मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद चूड़धार चोटी पर लगा श्रदालुओं का तांता

Univarsity of Horticulture & Forestry नौणी के छात्रों ने की दुर्लभ जड़ी बूटियों की Study 

शिरगुल महाराज के दर्शन के लिए पड़ौसी राज्यों से भी काफी संख्या मे पंहुच रहे श्रद्धालु 

कड़ाके की ठंड मे रात्री ठहराव के सबसे बड़ी समस्या 

8 KM नौहराधार-चूड़धार Road बनने व 250 करोड़ का रज्जू मार्ग बनने पर सुधरेंगे हालात 

संगड़ाह। मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद गत माह से सिरमौर जनपद की सबसे ऊंची Churdhar पर्वत चोटी पर पर स्थित Shirgul Maharaj Temple मे गत माह से भारी संख्या में श्रद्धालू व Tracker प़हुच रहे हैं। सिरमौर व शिमला जिला के अलावा यहां हिमाचल के अन्य हिस्सों व पड़ौसी राज्य उत्तराखंड, हरियाणा व पंजाब से भी काफी संख्या मे Religious tourist व ट्रैक्टर्स पंहुच रहे हैं। यहां सबसे ज्यादा परेशानी रात्री ठहराव के लिए बनी दोनों धर्मशालाओं मे कमरो अथवा जगह के अभाव से से लोगों को हो रही है। 

  हर साल यहा आने वाले लाखों श्रद्धालुओं का चढ़ावा जहां SDM चौपाल अथवा शिमला जिला प्रशासन के पास जमा होता है, वहीं एक सरायं जहां चुड़ेश्वर सेवा समिति द्वारा DC सिरमौर अथवा BDO संगड़ाह के माध्यम से विकास मे जनसहयोग के तहत बनाई गई, वहीं दूसरी चंदे अथवा लोगों के सहयोग से बनाई है। इन दिनों भीड़ बढ़ने से कड़ाके की ढंड मे इन सरांय मे एक-दसरे से सटकर लोग जैसे तैसे रातें बिता रहे हैं और महिलाओं की प्राईवेसी व सुरक्षा की भी विशेष व्यवस्था नहीं है। पानी व शौचालयों की भी उचित व्यवस्था नही है। शिमला व सिरमौर जिला प्रशासन द्वारा आज तक यह जानकारी नही दी गई कि, यहां कितने लोगों के ठहरने की व्यवस्था है और न ही यहां श्रधालुओं का कोई पंजीकरण होता है। देवभूमि हिमाचल के प्रमुख आस्था स्थलों मे शामिल चुड़धार में Corona बंदिशों से मुक्ति मिलने के कारण गत वर्षों के मुकाबले इस बार कई गुना ज्यादा लोग पंहुच रहे हैं। बैशाखी पर परम्परा के अनुसार मंदिर के कपाट खुलने अथवा यात्रा से प्रतिबंध हटते ही श्रदालुओं की भीड़ जुटाना शुरु हो गई है और पिछले सारे record टूट गए। नौहराधार के मुख्य रास्ते से शनिवार को करीब 5 घंटो का पैदल सफर कर हजारों की संख्या में श्रदालु चुडधार पहुंचे। रास्ते में अभी भी कईं जगह बर्फ जमी पड़ी है। नागरिक उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले चूड़धार के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित 250 करोड़ के नौहराधार-चूड़धार रोपवे का निर्माण होने पर यहां न केवल Religious Tourism को पंख लगेंगे, बल्कि दिव्यांग व बुजुर्ग भी शिरगुल देवता के दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा करीब 8 KM नौहराधार-चूड़धार Road के टेंडर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता संगड़ाह द्वारा करवाए जा चुके हैं और गत 5 मई को Chief Minister जयराम ठाकुर इसका online शिलान्यास भी कर चुके हैं। जमनाला तक उक्त सड़क तैयार होने पर श्रदालुओं को केवल 8 किलोमीटर ही पैदल यात्रा करनी होगी। बाहरी राज्यों अथवा हिमाचल के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे कईं श्रद्धालुओं व पर्यटको की भीड़ के चलते नौहराधार में मौजूद होटल व गेस्ट हाउस आदि में कमरें न मिलने पर कई लोंग ढाबों, टेंट व गाड़ियों मे भी राते बिता रहे हैं। उपमंडल संगड़ाह के अन्य हिस्सों मे भी स्नो सीजन के बाद गर्मियां तेज होते ही मैदानी इलाकों से भारी संख्या मे सैलानी ठंडी हिमालई वादियों का लुत्फ उठाने पंहुंच रहे हैं। समुद्र तल से करीब 12,000 फुट ऊंची इस चोटी पर श्रद्धालु अथवा पर्यटकों द्वारा जगह-जगह प्लास्टिक की बोतलें, खाने की वस्तुओं के रैपर व अन्य तरह का Single use Plastic का कचरा फेंका जा रहा है। क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार चूड़धार के हिमालई जंगल मे पाए जाने वाले अति दुर्लभ वन्य प्राणियों व जड़ी बूटियों के लिए प्लास्टिक प्रदूषण बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। पर्यावरण प्रेमियों ने यहां प्लास्टिक अथवा पोलिथीन का कचरा न फैलाने व जंगल मे आग जलाने अथवा पार्टी मनाने जैसे काम न करने तथा वन्य प्राणी क्षेत्र के नियमों का पालन करने की अपील की। बहरहाल मूलभूत सुविधाओं के अभाव के बावजूद गत माह से Choordhar मे भारी संख्या मे लोग पंहुच रहे है।


 

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