दनोई Steel Bridge टूटने से जिला मुख्यालय नाहन व अन्य हिस्सों से कटा संगड़ाह Subdivision

Overloaded Limestone Truck गुजरना बताया जा रहा है पुल ध्वस्त होने का कारण 

पुल टूटने से Limestone से लदा Truck खड्ड में गिरने से Driver घायल 

49 साल पुराने Bridge के पहले भी 2 बार क्षतिग्रस्त होने के बावजूद नए पुल की DPR तक नहीं बनी 

संगड़ाह में SDM व ExEn तथा SDO PWD के पद खाली होने से घंटों बाद भी घटनास्थल पर नहीं पंहुचा कोई अधिकारी

संगड़ाह। संगड़ाह-रेणुकाजी-नाहन Road पर दनोई नामक स्थान पर मौजूद Steel Bridge के ध्वस्त होने ने Civil Subdivision Sangrah व साथ लगते शिमला जिला के कुपवी अथवा चौपाल क्षेत्र को लगाकर करीब 5 दर्जन पंचायतों का संपर्क सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन व पांवटा, चंडीगढ़, दिल्ली तथा हरिद्वार आदि अन्य हिस्सों से कट चुका है। पुल टूटने का कारण उपमंडल संगड़ाह में करीब 800 बीघा भूमि पर चल रही 5 Limestone Mines से हर रोज इसके ऊपर से Overloaded पत्थर के Truck निकलना बताया जा रहा और सोमवार रात करीब सवा 9 बजे भी प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार क्षेत्र के सबसे बड़े खनन व्यवसई सुप्रयांक वालिया की चूना खदान के पत्थर का 1 ओवरलोड ट्रक अथवा ट्राला पुल के साथ ही खड़्ड में जा गिरा। चालक की हालत खतरे से बाहर बताई गई। करीब 49 साल पुराने उक्त पुल की पहले 2 बार क्षतिग्रस्त होने पर मुरम्मत हो चुकी है, मगर विडंबना यह है कि, इसके बावजूद यहां PWD अथवा सरकार द्वारा पुल की DPR तक नहीं बनाई गई। 

7, दिसंबर, 2020 को पुल के दूसरी बार क्षतिग्रस्त होने पर यहां PWD ने यहां 9 टन से भारी वाहन न गुजरने संबंधी बोर्ड तो लगाया था, मगर उपमंडल संगड़ाह में मौजूद 5 वैध चूना पत्थर खदानों व कुछ अन्य Illigal Mines से हर रोज 30 से 40 टन वजनी ट्रक इसके ऊपर से गुजरते रहे। संबंधित अधिकारियों के अनुसार Police Satation क्षेत्र संगड़ाह में सरकारी Weightage अथवा धर्मकांटा न होने से यहां Overloading के चालान नहीं हो सकते हैं।  संगड़ाह में SDM Civil व PWD के ExEn तथा SDO आदि अधिकारियों के पद नई सरकार आने के बाद खाली है और घंटों बाद भी घटनास्थल पर कोई अधिकारी नहीं पंहुचा। DSP संगड़ाह मुकेश कुमार डडवाल के अनुसार Police Team घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और पुल टूटने व ट्रक हादसे को लेकर छानबीन की जा रही है। 7, दिसंबर 2020 से पहले वर्ष 1998 में भी जानकारी के अनुसार 1973 में बना उक्त पुल क्षतिग्रस्त हो गया था तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा उस दौरान भी ओवरलोडेड ट्रक इस पुल के क्षतिग्रस्त होने कारण बताए गए थे। 

विडंबना यह है कि, पिछले 25 साल से यहां न तो पुलिस, Mining Dipartment व प्रशासन सरकार व विभाग द्वारा Overloading रोकने के उपाय किए गए और न ही नया पुल बनाए जाने की DPR तैयार की गई। वर्तमान में जरग व कोटी-धिमान होकर जाने वाले वैकल्पिक मार्ग से संगड़ाह से रेणुकाजी व नाहन की दूरी जानकारी के अनुसार 47 किलोमीटर बढ़ने से किराया दोगुना होगा। 2012 से 2017 तक स्थानीय Congress MLA PWD Dipartment के CPS भी रहे, मगर उस दौरान भी यहां नया पुल नहीं बना। जिला खनन अधिकारी सिरमौर के अनुसार संगड़ाह के लिए 2019 मे माइनिंग चैक पोस्ट व वेट ब्रिज को स्वीकृति मिली है, मगर प्रशासन द्वारा जमीन की व्यवस्था किया जाना शेष है। बहरहाल उक्त पुल के टूटने से नया Bridge न बनने तक उपमंडल संगड़ाह व साथ लगते शिमला जिला के चौपाल क्षेत्र की करीब 1 लाख की आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय नाहन, पांवटा, हरिद्वार दिल्ली व चंडीगढ़ आदि से कट चुका है। क्षेत्रवासियों ने 2 बार पहले भी पुल क्षतिग्रस्त होने के बावजूद यहां नया पुल बनाए जाने व ओवरलोडिंग तक न रोके जाने के लिए जिला सिरमौर Administration व हिमाचल Government के प्रति नाराजगी जताई।


 

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