खबरनामा सिरमौर 👇
80 घंटे बाद भी नहीं मिला संगड़ाह की खड्ड में डूबा युवक
NDRF अथवा Professional Drivers की व्यवस्था नहीं कर सका सिरमौर प्रशासन
चौथ दिन शिमला के गोताखोर भी नाकाम
संगड़ाह। उपमंडल संगड़ाह की एक खड्ड के भंवर में डूबे युवक को शनिवार को 80 घंटे बाद भी पुलिस प्रशासन ढूंढने में नाकाम रहे। पांवटा साहिब से बुलाए गए गोताखोर शनिवार को हाथ खड़े कर लौट गए। इस बीच पुलिस द्वारा शिमला जिला के चोपाल से लाए गए देसी गोताखोर भी शनिवार को युवक को भंवर से निकालने का असफल प्रयास करते नजर आए। गांव देवामानल में अपनी बहन के घर गया मंडोली गांव का 17 वर्षीय अभिषेक बुधवार दोपहर खड्ड में नहाते वक्त में डूब गया था। जल शक्ति विभाग द्वारा खड्ड के पानी के बहाव को डायवर्ट करने की नाकाम कोशिश भी की गई। स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार सायं जहां तेज बारिश होने के चलते कुछ ही घंटे बाद Search Operation बंद करना पड़ा, वहीं शनिवार को पांवटा के गोताखोरों के जाने के बाद चोपाल से डाइवर्स बुलाए गए।
चूड़धार चोटी से निकलने वाले पालर खड्ड के तेज वहाव वाले कुंड अथवा भंवर से बिना Professional Drivers के युवक को निकालना local Police प्रशासन बहुत मुश्किल बता रहे हैं। युवक के परिजनों व क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा तीन दिन से प्रशासन व हिमाचल सरकार से एनडीआरएफ, Army अथवा आक्सिजन सिलेंडर वाले विशेषज्ञ गोताखोरों को बुलाकर शव निकालने की अपील की जा रही है। SDPO संगड़ाह अनिल धौलटा ने बताया कि, चोपाल के गोताखोर सर्च आपरेशन जारी रखें हुए है। उन्होंने कहा कि, जल शक्ति विभाग की मदद से मोटी पाइपें लगाकर खड्ड के बहाव को डायवर्ट करने की कोशिश भी की जा रही है। SDM संगड़ाह IAS राहुल कुमार ने बताया कि, Deputy Commissioner सिरमौर से उक्त युवक को निकालने के लिए NDRF अथवा सैना की मदद लेने की सिफारिश की गई है।
मक्की की बिजाई मे व्यस्त हुए सिरमौर के किसान
संगड़ाह में 4200 हेक्टेयर भूमि पर उगाई जाती है फसल
संगड़ाह। जिला सिरमौर के विभिन्न हिस्सों में इस बार समय पर हुई बारिश के चलते मक्की की बेहतर पैदावार की उम्मीद है तथा उक्त फसल की बिजाई का कार्य अंतिम दौर में है। गत सप्ताह से जिला के विभिन्न हिस्सों में बार बार हो रही बारिश को मक्की व खरीफ की अन्य फसलों के लिए वरदान समझा जा रहा है। किसानों तथा कृषी विशेषज्ञों के अनुसार इस बार समय पर हुई बारिश से मक्की के बेहतर उत्पादन की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिला में कुल 19000 हेक्टेयर के करीब भूमि पर मक्की की फसल उगाई जाती है तथा इस फसल की सबसे ज्यादा खेती विकास खंड संगड़ाह में की जाती है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को मक्का का उन्नत बीज भी उपलब्ध करवाया गया।
कृषि विकास खंड की 41 पंचायतों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभग 4200 हेक्टेयर भूमि पर मक्की उगाई जाती है, हालांकि पिछले तीन दशकों से क्षेत्रवासी नकदी फसलें टमाटर, मटर, अदरक व बेमौसमी सब्जियों की खेती पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में बंदरों के आतंक के चलते भी मक्की का बिजाई का area साल दर साल कम होता जा रहा है। संबंधित विभागों के आंकड़ों में पिछले दशक से मक्की की खेती के क्षेत्र में खास अंतर नहीं आया। धूप खिलने से पहले ही किसान मक्की की बिजाई के लिए खेतों में पहुंच जाते हैं तथा कुछ किसान बिजाई का कार्य लगभग पूरा कर चुके हैं। जिला का मक्का उत्पादन वाला अधिकतर क्षेत्र पहाड़ी इलाका होने के चलते किसान बैल अथवा पारंपरिक ढंग से फसल की बिजाई करते हैं। इन दिनों सुबह होते ही इलाके में हल जोत रहे किसानों की आवाजें सुनाई देने लगती है। बहरहाल समय पर बारिश होने से इस बार जिला में मक्की के बेहतर उत्पादन की उम्मीद से किसान खुश है तथा बिजाई का दौर जारी है।
