MP Prof. वीरेंद्र कश्यप ने प्रधानमंत्री को लिखा खत
जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की करीब ढ़ाई लाख की आबादी द्वारा पांच दशक से हर चुनाव में की जा रही जनजातीय दर्जे की मांग को लेकर एक बार फिर सियासत गरमाने लगी है। Parliament election नजदीक आने के चलते न केवल हाटी समिति, बल्कि नेताओं द्वारा भी इन दिनों एक बार फिर Trabsgiri मसले पर आवाज बुलंद की जाने लगी है।
लोक सभा सांसद वीरेंद्र कश्यप द्वारा उक्त मुद्दे को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा गया। खत में उन्होंने दो दिन पहले इस बारे केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा जनजातीय मंत्री जुएल ओराम से मिलने का भी हवाला दिया है। सांसद ने प्रधानमंत्री से जल्द उनके संसदीय क्षेत्र के गिरिपार अथवा Greater Sirmaur के हाटी समुदाय की उक्त मांग को पूरा करने की अपील की है। सांसद ने पिछले लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा उनके द्वारा उठाए जाने का हवाला दिया है।
जनजातीय दर्जे की मांग को लेकर एक ओर जहां हाटी समिति व सांसद प्रो वीरेंद्र कश्यप ने गतिविधियां तेज कर दी है, वहीं विरोधी दल अथवा कांग्रेस नेता भी इस मुद्दे को प्रदेश व केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ हथियार बनाकर इस्तेमाल करने की पूरी तैयारी में है। गिरिपार के कुल तीन MLA में से 2 Congress विधायक बार बार विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान इस मामले में भाजपा सांसद पर केवल राजनैतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगा रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उक्त मुद्दा हावी रहा तथा ट्रांसगिरी की तीन में से दो सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
यूं तो 1967 में तत्कालीन यूपी के बाबर-जौनसार इलाके को जनजातीय दर्जा मिलने के बाद से लगभग हर विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव के दौरान सिरमौर के तीन विधानसभा क्षेत्रों में गिरिपार का मुद्दा उठता है, मगर सांसद प्रो विरेंद्र कश्यप तथा केंद्र सरकार द्वारा इस बारे संतोषजनक प्रयास किए जाने के चलते क्षेत्रवासी इस बार ज्यादा आशावान है। उक्त मुद्दे को लेकर गठित हाटी समिति की उपमंडल संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ इकाइयों ने भी गतिविधियां तेज कर दी है। गत 5, मई, 2017 को जहां केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम गिरिपार अथवा उपमंडल संगड़ाह का दौरा कर चुके हैं, वहीं सांसद वीरेंद्र कश्यप द्वारा एक बार फिर उक्त मामले को गंभीरता से उठाया जा रहा है।
केन्द्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ अमीचंद कमल व महासचिव कुंदन शास्त्री ने बताया कि, 2011 की जनगणना के मुताबिक गिरिपार की कुल 2 लाख 48 हजार की आबादी अथवा 42 हजार परिवार हाटी समुदाय से संबंध रखते हैं। उन्होंने कहा कि, जनजातीय दर्जा मिलने की मांग पर केंद्र व प्रदेश सरकार का सकारात्मक सहयोग मिल रहा है। डॉ कमल के अनुसार सामाजिक, भौगोलिक, आर्थिक व सांस्कृतिक दृष्टि से उत्तराखंड के बाबर जोंसार से पूरी तरह मेल खाने वाला गिरिपार जनजातीय दर्जा मिलने का संबंधी सभी शर्तें पर खरा उतरता है। बहरहाल सांसद द्वारा इस बारे हाल ही में प्रधानमंत्री को मांग पत्र सौंपे जाने व हाटी समिति की उपमंडल स्तरीय इकाइयों के पुनर्गठन से एक बार फिर यह मामला तूल पकड़ चुका है।
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