आपातकाल के विरोध में भाजपा ने मनाया Black Day

आपातकाल को बताया लोकतंत्र व मानव अधिकारों की हत्या 

क्षेत्र में आपातकाल के दौरान जबरन नसबंदी करवाने पर भी हुई चर्चा  

संगड़ाह। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में देश में लागू हुए आपातकाल के विरोध में BJP द्वारा शुक्रवार को संगड़ाह में काला दिवस मनाया गया। डाइट परिसर में आयोजित उक्त कार्यक्रम के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा काली पट्टी पहनकर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।‌ कार्यक्रम के प्रभारी पूर्व विधायक रूप सिंह ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू कर न केवल लोकतंत्र की हत्या की गई, बल्कि मानव अधिकारों का हनन के साथ-साथ मीडिया पर भी सेंसरशिप लगा दी गई। उन्होंने कहा कि, इस दौरान हिमाचल मे भी लोगों पर कईं तरह के अत्याचार हुए तथा कईं विपक्षि नेताओं को जेल मे डाला गया।

उन्होनें अपने संगड़ाह क्षेत्र का उदहारण देते हुए कहा कि, उस दौरान उनके पिता मनसा राम सहित घाटों गांव के कुंदिया राम व मीना राम की भी नसबंदी करा दी गई। उन्होंने कहा कि, आपातकाल के दौरान यह तीनों सैंज गांव से संगड़ाह की तरफ आ रहे थे और अंधेरी नामक स्थान पर लगे कैंप मे जबरन उनके ऑपरेशन किए गए। कार्यक्रम मे भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य प्रताप तोमर तथा नारायण सिंह, बलबीर ठाकुर, सुनील शर्मा, जगत राम, सोम प्रकाश, अनिल व केडी शर्मा आदि भाजपा नेता भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान भाजपाइयों ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा गुरुवार को 6,155 करोड़ के उद्घाटन व शिलान्यास को हिमाचल के विकास में एक अभूतपूर्व अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि, देश व प्रदेश में भाजपा के शासनकाल अभूतपूर्व विकास हुआ है तथा भारत फिर से विश्वगुरू बनने की और अग्रसर है।

किंकरी देवी पार्क का 80 फ़ीसदी निर्माण कार्य पूरा 

BDO ने लिया निर्माण कार्य का जायजा

मिट्टी डालने से आई खेल मैदान की दीवार मे दरारें

संगड़ाह। अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरण प्रेमी किंकरी की स्मृति में उनके गृह नगर संगड़ाह में बनने वाले पार्क का 80 फीसदी के करीब निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मौजूदा 27 लाख के बजट के मुताबिक उक्त पार्क मे प्रवेश द्वार, सुरक्षा दीवारों, रास्ते में टाइल्स बिछाने, शौचालय बनाने व खेल मैदान का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यहां अब केवल गजेबो अथवा झरोखे बनाने व बैंच लगाने जैसे काम ही मौजुदा बजट के मुताबिक होने शेष है। पार्क के एक हिस्से की आरसीसी की सुरक्षा दीवार मे आई दरार से निर्माण कार्य की गुणवता पर भी सवाल उठ रहे हैं, हालांकि विभाग के अनुसार खेल मैदान की मिट्टी व वजन बढ़ने से ऐसा हुआ। कार्यवाहक बीडीओ संगड़ाह हरमेश‌ ठाकुर ने बताया कि, पार्क मे गजेबो निर्माण का आर्डर दे दिया गया है। उन्होने कहा कि, उपलब्ध 27 लाख के बजट के मुताबिक पार्क का निर्माण कार्य 80 फीसदी तक पूरा हो चुका है।

SK टेलर ने गवाही पंचायत को भेंट किए 450 Mask 

अब तक 18,500 के करीब मास्क वितरित कर चुके हैं सुरेश कुमार 

संगड़ाह। उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में दर्जी की दुकान चलाने वाले एसके टेलर क्षेत्र मे अपना मास्क वितरण अभियान जारी रखे हुए हैं। शुक्रवार को इन्होने क्षेत्र की गवाही पंचायत को 450 मास्क वितरित किए। यह खेप उन्होंने पंचायत प्रधान सीमा देवी तथा उप प्रधान लखविंदर सिंह को सौंपी। उन्होंने कहा कि, क्षेत्र में सबको एंटी कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज न लगने तक वह अपना मास्क वितरण कार्यक्रम जारी रखेंगे। 14 मार्च 2020 से वह लगातार सिलाई से बचने वाले कपडे़ के मास्क बनाकर लोगों को वितरित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री की अपील से काफी प्रभावित होकर उन्होने उस समय निशुल्क मास्क वितरण शुरु किया जब कुछ लोग इसकी कालाबाजारी कर मास्क मंहगे दामों पर बेच कर कमाई की सौंच रहे थे। पंचायत प्रधान सीमा देवी ने उक्त मास्क भेंट करने के लिए उनका धन्यवाद किया। 