मानक संचालन प्रक्रिया पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर होगा आयोजित : DC
नाहन। Covid-19 के संक्रमण को सरकारी कार्यालयों में फैलने से रोकने तथा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के उददेशय से सभी कार्यालय के अधिकारियो/ कर्मचारियों को मानक संचालन प्रक्रिया से सम्बन्धित दो दिवसीय कार्यशाला 10 और 11 जून, 2020 को जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जाएगा यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर डॉ आके परूथी ने देते हुए बताया कि, सभी कार्यालय के अधिकारी अपने विभाग से प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अधिकारी व कर्मचारियों की सूची 9 जून, 2020 प्रातः 11 बजे तक ई-मेल के माध्यम से जिला दण्डाधिकारी कार्यालय को भेजे।
आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे सभी सरकारी Office खुले रहेंगे
प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर स्थित दवाईयों की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान रहेंगे बंद
नाहन। सिरमौर District के पच्छाद Block की ग्राम पंचायत बागपशोग के गांव बाग में कोरोना संक्रमित मामला आने पर जिला दण्डाधिकारी सिरमौर डॉ आरके परूथी ने बागपशोग के गांव बाग को Hotspot कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है तथा ग्राम पंचायत बागपशोग के साथ लगते गांव कांगर-घरयार, टिक्करी-पंजैली, घरगो पलाशो तथा पोघाट को बफर जोन घोषित करते हुए आगामी आदेशों तक सील करने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि आपदा की स्थिति को छोड़कर, इस सम्पूर्ण क्षेत्र में सभी प्रकार की आवाजाही व सभी प्रकार के समारोह, प्रदर्शन, बैठके, जलूस, रैली, कार्यशाला, सामुदायिक व सभी प्रकार के धार्मिक आयोजन पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। राष्ट्रीय उच्च मार्ग नाहन से कुमारहटटी जोकि गांव पोघाट की सीमा से लगता है, वाहनों की आवाजाही के लिए खुला रहेगा। इस दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर स्थित दवाईयों की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। इसके अतिरिक्त, कन्टेनमेंट जोन में सभी बैंक तथा व्यावसायिक संस्थान भी बंद रहेंगे।
डॉ परुथी ने बताया कि, सील किये गए क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे सभी सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे बशर्ते इन कार्यालयों में Social Distancing तथा सरकार द्वारा निर्धारित क्रमवार तरीके से कर्मचारियों की उपस्थिति को सुनिश्चित किया जाए। इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र में अन्य सभी कार्यालय बंद रहेंगे। कन्टेनमेंट जोन में अधिकृत व्यक्ति और वाहन के अलावा अन्य सभी व्यक्तियों और वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। उन्होंने बताया कि खण्ड विकास अधिकारी, पच्छाद द्वारा कन्टेनमेंट जोन में समय-समय पर सैनिटाईजेशन करवाई जाएगी। DC ने बताया कि, कन्टेनमेंट जोन में सभी आवश्यक वस्तुओं की घरद्वार पर आपूर्ति सम्बंधित ग्राम पंचायत के प्रधान, उप प्रधान, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व पटवारी के सहयोग से सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उस व्यक्ति के विरूद्व IPC की Section 269, 270 और 188 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51, 54 और 56 के तहत कानुनी कार्यवाही की जाएगी।
