संगड़ाह। दुर्गा अष्टमी के अवसर पर प्रसिद्ध तीर्थ स्थल चूड़धार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। Temple मे पेयजल संकट होने तथा इस बार भंडारे की व्यवस्था न होने के बावजूद इन दिनों हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों के श्रद्धालु भी काफी संख्या मे 15 किलोमीटर पैदल चलकर नौहराधार से चूड़धार पहुंच रहे हैं। यहां तापमान 0 डिग्री से नीचे पंहुच चुका है और कोहरा अथवा जमना शुरू हो गया है। इसके बावजूद बुधवार को सैंकड़ों श्रदालुओं ने शिरगुल महाराज के दर्शन किए। हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों काफी के श्रदालु अथवा ट्रैकर भी चूड़धार पहुंचे। समुद्र तल से करीब 11, 969 फुट की ऊंची चूड़धार चोटी पर बुधवार पर दिन भर हर हर महादेव व शिरगुल महाराज की जय के नारे से गूंजते रहे।
चूड़धार में कोविड महामारी की वजह से जहां शिरगुल देवता मंदिर मे गत वर्ष से भंडारे की व्यवस्था नही है, वहीं उठाऊ पेयजल योजना बंद होने से पीने के पानी का संकट भी जारी है तथा सेवा समिति के सार्वजनिक शौचालयों को भी बंद करने की नौबत आन पड़ी है। गौरतलब है कि, सिरमौर जिला के गिरीपार क्षेत्र मे अष्ठमी को आठों पर्व के नाम से मनाया जाता है और आज के दिन तीर्थ यात्रा का विशेष महत्व समझा जाता है। सिरमौर व शिमला के अलावा पंजाब, हरियाणा, उतराखंड, दिल्ली व चंडीगढ़ आदि से भी बुधवार को काफी संख्या में श्रद्धालु चूड़धार पहुंचे।
गिरिपार में मशालें जलाकर मनाई गई आठों
छोटी दीवाली कहलाने वाले अष्टमी त्यौहार पर हुआ भराड़ी पूजन
मान्यता के अनुसार मशालें जलाने से भागती है बुरी शक्तियां
संगड़ाह। सिरमौर जनपद की सदियों पुरानी लोक संस्कृति व परंपराओं को संजोए रखने के लिए मशहूर वाले गिरिपार क्षेत्र में पारंपरिक अंदाज में भराड़ी पूजन व हुशू कहलाने वाली मशालों को जलाकर आठों पर्व मनाया गया। दीपावली से तीन सप्ताह पहले दुर्गा अष्टमी के दिन मनाए जाने वाले इस त्यौहार को इलाके में छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है, जबकि दिवाली के एक माह बाद आने वाली अमावस्या को बूढ़ी दिवाली मनाने की परंपरा है। आठों अथवा दुर्गा अष्टमी के दिन से क्षेत्र में दीपावली की तैयारियां शुरू हो जाती है तथा इसे दिवाली का पहला पड़ाव कहा जाता है। गिरिपार में दिवाली व बूढ़ी दियाली एक-दो दिन नहीं बल्कि चौदश, अवांस, पोड़ोई, दूज, तीज, चौथ व पंचमी के नाम से सप्ताह भर मनाई जाती है। आठों अथवा दुर्गा अष्टमी पर क्षेत्र में भराड़ी नामक विशेष जंगली फूल के डमरु बनाकर इसका पूजन किया जाता है। सिरमौर के हिमालई अथवा पहाड़ी जंगलों में पाए जाने वाले सफेद रंग के इन पवित्र फूलों को सुबह घर का एक सदस्य बिना किसी से बात किए व बिना कुछ खाए-पिए जंगल से लेकर आता है। इनके डमरू नुमा गुच्छे को मां गौरा के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है तथा बाद में इसे जल अथवा अग्नि में प्रवाहित किया जाता है। अष्टमी अथवा आठों की सुबह बनने वाली खिचड़ी का भोग लगाकर भराड़ी पूजन किया जाता है। सूर्यास्त होने के बाद बच्चों अथवा कन्याओं को आठों पर बनाए जाने वाले धोरोटी-भात व खिचड़ी आदि पारम्परिक व्यंजन प्रसाद स्वरूप बांटे जाते हैं। इस प्रक्रिया के बाद हुशू कहलाने वाली बाबड़ी घास व अन्य ज्वलनशील पदार्थों से बनी विशेष मशालें जलाकर सिर पर घुमाई जाती है। मशालें जलाने के दौरान स्वर्गलोक विजेता एवं दानवीर राजा बलि का जयघोष किया जाता है। गिरिपार अथवा Greater Sirmaur में प्रचलित मान्यता के अनुसार मशालें सिर पर घुमाने से कष्टों, आपदाओं व बुरी आत्माओं के साये से मुक्ति मिलती है। बुधवार को ग्रेटर सिरमौर के अंतर्गत आने वाले उपमंडल संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ आदि की करीब 130 पंचायतों में पारंपरिक अंदाज से Athon अथवा दुर्गा अष्टमी त्यौहार मनाया गया तथा राजा बलि का जयघोष हुआ। आंठों के अलावा क्षेत्र में माघी, बूढ़ी दिवाली, दूज, गुगा नवमी व पांजवी आदि त्यौहार भी शेष हिंदुस्तान से अलग अंदाज में मनाए जाते हैं। इन्हीं परंपराओं व त्योहारों के आधार पर गिरीपारवासी पिछले साढ़े पांच दशक के क्षेत्र को जनजातीय दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। बहरहाल गिरिपार में पारंपरिक अंदाज में आठों त्यौहार मनाया गया।