CPM ने की जलशक्ति मन्त्री की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग 

मंत्री से सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगने को कहा

शिमला। CPI (M) ने जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के बयान का कड़ा संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष और हिमाचल के मुख्यमंत्री से उनकी विधानसभा सदस्यता को तुरंत रद्द करने की मांग की है। सीपीआई (एम) राज्य सचिव मण्डल की बैठक के बाद जारी प्रैस विज्ञप्ति में राज्य सचिव डॉ. ओंकार शाद और सदस्य डॉ. कुलदीप सिंह तँवर ने कहा कि, मंत्री का बयान संवैधानिक नियमोँ के खिलाफ है और पद और गोपनीयता की शपथ का सीधा-सीधा उल्लंघन है। डॉ. शाद ने कहा कि सरकार और विधानसभा अध्यक्ष की संवैधानिक और नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है कि ऐसे व्यक्ति को विधानसभा से तुरंत बर्खास्त करे। कुल्लू ज़िला के आनी निरमंड क्षेत्र  के दौरे के दौरान महेन्द्र सिंह ने सार्वजनिक तौर पर कृषक संघ का मांगपत्र लेने से इनकार करते हुए कहा था कि अगर वे कामरेड और विशेष तौर पर सीपीआई (एम) के लोग हैं तो उनके क्षेत्र में काम नहीं होगा

सीपीआईएम ने कहा कि, विकास के लिए दिया जाने वाला धन न तो मंत्री की जेब का है और न ही उनके घर की बपौती। यह जनता का पैसा है और जनता का हक़ है। अगर नहीं देंगे तो जनता अपना हक छीन कर भी लेना जानती है। उन्होने कहा कि, मंत्री की तानाशाही इस कदर बढ़  चुकी है कि, उन्होंने जनमंच को अधिकारियों को अपमानित करने का मंच बना लिया है और अब तो नौबत यहां तक आ गई कि प्रदेश के सबसे आला अधिकारी तक से अशिष्टता से पेश आ रहे हैं। मुख्य सचिव एक ईमानदार और पारदर्शिता से काम करने वाले अधिकारी हैं। मंत्री का यह रवैया स्पष्ट दर्शाता है कि वे किसी भी अधिकारी को ईमानदारी से काम करने नहीं देना चाहते।‌ जलशक्ति मिशन का 50 फीसदी हिस्सा केवल अपने चुनाव क्षेत्र में खर्च करने के बाद अब मंत्री चाहते हैं कि, एनडीआरएफ का पैसा भी अपने चुनावी क्षेत्र पर ही खर्च करें ताकि वहाँ अपने चहेतों और ठेकेदारों को फायदा पहुंचा सके जो आगे चलकर उनके चुनाव में धन और गैर संसदीय तरीके से उनकी मदद करे।

उन्होने कहा कि, BJP की सरकारों पर आरोप लगाया है कि, ऊपर से नीचे तक सरकार की समझ है कि किसानों की बात न सुनी जाए। देश के किसान 7 महीने से बॉर्डर पर बैठे हैं लेकिन केंद्र सरकार अड़ियल रवैये के चलते उनकी मांगें मानने के लिए तैयार नहीं है। वहीँ एक तरफ मंत्री का किसानों के मांगपत्र को लेने से इंकार और कुल्लू में फोरलेन प्रभावित किसानों को केंद्रीय मंत्री से मिलने से रोकने की कोशिशें साफ़तौर पर बताती हैं कि भाजपा नीत की सरकारें और उनके नुमाइंदे किसान विरोधी हैं। Party ने सरकार को चेताया है कि वह मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे वरना 26 और 27 जून को पार्टी की राज्य कमेटी की बैठक में मंत्री और सरकार का विरोध करने के लिए राज्यव्यापी रणनीति तैयार की जाएगी।


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