Mining Check Post व धर्म कांटा शुरू न होने तक चूना खदानें बंद की जाए
संगड़ाह की NGO ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
संगड़ाह में 782 बीघा में मौजूद Mine से बिना weight किए निकल रहे Truck
2019 में स्विकृत माइनिंग चैक पोस्ट के लिए जमीन चयनित नहीं
संगड़ाह। नागरिक उपमंडल संगड़ाह में बिना Mining Check Post व Weighbridge के करीब 782 बीघा भूमि पर चल रही पांच चुना खदानों को क्षेत्र की शारा नामक स्वंयसेवी संस्था ने अवैध खनन करार देते हुए प्रदेश सरकार से इन्हे निर्धारित मापदंड पूरे होने तक बंद करने की अपील की। इस बारे शुक्रवार को मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र की प्रति जारी करते हुए NGO के मुख्य सचिव बीएन शर्मा ने यहां जारी बयान में कहा कि, वास्तव में बाहरी राज्यों के लोग परोक्ष रूप से यहां अवैध व Unscientific तरीके से खनन कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों के हिस्से में केवल प्रर्यावरण का नुक्सान अथवा साइड इफेक्ट्स ही आ रहे हैं। संगड़ाह की इन पांच Limestone माइन से हर साल उद्यौगपतियों तथा सरकार को लाखों की आमदनी होने के बावजूद यहां खनन कार्यों तथा Overloaded Trucks की जांच की मूलभूत व्यवस्था तक नही है। क्षेत्र से हर रोज बिना वजन किए पांच दर्जन के करीब पत्थर के ट्रक बेरोकटोक निकलने तथा यहां खनन गतिविधियों की जांच के लिए एक माइनिंग गार्ड तक नियुक्त न होने को संस्था ने अवैध खनन को सरकारी छूट करार दे चुके हैं। कस्बे के मुख्य बाजार से निकलने वाले Limestone के कईं ओवरलोडेड ट्रकों की तस्वीरें व वीडियो हालांकि यहां लगे दुकानदारों व Police के CCTV कैमरों में भी देखी जाती है, मगर यहां गाड़ियों के वजन करने की व्यवस्था न होने के चलते विभाग के अनुसार चालान नहीं किए जा सकते हैं। नागरिक उपमंडल संगड़ाह में एक भी माइनिंग गार्ड अथवा इंस्पेक्टर न होने के कारण यहां सैंकड़ों बीघा में मौजूद लाइमस्टोन area में Illogical व अवैज्ञानिक खनन पर नियंत्रण रखना आसान नहीं है। विभाग के अनुसार हालांकि समय-समय पर अन्य क्षेत्रों से यहां खनन रक्षक को माइनिंग की जांच के लिए भेजा जाता है, मगर जिला में खाली पदों के चलते नियमित रूप से निरिक्षण के लिए कर्मचारी भेजना संभव नहीं है। गत वर्ष सरकार द्वारा संगड़ाह के लिए खनन पड़ताल चौकी भी स्विकृत की जा चुकी है, मगर खनन विभाग अथवा प्रशासन गत अक्टूबर माह से इसके लिए जमीन चयनित नही कर सके। लाइमस्टोन से लदे ट्रकों के पास मौजूद एम फार्म अथवा W स्लिप में वेट संबंधी कालम खाली रखा जाता है, जो कि नियमानुसार सही नहीं है। स्वंयसेवी संगठनों के अनुसार हालांकि उक्त कालम खाली रखे जाने पर हांलांकि नियमानुसार कार्यवाही की जा सकती है, मगर प्रर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी के इस गृह क्षेत्र में अब तक ऐसा नहीं हुआ। संबंधित पुलिस अधिकारियों के अनुसार यहां वेट ब्रिज न होने के चलते ओवरलोडेड ट्रकों का चालान नहीं की जा सकता। क्षेत्र के एक प्रर्यावरण द्वारा ली गई आरटीआई के मुताबिक, हालांकि गत वर्ष संगड़ाह पुलिस द्वारा दो ओवरलोडेड चूना पत्थर ट्रकों के चालान किए गए, मगर अब संबंधित अधिकारियों के अनुसार वेट ब्रिज न होने की बात कहते हैं। बहुत ज्यादा लदे ट्रकों से राहगीरों तथा दुपहिया वाहनों पर पत्थर गिरने का खतरा भी रहता है। इस उपमंडल में सरकार द्वारा 782 बीघा के करीब भूमि पर खनन कार्य की अनुमति दिए