SDM संगड़ाह ने 15 तक मांगे Corona से मारे गए लोगों के दस्तावेज
सभी तहसीलदार व संबंधित अधिकारियों को भी दिए सहयोग के निर्देश
Block मे Covid से हुई है 16 लोगों की मृत्यु
संगड़ाह। स्वास्थ्य खंड संगड़ाह मे कोरोना से मारे गए 16 लोगों के आश्रितों से एसडीएम द्वारा 15, अक्टूबर तक संबंधित दस्तावेज व आवेदन उपलब्ध करवाने की अपील की गई है। कार्यवाहक एसडीएम आत्माराम नेगी ने बताया कि, मृतकों के आश्रितों को आवेदन के साथ आधार कार्ड अथवा पहचान पत्र, फोटो, मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर नकल, लैब Positivity Report, जायज वारसान व बैंक पासबुक की प्रति आदि दस्तावेज कार्यालय में जमा करवाने होंगे। उन्होंने कहा कि, उपमंडल के सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार व अन्य कर्मचारियों को आश्रितों के सहयोग के निर्देश दिए जा चुके हैं। जिन परिवारों मे कोई व्यसक नही है, उनके दस्तावेज संबंधित राजस्व कर्मी तैयार करेंगे। औपचारिकताएं पूरी होने व सत्यापन के बाद सरकार द्वारा निर्धारित राशि जारी की जाएगी।
ITI नौहराधार में चलाया गया सफाई अभियान
संगड़ाह। आईटीआई नौहराधार मे बुधवार को सफाई अभियान चलाया गया। ITI के छात्रों ने संस्थान के आस पास पड़ा कूड़ा कचरा एकत्रित कर इसका निपटारा किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य द्वारा प्रशिक्षुओं को स्वच्छता का संदेश दिया।
गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगा हरिपुरधार का नीरज
संगड़ाह। राजकीय महाविद्यालय हरिपुरधार की NSS इकाई के स्वंयसेवी नीरज का चयन उत्तरी क्षेत्र राष्ट्रीय सेवा योजना गणतंत्र दिवस परेड शिविर में हुआ। प्रदेश की राष्टीय सेवा योजना (College unit) से केवल 11 स्वंयसेवीयों का चयन किया गया है। कार्यवाहक प्राचार्य कर्मदत्त शर्मा तथा समस्त स्टाफ द्वारा राष्टीय सेवा योजना इकाई ने इस स्वंयसेवी को बधाई दी।
सेब का निशान मिलने से चेतन बरागटा उत्साहित
कोटखाई । BJP से टिकट न मिलने पर जुब्बल-कोटखाई से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार Election लड़ रहे Chetan Bragta सेब चुनाव चिन्ह मिलने से काफी उत्साहित दिखे। बरागटा के अनुसार उनके पिता ने सेब उत्पादकों के लिए काफी संघर्ष किया। गौरतलब है कि, आज भाजपा द्वारा चेतन को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर किया जा चुका है।
सिरमौर के टोहाना व FCI कालाअम्ब में होगी धान की खरीद @ DC
नाहन। प्रदेश सरकार द्वारा सिरमौर जिला में 15 अक्तूबर से किसानों से धान की उपज खरीदनेे के लिए हरिपुर टोहाना व Food Corporation of India गोदाम कालाअम्ब को धान मण्डी के रूप में अधिसूचित किया गया है। यह जानकारी उपायुक्त राम कुमार गौतम ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि प्रबन्ध निदेशक, हि.प्र. कृषि विपणन बोर्ड ने सिरमौर जिला के हरिपुर टोहाना व फूड काॅरपोरेशन आफ इंडिया गोदाम कालाअम्ब को पहले ही मार्किट यार्ड के रूप में घोषित किया है। उन्होंने बताया कि इन मंडियों में जिला प्रशासन व कृषि उपज विपणन समिति द्वारा आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था मुहैया कराने के बाद किसानों का पंजीकरण शुरू कर दिया जाएगा।
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