विस्थापित समिति की मांग पर DC सिरमौर ने 11 जुलाई तक बढ़ाई MPAF list पर दावे की Date

PM मोदी द्वारा शिलान्यास के बाद खर्च हो चुका है करीब डेढ़ हजार करोड़ का Budget

राज्यपाल के site Visit व निर्देशों के बाद सिरमौर जिला प्रशासन हरकत में 

मांगे पूरी न होने तक Project का काम रोकने का ऐलान कर चुकी है विस्थापितों की संघर्ष समिति

अरबों ₹ खर्च होने के बावजूद नहीं हुआ धेले भर का भी वास्तविक निर्माण कार्य 

नाहन। रेणुकाजी बांध से विस्थापित होने वाले किसानों द्वारा गठित संघर्ष समिति की मांग पर उपायुक्त एवं समाहर्ता सिरमौर सुमित खिमटा ने परियोजना प्रभावित परिवारों की सूची पर दावे व आक्षेप दर्ज करने की अंतिम तिथि 14 जून से आगे बढ़ाकर 11 जुलाई 2023 तय की हैं। यह दावे व आक्षेप Renukaji Dam Project office ददाहू तथा तहसीलदार संगड़ाह, नौहराधार, ददाहू, राजगढ़ व पच्छाद के कार्यालयों में प्रस्तुत किये जा सकते हैं।DC ने बताया कि, रेणुकाजी बांध परियोजना में 20 पंचायतों के कुल 1,408 परिवार मुख्य परियोजना प्रभावित परिवार हैं, जिन्हें मुआवजा प्रदान किया गया है। इन प्रभावित परिवारों में 297 परिवारों की भूमि व घर जबकि 481 परिवारों की केवल भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इसी प्रकार 40 परिवारों की संरचनाओं (मकान/स्ट्रक्चर) तथा 587 परिवारों की शामलात भूमि का अधिग्रहण किया गया है तथा 3 अन्य परियोजना प्रभावित परिवार हैं। 
उपायुक्त ने कहा कि, रेणुका बांध प्रभावित परिवारों की विस्तृत MPAF सूचियां DC Sirmaur की अधिकारिक Website पर उपलब्ध है, जहां पर इनका अवलोकन किया जा सकता है। इसके अलावा आमजन की जानकारी हेतु सम्बन्धित पटवार वृतों व पंचायत कार्यालयों में भी यह सूची 16 मई से 11 जुलाई 2023 तक अवलोकनार्थ उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि, सभी सम्बन्धित व्यक्ति जिनकी भूमि या घर इस परियोजना हेतु अधिगृहित हुए हैं और उनका नाम इस सूची में सम्मिलित नहीं है या गलत रूप से सम्मिलित है, उन्हें Public Notice के माध्यम से सूचित किया गया है कि, इस सम्बन्ध में यदि किसी का कोई दावा या आक्षेप हो तो वह 11 जुलाई 2023 तक प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक व्यक्तिगत रूप से या पंजीकृत डाक द्वारा प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके उपरांत प्राप्त दावे व आक्षेप मान्य नहीं होंगे।सुमित खिमटा ने बताया कि, दावे व आक्षेप प्राप्त होने की अवधि समाप्त होने के 15 दिन के भीतर अन्तिम रूप से सूचि को अधिसूचित कर दिया जाएगा।
 राष्ट्रीय महत्व के Renukaji Dam Project से विस्थापित होने वाले किसानों की संघर्ष समिति द्वारा MPAF list पर आपत्ति दर्ज करने की तारीख 2 माह आगे किए जाने को लेकर कल DC Sirmaur को मांग पत्र अथवा Memorandum सौंपा गया था। इससे संघर्ष समिति अध्यक्ष योगेंद्र कपिला की मौजूदगी में शनिवार को हुई बैठक में उपाध्यक्ष से मिलने का निर्णय लिए जाने के साथ-साथ Renukaji Dam Management, जिला प्रशासन व हिमाचल Government को MPAF card, पुनर्वास, 1000 करोड़ के मुआवजे का विस्तृत विवरण व रोजगार जैसी मांगों की अनदेखी होने पर आंदोलन तेज करने की भी चेतावनी दी गई थी। गौरतलब है कि, Prime Minister Narendra Modi द्वारा 27, दिसंबर 2021 को करीब 7000 करोड़ के इस Project का शिलान्यास किए जाने के बाद इस पर करीब डेढ़ हजार करोड़ का भारी भरकम Budget खर्च हो चुका है, मगर धेले भर का भी वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है। गत 2, मई को Governor of Himachal Pradesh शिव प्रताप शुक्ल द्वारा अरबों का Budget खर्च होने के बावजूद लंबित Renukaji Dam Project का site visit किया जा चुका है और HPPCL, बांध प्रबंधन व सिरमौर District Administration को 5 साल की तय अवधि में Project complete करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। राज्यपाल के निर्देशों के बाद हरकत में आए उपायुक्त ने विस्थापितों को अपने दावे व आक्षेप पेश करने का Notice दिया है। 7000 करोड़ के इस Project पर करीब डेढ़ हजार करोड़ ₹ की राशि खर्च होने के बावजूद अब भी वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है। मांगे पूरी न होने तक विस्थापित संघर्ष समिति बांध निर्माण संबंधी कार्य रोकने का ऐलान कर चुकी है और इस साल अब तक Forest Land के पेड़ो को गिनने गई Dam Management की Team को 3 बार खदेड़ चुकी है । विभाग के अनुसार Dam से 41 गांव तथा 7,000 की आबादी प्रभावित होगी। महज 40 मेगावाट की इस परियोजना के लिए 90% Budget केंद्र सरकार द्वारा जारी किया जा रहा है और संभवतः इसीलिए अरबों का बजट खर्च होने के बावजूद काम शुरू न होने के लिए Himachal Government गंभीर नहीं है। करीब 26 KM लंबे इस बांध से डूबने वाले संगड़ाह-नाहन Road की वैकल्पिक सड़क के लिए भी ऊर्जा एवं बहुउद्देशीय परियोजना विभाग से Budget मिलना शेष है, हालांकि DPR बनाने के लिए ExEn PWD संगड़ाह को कुछ राशि जारी की जा चुकी है। राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना से दिल्ली सहित आधा दर्जन States को लगातार 23 क्युमेक्स Fresh Drinking Water उपलब्ध करवाना भी जानकार संभव नहीं बता रहे हैं, क्योंकि गर्मियों में नदी का डिस्चार्ज अथवा जल स्तर महज 5 क्युमेक्स के करीब रहता है। ऐसे में परियोजना के अधिकारियों व Engeneers के अनुसार बरसात में reservoir में Store होने वाला बरसात अथवा बाढ़ का पानी कई दिनों तक Supply किया जाएगा, हालांकि इस बारे कोई Public Document अब तक जारी नहीं किया गया। गौरतलब है कि, 1960 के दशक में 60 MW की गिरी विद्युत परियोजना के साथ ही रेणुकाजी बांध का सर्वेक्षण भी शुरू हो गया था, मगर 2021 तक जहां Budget व राजनीतिक इच्छाशक्ति व धन के अभाव में जहां राष्ट्रीय महत्व की यह परियोजना नेताओं के भाषणों तक सीमित रही, वहीं अब प्रधानमंत्री द्वारा शिलान्यास किए जाने के बावजूद विस्थापितों का विरोध व State Government अथवा HPPCL की लापरवाही इसके लटकने के मुख्य कारण समझे जा रहे हैं।


 

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