जाने के बावजूद यहां माइनिंग अथवा अवैध खनन की जांच के लिए माइनिंग निरिक्षक, धर्म कांटा, चैक पोस्ट व लीज एरिया की जीओ टैगिंग जैसी मूलभूत व्यवस्था तक नही है। राष्ट्रीय लॉक डाउन के दौरान भी प्रशासन द्वारा चूना पत्थर से कैटल फीड बनने के नाम पर यहां खनन गतिविधियां चालू रखी गई। संगड़ाह कॉलेज के समीप मौजूद गुप्ता हिमालय माइन व नाहन मार्ग पर स्थित वालिया माइन संगड़ाह तथा दुर्गा माइन आदि खदानों से पत्थर के ओवरलोड ट्रक बिना वजन जांच के निकल रहे हैं। ट्रक आपरेटर Union की स्थानीय इकाई द्वारा गत 4, नवंबर, 2019 को खनन व्यवसाइयों द्वारा ओवरलोडिंग के लिए उन पर दबाव डालने के मुद्दे पर SDM संगड़ाह को लिखित शिकायत सौंपी गई थी। कईं सालों से यहां विपक्षी दलों नेता सरकार पर अवैध खनन के आरोप लगाते आ रहे हैं तथा सत्ता मिलने पर उक्त मुद्रा भूल जाते हैं। खनन व्यवसाइयों के अनुसार संगड़ाह के आसपास धर्म कांटा न होने के चलते गाड़ी को अंदाजन क्षमता के अनुसार लोड किया जाता है। जिला खनन अधिकारी सिरमौर सरीत चंद्र ने कहा कि, गत वर्ष उपमंडल संगड़ाह के लिए सरकार द्वारा एक माइनिंग चैक पोस्ट स्विकृत की जा चुकी है तथा उक्त चौंकी में धर्म कांटा भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि, चौकी के लिए जमीन चयनित किए जाने को लेकर एसडीएम संगड़ाह को लिखा जा चुका है। एसडीएम संगड़ाह राहुल कुमार के अनुसार फिलहाल उन्हें माइनिंग चैक पोस्ट को लेकर खनन विभाग से कोई पत्र नहीं मिला है तथा अधिकारिक पत्र मिलते ही जमीन संबंधी औपचारिकताएं पूरी करवाई जाएगी। डीएसपी संगड़ाह अनिल धौलटा के अनुसार चूना खदानों से निकलने वाले ट्रकों की समय-समय पर जांच की जाती है तथा तुला चौकी लगाने का मामला उनके विभाग से संबंधित नहीं है।
80 घंटे बाद भी नहीं मिला संगड़ाह की खड्ड में डूबा युवक
NDRF अथवा Professional Drivers की व्यवस्था नहीं कर सका सिरमौर प्रशासन
चौथ दिन शिमला के गोताखोर भी नाकाम
संगड़ाह। उपमंडल संगड़ाह की एक खड्ड के भंवर में डूबे युवक को शनिवार को 80 घंटे बाद भी पुलिस प्रशासन ढूंढने में नाकाम रहे। पांवटा साहिब से बुलाए गए गोताखोर शनिवार को हाथ खड़े कर लौट गए। इस बीच पुलिस द्वारा शिमला जिला के चोपाल से लाए गए देसी गोताखोर भी शनिवार को युवक को भंवर से निकालने का असफल प्रयास करते नजर आए। गांव देवामानल में अपनी बहन के घर गया मंडोली गांव का 17 वर्षीय अभिषेक बुधवार दोपहर खड्ड में नहाते वक्त में डूब गया था। जल शक्ति विभाग द्वारा खड्ड के पानी के बहाव को डायवर्ट करने की नाकाम कोशिश भी की गई। स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार सायं जहां तेज बारिश होने के चलते कुछ ही घंटे बाद Search Operation बंद करना पड़ा, वहीं शनिवार को पांवटा के गोताखोरों के जाने के बाद चोपाल से डाइवर्स बुलाए गए।
चूड़धार चोटी से निकलने वाले पालर खड्ड के तेज वहाव वाले कुंड अथवा भंवर से बिना Professional Drivers के युवक को निकालना local Police प्रशासन बहुत मुश्किल बता रहे हैं। युवक के परिजनों व क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा तीन दिन से प्रशासन व हिमाचल सरकार से एनडीआरएफ, Army अथवा आक्सिजन सिलेंडर वाले विशेषज्ञ गोताखोरों को बुलाकर शव निकालने की अपील की जा रही है। SDPO संगड़ाह अनिल धौलटा ने बताया कि, चोपाल के गोताखोर सर्च आपरेशन जारी रखें हुए है। उन्होंने कहा कि, जल शक्ति विभाग की मदद से मोटी पाइपें लगाकर खड्ड के बहाव को डायवर्ट करने की कोशिश भी की जा रही है। SDM संगड़ाह IAS राहुल कुमार ने बताया कि, Deputy Commissioner सिरमौर से उक्त युवक को निकालने के लिए NDRF अथवा सैना की मदद लेने की सिफारिश की गई है।
