ये जो Public है, सब....
उग्र आंदोलन व चुनाव बहिष्कार की बात कहने से कतराते दिखे समिति पदाधिकारी
महाखुमली में पंहुचे दर्शक जरूर सड़क से नेताओं को खरी-खोटी सुनाते दिखे
शिलाई। गिरिपार क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष संघर्षरत हाटी समिति की शिलाई Mahakhumli Confrence में आज भाजपा, कांग्रेस व हाटी समिति Leaders के मधुर संबंध खुलकर सामने आए। गत 2 माह से पंचायत व तहसील स्तर की खुमली Meetings मे प्रदेश व केंद्र मे सत्तासीन BJP के खिलाफ उग्र आंदोलन, नेताओं को देख लेने व Transgiri मे घुसने देने के दावे करने वाले हाटी समिति पदाधिकारियों ने कांग्रेस व BJP नेताओं अथवा MP तथा MLA के सामने चुनाव बहिष्कार व आंदोलन की बात से भी बचने की कोशिश की। गत 21 फरवरी को पांवटा साहिब में नेताओं को न घुसने देने व उग्र आंदोलन की बात कहने वाले हाटी समिति पदाधिकारी यहां नैपथ्य मे नजर आए।स्थानीय पत्रकारों द्वारा बार-बार इस साल होने वाले हिमाचल Assembly Election तक Giripaar ST को Status न मिलने पर उग्र आंदोलन को लेकर सवाल पूछे जाने पर Centrel हाटी समिति अध्यक्ष डॉ अमीचंद कमल घुमा फिराकर यही बताते रहे कि, तब तक उन्हे जनजातीय दर्जा मिलने की पूरी उम्मीद है। बारिश के बावजूद यहां काफी भीड़ जुटी। Khumli Confrence मे मौजूद BJP व Congress व नेताओं ने लोगों को फिर वादों की चाशनी चटाई और पद, Party व Politics छोड़ने की बात कहकर भावुक कर डाला। महाखुमली के दौरान सड़क पर खड़े दर्शकों ने 1967 से अनुसूचित जनजाति दर्जा न मिलने पर नेताओं को खूब खरी खोटी सुनाई। समिति के अनुसार इस बैठक में गिरीपार की 144 पंचायतों के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। भारी बारिश के बावजूद इन लोगों के जोश देखने को मिला। पिछले 2 माह से गिरिपार की पंचायत व तहसील स्तर की खुमली बैठकों मे नेताओं को विधानसभा चुनाव से पहले जनजाति क्षेत्र का दर्जा न मिलने पर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने, गांव मे न घुसने देने व बहिष्कार की धमकियां दी जा चुकी है, मगर यहां वही नेता सादर आमंत्रित थे। इस दौरान यहां पहुंचे कुछ आम लोग भी अधिकार नहीं तो वोट नहीं व आश्वासन नहीं चलेंगे जैसे नारे बीच-बीच मे जरूर लगाते सुने गए। सम्मेलन मे State BJP President सांसद सुरेश कश्यप कांग्रेस, MLA शिलाई हर्षवर्धन चौहान, MLA रेणुका विधायक विनय कुमार व शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर यह दावा करते रहे कि, उनके द्वारा गिरीपार को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने को लेकर हमेशा प्रयास किए गए हैं। सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि, कई बार वह इस मुद्दे को संसद में उठा चुके हैं और उम्मीद है कि, सरकार जल्द इस मामले पर गौर करेगी। वर्ष 1967 मे साथ लगते तत्कालीन UP के बाबर-जौंसार को जनजातीय दर्जा मिलने के बाद से नेता गिरिपार को भी ST status का सपना दिखा रहे हैं। शिलाई के कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान व पूर्व विधायक बलदेव तोमर ने तो यहां तक कहा कि, इस मामले को लेकर वह हर बलिदान देने के लिए तैयार है। बहरहाल ये जो Public है सब जानती है।
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