सोमवती अमावस्या पर ऐसा करने से मिल सकते हैं मनवांछित फल

श्रीमहंत दयानंद भारती ने बताए धार्मिक उपाय

कुंभ महास्नान के दिन सतयुगी तीर्थ रेणुकाजी में जुटी श्रद्धालुओं की भीड़
                        (File Pics)


सिरमौर। सोमवती अमावस्या पर मौन हो कर स्नान करने से पुण्य प्राप्त है तथा इसलिए इसे मौनी अमावस्या भी कहते हैं। गायत्री मंदिर हिमाचल प्रांत के श्रीमहंत स्वामी दयानंद भारती ने बताया कि, इस दिन पवित्र सरोवर अथवा नदियों में स्नान करने तथा दान से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। आज सोमवार को सोमवती अमावस्या पर प्रयागराज के कुंभ में महास्नान की तिथि होने के चलते सतयुगी तीर्थ रेणुकाजी में भी पवित्र स्थान के लिए भारी भीड़ जुटी। मोनी अमावस्या के पावन पर्व पर रेणुकाजी झील के अलावा देवभूमि हिमाचल के कईं धार्मिक सरोवरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। श्रीमहंत भारती ने कहा कि, इस दिन मनुष्य कुछ धार्मिक उपाय करके अपने जीवन को सफल बना सकता है। उन्होंने बताया कि, जिन जातकों की कुण्डली में कालसर्प दोष हो, वह इस दिन चांदी के नाग-नागिन किसी ब्राह्मण से विधिवत पूजन कराने के बाद पवित्र सरोवर, नदी या गंगा में  विसर्जित कर शिव रुद्राभिषेक करने का लाभ प्राप्त कर सकते है। जिन जातकों की कुण्डली में पितृ दोष हो, उनके लिए पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए इस अमावस्या का दिन उपयुक्त हैं। 


क्या है सोमवती अमावस की कथा

महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा। ऐसा भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है। रेणुकाजी स्थित एक आश्रम के संचालक एवं श्रीमहंत भारती ने कहा कि, अमावस्या की रात को कुछ धार्मिक उपाय करके भी अपनी समस्याओं से  कुछ हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। अमावस्या की रात को जब आसमान में चन्द्रमा नहीं होता है और चारों ओर घना अँधेरा होता है, वह घड़ी तांत्रिक और टोटकों के लिए काफी उत्तम बताई जाती है। किसी कुएं में अगर आप हर अमावस्या को एक चम्मच दूध डालते रहते हैं, तो इससे आपके जीवन में सभी दुःख खत्म होने लगते हैं। यदि कोई मनुष्य काफी दिनों से बेरोजगार हैं तो अमावस्या की रात एक नीम्बू को सुबह से घर के मंदिर में साफ करके रख दें। इसके बाद इसे अपने सर से सात बार उतारकर, चार बराबर भागों में काट लें और रात के समय चौराहे पर जाकर, चारों दिशाओं में इसको फ़ेंक दें। अमावस्या के दिन आप मछलियों को आटे की गोलियां जरूर खिलाएं। इससे आपके कष्ट खत्म होने लगेंगे। अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष की 108 परिक्रमा करके विधिवत पूजन करने के पश्चात ब्राह्मणों तथा गरीब असहाय लोगों को यथा शक्ति दान देने से सभी प्रकार की परेशानियों का शमन होता है तथा सुख शांती की प्राप्ति होती है ।

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