मक्की की बिजाई मे व्यस्त हुए सिरमौर के किसान
संगड़ाह में 4200 हेक्टेयर भूमि पर उगाई जाती है फसल
संगड़ाह। जिला सिरमौर के विभिन्न हिस्सों में इस बार समय पर हुई बारिश के चलते मक्की की बेहतर पैदावार की उम्मीद है तथा उक्त फसल की बिजाई का कार्य अंतिम दौर में है। गत सप्ताह से जिला के विभिन्न हिस्सों में बार बार हो रही बारिश को मक्की व खरीफ की अन्य फसलों के लिए वरदान समझा जा रहा है। किसानों तथा कृषी विशेषज्ञों के अनुसार इस बार समय पर हुई बारिश से मक्की के बेहतर उत्पादन की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिला में कुल 19000 हेक्टेयर के करीब भूमि पर मक्की की फसल उगाई जाती है तथा इस फसल की सबसे ज्यादा खेती विकास खंड संगड़ाह में की जाती है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को मक्का का उन्नत बीज भी उपलब्ध करवाया गया।
कृषि विकास खंड की 41 पंचायतों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभग 4200 हेक्टेयर भूमि पर मक्की उगाई जाती है, हालांकि पिछले तीन दशकों से क्षेत्रवासी नकदी फसलें टमाटर, मटर, अदरक व बेमौसमी सब्जियों की खेती पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में बंदरों के आतंक के चलते भी मक्की का बिजाई का area साल दर साल कम होता जा रहा है। संबंधित विभागों के आंकड़ों में पिछले दशक से मक्की की खेती के क्षेत्र में खास अंतर नहीं आया। धूप खिलने से पहले ही किसान मक्की की बिजाई के लिए खेतों में पहुंच जाते हैं तथा कुछ किसान बिजाई का कार्य लगभग पूरा कर चुके हैं। जिला का मक्का उत्पादन वाला अधिकतर क्षेत्र पहाड़ी इलाका होने के चलते किसान बैल अथवा पारंपरिक ढंग से फसल की बिजाई करते हैं। इन दिनों सुबह होते ही इलाके में हल जोत रहे किसानों की आवाजें सुनाई देने लगती है। बहरहाल समय पर बारिश होने से इस बार जिला में मक्की के बेहतर उत्पादन की उम्मीद से किसान खुश है तथा बिजाई का दौर जारी है।
मानक संचालन प्रक्रिया पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर होगा आयोजित : DC
नाहन। Covid-19 के संक्रमण को सरकारी कार्यालयों में फैलने से रोकने तथा मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के उददेशय से सभी कार्यालय के अधिकारियो/ कर्मचारियों को मानक संचालन प्रक्रिया से सम्बन्धित दो दिवसीय कार्यशाला 10 और 11 जून, 2020 को जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया जाएगा यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर डॉ आके परूथी ने देते हुए बताया कि, सभी कार्यालय के अधिकारी अपने विभाग से प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अधिकारी व कर्मचारियों की सूची 9 जून, 2020 प्रातः 11 बजे तक ई-मेल के माध्यम से जिला दण्डाधिकारी कार्यालय को भेजे।
आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे सभी सरकारी Office खुले रहेंगे
प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर स्थित दवाईयों की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान रहेंगे बंद
