन उपमंडल के रेणुकाजी-नाहन मार्ग पर गत 25 नवंबर 2018 को जलाल पुल से गिरी Overloaded Private Bus में जहां 9 लोगों की जान गई, वहीं 50 के करीब यात्री घायल हुए। उक्त बस हादसों में से तीन बसें मीनू व चौहान कोच नामक Transport company की है, जिनकी अधिकतर बसें इस इलाके में चलती है। 
 क्षेत्र की बदहाल सड़कों अथवा वाहन दुर्घटनाओं के मुद्दे पर 10 दिसंबर को जहां चाढ़ना में वामपंथी छात्र संगठन SFI के दो नेताओं की मौजूदगी में ग्रामीणों द्वारा चार घंटे तक चक्का जाम किया गया, वहीं किसान सभा के जिला अध्यक्ष रमेश वर्मा की अगवाई में उक्त मुद्दे पर तीन बार उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में भी Left संगठन प्रर्दशन कर चुके हैं। संबंधित अधिकारी हांलांकि संगड़ाह में सिरमौर अथवा हिमाचल अन्य उपमंडलों से ज्यादा हादसे होने का कारण केवल खस्ताहाल सड़कों को नहीं मानते, मगर यह बात भी सच है कि, हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डॉ परमार का विधानसभा क्षेत्र रहा यह इलाका अब तक राज्य उच्च मार्ग से भी नहीं जुड़ सका। हादसों का कारण बेशक संबंधित कर्मचारी चालकों की लापरवाही मानते हों, मगर Drivers की मानें तो कोई मरना नहीं चाहता। रोड सेफ्टी क्लब संगड़ाह द्वारा पिछले एक साल से दुर्घटनाओं को लेकर कोई जागरुकता शिविर अथवा आम लोगों के साथ नियमित बैठकें न किए जाने के मुद्दे पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं।

 लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संगड़ाह तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के अनुसार ज्यादातर हादसे चालकों की लापरवाही व अन्य कारणों से हो रहे हैं। हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डॉ वाईएस परमार का विधानसभा क्षेत्र रहे इस इलाके की बदहाल सड़कों के लिए भाजपाई जहां करीब छः दशक तक क्षेत्र के MLA रहे कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार बता रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता केन्द्रीय परिवहन मंत्री की घोषणा के चार साल बाद भी क्षेत्र में चार NH न बनने के लिए मोदी सरकार को कोस रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संगड़ाह रतन शर्मा के अनुसार Accident सड़कों की वजह से नहीं, बल्कि अन्य कारणों से हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि, क्षेत्र की विभिन्न सड़कों तथा ब्लेक स्पोट पर सुधार किए जाने संबंधी अधिकतर कार्य पूरे हो चुके हैं। DSP संगड़ाह अनिल धौलटा ने कहा कि, क्षेत्र में वाहन अधिनियम की अवहेलना करने वाले चालकों के चालान करने के साथ-साथ उन्हें दुर्घटनाओं के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। डीएसपी के अनुसार मंगलवार को संगड़ाह-चौपाल मार्ग पर हुई कार दुर्घटना को लेकर तहकीकात जारी तथा मैकेनिकल रिपोर्ट आने के बाद सही कारणों का पता लग सकेगा।

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