पांडवों की जीत की खुशी में मनाया जाता है बूढ़ी दिवाली पर्व

डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दुनिया भर में दिखेगी बूढ़ी दिवाली 

फिल्मकार मेला राम शर्मा के निर्देशन में द्राबिल व अन्य स्थानों पर हुई शूटिंग

इन द टि्वलाइट जोन की तरह उक्त फिल्म को भी अवॉर्ड की उम्मीद 

बुड़ेछू नृत्य रहता है पर्व का विशेष आकर्षण
 सिरमौर जनपद के गिरिपार क्षेत्र में मनाई जाने वाली बूढ़ी दिवाली पर तैयार की जा रही डॉक्युमेंट्री के माध्यम से अब उक्त अनूठे त्यौहार को देश व दुनिया भर में लोग देख सकेंगे। क्षेत्र के साहित्यकारों तथा बुजुर्गों के अनुसार महाभारत की लड़ाई में पांडवों की जीत के बाद धर्म राज युधिष्ठिर के राजतिलक की खुशी में यह त्यौहार मनाया जाता है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उपनिदेशक रह चुके उपमंडल संगड़ाह के रहने वाले फिल्म निर्माता मेला राम शर्मा द्वारा केवल गिरिपार में ही मनाए जाने वाले इस हिंदू त्योहार पर बनाई जा रही लघु फिल्म की शूटिंग का काम लगभग पूरा हो चुका है। इससे पहले रेणुकाजी बांध के विस्थापितों दशा पर आधारित श्री शर्मा की डॉक्यूमेंट्री इन द ट्विलाइट जोन को गत 14 अक्टूबर को शिमला में संपन्न अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट स्ट्रेट फिल्म अवार्ड मिल चुका है। 

 फिल्मकार मेला राम शर्मा बताया कि, गत 7 दिसंबर से मंगलवार तक जिला सिरमौर के उपमंडल शिलाई के अंतर्गत आने वाले द्राबिल गांव में उक्त डॉक्यूमेंट्री के अधिकतर हिस्सों को शूट किया गया। उपमंडल संगड़ाह व गिरिपार के कुछ अन्य इलाकों में भी कुछ द्रष्य मिल्माए गए। उक्त लघु फिल्म में बूढ़ी दिवाली के दौरान होने वाले विशेष बुड़ेछू नृत्य, मशाल यात्रा तथा पारंपरिक व्यंजनों परोसे जाने जैसी परंपराओं संबंधी कईं दृश्य है। फिल्म निर्माता मेला राम शर्मा, क्षेत्र के साहित्यकारों तथा बुजुर्गों के अनुसार महाभारत की लड़ाई के बाद पांडवों का राज तिलक होने के उपलक्ष में यह पर्व मनाया जाता है।


 दीपावली के ठीक एक माह बाद भीम की अमावस दिन शुरू होने वाले उक्त पर्व को इसके बाद पोड़ोई, भिंवरी, तीज व चौथ आदि नामों से मनाया जाता है। अब तक के शोध के मुताबिक बूढ़ी दिवाली का भगवान राम से कोई संबंध नहीं है तथा कौरवों पर पांडवों अथवा बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में यह पर्व मनाया जाता है। उपमंडल संगड़ाह के विभिन्न क्षेत्रों में बूढ़ी दिवाली के दौरान आयोजित होने वाली सांस्कृतिक संध्याओं को मशाली उत्सव के नाम से मनाया जाता है तथा मंगलवार को क्षेत्र में अलग अंदाज में मनाया जाने वाला यह हिंदू त्योहार संपन्न हो चुका है।

Comments