नाहन। सिरमौर District के पच्छाद Block की ग्राम पंचायत बागपशोग के गांव बाग में कोरोना संक्रमित मामला आने पर जिला दण्डाधिकारी सिरमौर डॉ आरके परूथी ने बागपशोग के गांव बाग को Hotspot कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है तथा ग्राम पंचायत बागपशोग के साथ लगते गांव कांगर-घरयार, टिक्करी-पंजैली, घरगो पलाशो तथा पोघाट को बफर जोन घोषित करते हुए आगामी आदेशों तक सील करने के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि आपदा की स्थिति को छोड़कर, इस सम्पूर्ण क्षेत्र में सभी प्रकार की आवाजाही व सभी प्रकार के समारोह, प्रदर्शन, बैठके, जलूस, रैली, कार्यशाला, सामुदायिक व सभी प्रकार के धार्मिक आयोजन पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। राष्ट्रीय उच्च मार्ग नाहन से कुमारहटटी जोकि गांव पोघाट की सीमा से लगता है, वाहनों की आवाजाही के लिए खुला रहेगा। इस दौरान प्रतिबंधित क्षेत्र के अंदर स्थित दवाईयों की दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें व वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। इसके अतिरिक्त, कन्टेनमेंट जोन में सभी बैंक तथा व्यावसायिक संस्थान भी बंद रहेंगे।
डॉ परुथी ने बताया कि, सील किये गए क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे सभी सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे बशर्ते इन कार्यालयों में Social Distancing तथा सरकार द्वारा निर्धारित क्रमवार तरीके से कर्मचारियों की उपस्थिति को सुनिश्चित किया जाए। इसके अतिरिक्त, इस क्षेत्र में अन्य सभी कार्यालय बंद रहेंगे। कन्टेनमेंट जोन में अधिकृत व्यक्ति और वाहन के अलावा अन्य सभी व्यक्तियों और वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। उन्होंने बताया कि खण्ड विकास अधिकारी, पच्छाद द्वारा कन्टेनमेंट जोन में समय-समय पर सैनिटाईजेशन करवाई जाएगी। DC ने बताया कि, कन्टेनमेंट जोन में सभी आवश्यक वस्तुओं की घरद्वार पर आपूर्ति सम्बंधित ग्राम पंचायत के प्रधान, उप प्रधान, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी व पटवारी के सहयोग से सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करते हुए पाया गया तो उस व्यक्ति के विरूद्व IPC की Section 269, 270 और 188 तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51, 54 और 56 के तहत कानुनी कार्यवाही की जाएगी।
Mining Check Post व धर्म कांटा शुरू न होने तक चूना खदानें बंद की जाए
संगड़ाह की NGO ने मुख्यमंत्री को भेजा पत्र
संगड़ाह में 782 बीघा में मौजूद Mine से बिना weight किए निकल रहे Truck
2019 में स्विकृत माइनिंग चैक पोस्ट के लिए जमीन चयनित नहीं
संगड़ाह। नागरिक उपमंडल संगड़ाह में बिना Mining Check Post व Weighbridge के करीब 782 बीघा भूमि पर चल रही पांच चुना खदानों को क्षेत्र की शारा नामक स्वंयसेवी संस्था ने अवैध खनन करार देते हुए प्रदेश सरकार से इन्हे निर्धारित मापदंड पूरे होने तक बंद करने की अपील की। इस बारे शुक्रवार को मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र की प्रति जारी करते हुए NGO के मुख्य सचिव बीएन शर्मा ने यहां जारी बयान में कहा कि, वास्तव में बाहरी राज्यों के लोग परोक्ष रूप से यहां अवैध व Unscientific तरीके से खनन कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों के हिस्से में केवल प्रर्यावरण का नुक्सान अथवा साइड इफेक्ट्स ही आ रहे हैं। संगड़ाह की इन पांच Limestone माइन से हर साल उद्यौगपतियों तथा सरकार को लाखों की आमदनी होने के बावजूद यहां खनन कार्यों तथा Overloaded Trucks की जांच की मूलभूत व्यवस्था तक नही है। क्षेत्र से हर रोज बिना वजन किए पांच दर्जन के करीब पत्थर के ट्रक बेरोकटोक निकलने तथा यहां खनन गतिविधियों की जांच के लिए एक माइनिंग गार्ड तक नियुक्त न होने को संस्था ने अवैध खनन को सरकारी छूट करार दे चुके हैं। कस्बे के मुख्य बाजार से निकलने वाले Limestone के कईं ओवरलोडेड ट्रकों की तस्वीरें व वीडियो हालांकि यहां लगे दुकानदारों व Police के