अरबों ₹ खर्च होने के बावजूद Dam का निर्माण कार्य शुरू होना बाकी
परियोजना के वरिष्ठ प्रबंधक व संघर्ष समिति पदाधिकारियों के बीच संगड़ाह के सीऊं में हुई वार्ता बेनतीजा रही
विस्थापितों की जमीन के एवज में अब तक जारी की जा चुकी है 1,000 करोड़ ₹ की राशि
PM मोदी 27, दिसंबर 2021 को कर चुके हैंं परियोजना का शिलान्यास
संगड़ाह। विस्थापित द्वारा गठित संघर्ष समिति ने एक बार फिर Renukaji Dam Management की पेड़ो की गणना जैसे काम शुरू करने की Appeal को ठुकरा दिया है। इससे पूर्व गत 3 जनवरी को भी उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले डूब क्षेत्र के सबसे बड़े गांव सींऊ में Forest land के पेड़ों की गणना करने गई विभाग की Team को विस्थापित समिति ने बेरंग लौटा दिया था। बुधवार को परियोजना के वरिष्ठ प्रबंधक व अन्य अधिकारियों को संघर्ष समिति नेताओं ने 2 टूक कहा कि, मांगे पूरी होने तक वह कोई काम नहीं होने देंगे। बुधवार को हुई बैठक में वन विभाग के पेड़ों की गिणती का काम न रोकने का प्रस्ताव परियोजना के वरिष्ठ प्रबंधक कपिल दत्त शर्मा एवं उपप्रबंधक पर्यावरण अंचना बिष्ट आदि ने विस्थापितों के समक्ष रखा, मगर गत 7 फरवरी को परियोजना के GM महेंद्र कपूर की तरह वरिष्ठ प्रबंधक को भी विस्थापितों ने दो टूक जवाब दिया। विस्थापितों द्वारा गठित संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला ने कहा कि, जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, पेड़ों की गिनती सहित कोई भी काम नहीं होने दिया जाएगा।148 मीटर ऊंचा बांध निगल जाएगा 1508 हेक्टेयर भूभाग
विशेष मुख्य सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में गत 6 जनवरी को DC office में प्रदेश में हुई पन विद्युत परियोजनाओं की प्रगति की Review Meeting मे Renukaji Dam के General Manager महेंद्र कपूर ने गिरी नदी पर इस राष्ट्रीय परियोजना के निर्माण की प्रक्रिया जारी होने की बात कही थी। GM के मुताबिक वर्ष 2018 में परियोजना का प्राक्कलन 6947 करोड़ रुपये का है। परियोजना परिव्यय का 90% Union Government अथवा भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। 148 मीटर ऊंचे इस बांध से 1,508 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न होगा। गौरतलब है कि, इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास Prime Minister Narendra Modi द्वारा 27, दिसंबर 2021 में किया जा चुका है तथा परियोजना के लिये भूमि अधीग्रहण का कार्य कर लिया है। कुल 2,800 करोड़ ₹ भूमि अधिग्रहण के एवज में देय है, जिसमें से 1,000 करोड़ रुपये विस्थापित अथवा प्रभावित परिवारों को वितरित किये जा चुके हैं। 630 करोड़ ₹ की राशि वन विभाग को दी जानी है। महाप्रबंधक के अनुसार परियोजना से क्षेत्र की 20 पंचायतों के 41 गांव तथा 7,000 की आबादी प्रभावित होगी जबकि 346 परिवार बेघर हो रहे हैं। गौरतलब है कि, मात्र 40 मेगावाट की इस परियोजना का वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है, जबकि अरबों का बजट खर्च हो चुका है। करीब 26 KM लंबे इस बांध से डूबने वाले संगड़ाह-नाहन मार्ग की वैकल्पिक सड़क के लिए भी Budget मिलना शेष है। PWD के अधिशासी अभियंता संगड़ाह रतन शर्मा ने कहा कि, परियोजना द्वारा DPR के लिए वांछित 34 लाख की राशि में से केवल 14 लाख विभाग को जारी किए गए हैं।
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