2022 तक नौहराधार Cement Plant चालू करना सरकार का लक्ष्य

अरावली व हिमाचल सरकार बीच Cement Plant को लेकर हुआ MOU
 605 करोड़ की Industry से 3,000 लोगों को मिलेगा परोक्ष रोजगार 

कैबिनेट की मंजूरी के बाद एक और कदम आगे बढ़ी सरकार
                        (File Photos)
 प्रर्यावरण Clearance मिलने व भूमि अधिग्रहण के बाद शुरू होगा निर्माण कार्य

जिला सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह के नौहराधार में प्रस्तावित White Cement Plant के लिए FCI अरावली व हिमाचल सरकार के बीच सोमवार को MOU signe हो चुका है। भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के उपक्रम अरावली इंडिया के प्रतिनिधि के रूप में IAS Officer अल्का तिवारी तथा Government of Himachal Pradesh की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार द्वारा MOU पर हस्ताक्षर किए गए। भारत के अपनी तरह के इस चौथे व जिला सिरमौर के पहले सफेद सिमेंट प्लांट संबंधी उक्त मुख्य औपचारिकता पूरी होने के बाद अब भूमि अधिग्रहण तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की क्लीयरेंस ही मुख्य औपचारिकताएं रहे जाएगी। 
 स्थानीय भूस्वामियों द्वारा चयनित 108 हेक्टेयर जमीन दिए जाने तथा जल्द Ministry of Forest and Environment द्वारा क्लीयरेंस दिए जाने की सूरत में अरावली तथा हिमाचल सरकार के अनुसार 2022 तक यह उद्यौग काम करना शुरू कर देगा। जानकारों का मानना है कि, सब कुछ ठीक रहने की सूरत में भी वर्ष 2024 से पहले यह उद्योग शुरू नही हो पाएगा, हालांकि सरकार ने 2022 लक्ष्य निर्धारित किया है। मंत्रिमंडल से उक्त Plant को गत 8, मई को मंजूरी मिलने के बाद 27, जून को प्रदेश सरकार द्वारा यहां खनन कार्य की लीज के लिए भारत सरकार के उपक्रम अरावली जिप्सम को Interest Letter भी जारी किया जा चुका है। 

 FCI Aravali Gypsum and Minerals India Limited के महाप्रबंधक सुरेन्द्र सिंह शेखावत ने सोमवार को इस बारे एमओयू साइन होने की पुष्टि करते हुए कहा कि, जल्द उक्त सिमेंट प्लांट संबंधी शेष औपचारिकताएं पूरी करवाई जाएगी। नौहराधार का दौरा कर चुके FCI अरावली के सह महाप्रबंधक राजेंद्र राठौर, वित्त उपप्रबंधक अभिषेक तथा खनन उपप्रबंधक अंकुश सक्सेना आदि के अनुसार ग्रामीणों से मिले सकारात्मक सुझाव के मुताबिक जल्द सिमेंट प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण व क्लीयरेंस संबंधी प्रक्रिया शुरू करवाई जाएगी। करीब 1,200 बीघा भूमि पर चलने वाले इस उद्योग की वर्तमान लागत 605 करोड़ के करीब है। उक्त Cement Plant के लिए अधिग्रहण की जाने वाली भूमि का 26, फरवरी, 2018 को SDM संगड़ाह की अध्यक्षता वाली Committee द्वारा निरीक्षण किया जा चुका है। उक्त निरिक्षण के बाद गत 4 मई को DC सिरमौर द्वारा भी भूमि को देखा गया तथा इस बारे स्थानीय लोगों की राय ली गई। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार अधिकतर भूस्वामी उचित मुआवजा मिलने पर जमीन देने को तैयार है तथा परियोजना के विस्थापितों का नियमानुसार पुनर्वास होगा।


 150 को प्रत्यक्ष तथा 3,000 लोगों को मिलेगा परोक्ष रोजगार 

सिरमौर में Government of India के माध्यम से स्थापित होने वाले इस पहले सफेद सीमेंट उद्योग से जहां 150 लोगों को प्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलेगा, वहीं तीन हजार के करीब बेरोजगारों को परोक्ष तौर पर यह उद्योग Employment देगा। क्षेत्र के साथ लगते राजगढ़ उपमंडल के अंतर्गत आने वाले हो गांव पलाऊ के लोग भी उक्त सीमेंट प्लांट उनकी जमीन पर लगाए जाने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रख चुके हैं। भारत सरकार के उपक्रम अरावली जिप्सम एंड मिनरल को 27, जून, 2018 को हिमाचल सरकार द्वारा उक्त Cement Plant के Mining पट्टे के लिए मंशा पत्र जारी किए जाने के बाद आज 25, फरवरी को एमओयू भी साइन किया गया हैं। 



भाजपा समर्थन में उतरी, तो माकपा ने किया विरोध 

मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी की मंडल इकाई, पर्यावरण बचाओ समिति व किसान सभा आदि वामपंथी संगठनों ने नौहराधार में सिमेंट फेक्ट्री का विरोध किया है। उक्त संगठन इस बारे यहां विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं। CPI(M) के मंडल सचिव एवं किसान सभा के जिला अध्यक्ष रमेश वर्मा ने कहा कि, सफेद सिमेंट के करीब पौने चार मिलियन टन पत्थर के खनन तथा Factory से न केवल पानी, जंगल, जमीन व प्रर्यावरण की तबाही होगी बल्कि इलाके के किसानों की खेती भी बर्बाद हो जाएगी। Congress फिलहाल इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रताप तोमर, महासचिव जगत सिंह व दिनेश चौहान, भाजयुमो ब्लाक अध्यक्ष विजेंद्र शर्मा व जिला मीडिया प्रभारी प्रताप रावत आदि ने नौहराधार Cement Plant को कैबिनेट से मंजूरी देने व इस बारे एमओयू साइन करने के लिए प्रदेश व केंद्र सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा कि, यह जिला सिरमौर व प्रदेश का सरकारी उपक्रम का सबसे बड़ा White Cement उद्योग होगा तथा परियोजना का कार्यालय भी शुरू हो चुका है। नौहराधार में कृषि विज्ञान केंद्र व 66 केवी विद्युत Substation को मंजूरी देने के लिए भी भाजपाइयों ने प्रदेश सरकार का आभार जताया। बहरहाल सब कुछ ठीक रहा तो सरकारी दावे के मुताबिक यह White Cement उद्योग वर्ष 2022 तक चालू हो जाएगी।

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