CCTV कैमरों में भी देखी जाती है, मगर यहां गाड़ियों के वजन करने की व्यवस्था न होने के चलते विभाग के अनुसार चालान नहीं किए जा सकते हैं। नागरिक उपमंडल संगड़ाह में एक भी माइनिंग गार्ड अथवा इंस्पेक्टर न होने के कारण यहां सैंकड़ों बीघा में मौजूद लाइमस्टोन area में Illogical व अवैज्ञानिक खनन पर नियंत्रण रखना आसान नहीं है। विभाग के अनुसार हालांकि समय-समय पर अन्य क्षेत्रों से यहां खनन रक्षक को माइनिंग की जांच के लिए भेजा जाता है, मगर जिला में खाली पदों के चलते नियमित रूप से निरिक्षण के लिए कर्मचारी भेजना संभव नहीं है। गत वर्ष सरकार द्वारा संगड़ाह के लिए खनन पड़ताल चौकी भी स्विकृत की जा चुकी है, मगर खनन विभाग अथवा प्रशासन गत अक्टूबर माह से इसके लिए जमीन चयनित नही कर सके। लाइमस्टोन से लदे ट्रकों के पास मौजूद एम फार्म अथवा W स्लिप में वेट संबंधी कालम खाली रखा जाता है, जो कि नियमानुसार सही नहीं है। स्वंयसेवी संगठनों के अनुसार हालांकि उक्त कालम खाली रखे जाने पर हांलांकि नियमानुसार कार्यवाही की जा सकती है, मगर प्रर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी के इस गृह क्षेत्र में अब तक ऐसा नहीं हुआ। संबंधित पुलिस अधिकारियों के अनुसार यहां वेट ब्रिज न होने के चलते ओवरलोडेड ट्रकों का चालान नहीं की जा सकता। क्षेत्र के एक प्रर्यावरण द्वारा ली गई आरटीआई के मुताबिक, हालांकि गत वर्ष संगड़ाह पुलिस द्वारा दो ओवरलोडेड चूना पत्थर ट्रकों के चालान किए गए, मगर अब संबंधित अधिकारियों के अनुसार वेट ब्रिज न होने की बात कहते हैं। बहुत ज्यादा लदे ट्रकों से राहगीरों तथा दुपहिया वाहनों पर पत्थर गिरने का खतरा भी रहता है। इस उपमंडल में सरकार द्वारा 782 बीघा के करीब भूमि पर खनन कार्य की अनुमति दिए जाने के बावजूद यहां माइनिंग अथवा अवैध खनन की जांच के लिए माइनिंग निरिक्षक, धर्म कांटा, चैक पोस्ट व लीज एरिया की जीओ टैगिंग जैसी मूलभूत व्यवस्था तक नही है। राष्ट्रीय लॉक डाउन के दौरान भी प्रशासन द्वारा चूना पत्थर से कैटल फीड बनने के नाम पर यहां खनन गतिविधियां चालू रखी गई। संगड़ाह कॉलेज के समीप मौजूद गुप्ता हिमालय माइन व नाहन मार्ग पर स्थित वालिया माइन संगड़ाह तथा दुर्गा माइन आदि खदानों से पत्थर के ओवरलोड ट्रक बिना वजन जांच के निकल रहे हैं। ट्रक आपरेटर Union की स्थानीय इकाई द्वारा गत 4, नवंबर, 2019 को खनन व्यवसाइयों द्वारा ओवरलोडिंग के लिए उन पर दबाव डालने के मुद्दे पर SDM संगड़ाह को लिखित शिकायत सौंपी गई थी। कईं सालों से यहां विपक्षी दलों नेता सरकार पर अवैध खनन के आरोप लगाते आ रहे हैं तथा सत्ता मिलने पर उक्त मुद्रा भूल जाते हैं। खनन व्यवसाइयों के अनुसार संगड़ाह के आसपास धर्म कांटा न होने के चलते गाड़ी को अंदाजन क्षमता के अनुसार लोड किया जाता है। जिला खनन अधिकारी सिरमौर सरीत चंद्र ने कहा कि, गत वर्ष उपमंडल संगड़ाह के लिए सरकार द्वारा एक माइनिंग चैक पोस्ट स्विकृत की जा चुकी है तथा उक्त चौंकी में धर्म कांटा भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि, चौकी के लिए जमीन चयनित किए जाने को लेकर एसडीएम संगड़ाह को लिखा जा चुका है। एसडीएम संगड़ाह राहुल कुमार के अनुसार फिलहाल उन्हें माइनिंग चैक पोस्ट को लेकर खनन विभाग से कोई पत्र नहीं मिला है तथा अधिकारिक पत्र मिलते ही जमीन संबंधी औपचारिकताएं पूरी करवाई जाएगी। डीएसपी संगड़ाह अनिल धौलटा के अनुसार चूना खदानों से निकलने वाले ट्रकों की समय-समय पर जांच की जाती है तथा तुला चौकी लगाने का मामला उनके विभाग से संबंधित नहीं है।
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