Snow season के बाद संगड़ाह area मे अब गर्मी से राहत पाने के लिए पंहुच रहे हैं Tourists
नेताओं व Administration के वादों के बावजूद नहीं हुआ पर्यटन विकास
(पुरानी तस्वीरें)
सिरमौर जनपद के उपमंडल संगड़ाह की सर्दियों में बर्फ से प्रभावित रहने वाली 21 पंचायतों मे ठंडे मौसम के चलते इन दिनो एक बार फिर मैदानी इलाकों से काफी संख्या में Tourists पहुंच रहे हैं। गत सप्ताह से इलाके में आम दिनों से अधिक हर रोज पांच दर्जन के करीब वाहन हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ व दिल्ली आदि से आए पर्यटकों के देखे जा रहे हैं। एक माह पहले तक जहां क्षेत्र में Snowfall जारी रहने के चलते बर्फ देखने के लिए पड़ोसी राज्यों से काफी संख्या में लोग पंहुचे, वहीं इन दिनों मैदानी इलाकों में हो रही तेज गर्मी से निजात पाने के लिए Tourest पंहुच रहे हैं। गर्मियों में मैदानी इलाकों में जहां Temperatures 40 Degree पार कर जाता है, वहीं Civil Subdivision Sangrah के Himalayan Forests अथवा वादियों में मात्र 25 डिग्री के आसपास रहता है। बुधवार को संगड़ाह मे अधिक्तम तापमान मात्र 24 डिग्री सेंटीग्रेड रहा। कभी-कभार क्षेत्र में विदेशी सैलानी भी देखे जाते हैं।
Summer visitor Birds तथा बुरास के जंगल बने Attraction
संगड़ाह अथवा गिरिपार के जंगलों मे इन दिनों गृष्मकालीन प्रवास पर पहुंचे Dove अथवा घुघती, Parakeets, बुलबुल व कुक्कू आदि ग्रीष्मकालीन घुमंतू पक्षी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने हैं। इन परिंदों की एक खासियत यह है कि, छह माह के ग्रीष्मकालीन प्रवास के दौरान ये ठंडे इलाकों अथवा हिमालय जंगलों में संतान उत्पत्ति करते हैं। सर्दी शुरू होने पर अक्टूबर माह में ये अपने नए परिवार सहित लौट जाते हैं। क्षेत्र के जंगलों में पाए जाने वाले Rhododendron अथवा बुरास के पेड़ों पर आई बहार भी इन दिनों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। दूर से देखने पर बुरांस के विशाल पेड़ों वाले जंगल Red Rose Garden जैसे दिखाई देते हैं, तथा लोग इन Forest में Selfie खींचने से नहीं चूकते।
पर्यटन विकास के दावे अधूरे
क्षेत्र में हालांकि विगत दो दशक से Tourest की संख्या लगातार बढ़ रही है, मगर यहां पर्यटन विकास के नेताओं व अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो रहे है। संगड़ाह जिला सिरमौर का एकमात्र उपमंडल है जो अब तक राज्य अथवा राष्ट्रीय उच्च मार्ग से नहीं जुड़ सका है। गत साढ़े छः साल में वाहन Accidents मे क्षेत्र में 118 लोगों की जान ले चुकी है। हिमाचल के पहले Chief Minister डॉ परमार का विधानसभा क्षेत्र रहे इस इलाके की खस्ता हालत सड़कें स्थानीय लोगों के अलावा सैलानियों के लिए भी परेशानियों का सबब बन रही है। 30, दिसंबर, 2007 को पंचतत्व में विलीन हुई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी की स्मृति में संगड़ाह में 30 लाख की लागत से बनने वाला Kinkri Park HIMUDA व जिला प्रशासन की लापरवाही से आज तक लंबित है। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा 29, अप्रैल, 2013 को चुड़ेश्वर सेवा समिति के सम्मेलन में की गई उपमंडल संगड़ाह के चूड़धार मे हेलिपैड निर्माण व नोहराधार-चूड़धार Road की घोषणाएं अब तक पूरी नहीं हो पाई। क्षेत्र को National Highway से जोड़ने का केंद्रीय परिवहन मंत्री का तीन साल पुराना वादा भी पूरा नहीं हुआ। गत विधानसभा चुनाव में भी भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवारों द्वारा क्षेत्र के पर्यटन विकास के वादे दोहराए गए, जो अब तक पूरे नहीं हुए।
नेताओं व Administration के वादों के बावजूद नहीं हुआ पर्यटन विकास
(पुरानी तस्वीरें)
सिरमौर जनपद के उपमंडल संगड़ाह की सर्दियों में बर्फ से प्रभावित रहने वाली 21 पंचायतों मे ठंडे मौसम के चलते इन दिनो एक बार फिर मैदानी इलाकों से काफी संख्या में Tourists पहुंच रहे हैं। गत सप्ताह से इलाके में आम दिनों से अधिक हर रोज पांच दर्जन के करीब वाहन हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ व दिल्ली आदि से आए पर्यटकों के देखे जा रहे हैं। एक माह पहले तक जहां क्षेत्र में Snowfall जारी रहने के चलते बर्फ देखने के लिए पड़ोसी राज्यों से काफी संख्या में लोग पंहुचे, वहीं इन दिनों मैदानी इलाकों में हो रही तेज गर्मी से निजात पाने के लिए Tourest पंहुच रहे हैं। गर्मियों में मैदानी इलाकों में जहां Temperatures 40 Degree पार कर जाता है, वहीं Civil Subdivision Sangrah के Himalayan Forests अथवा वादियों में मात्र 25 डिग्री के आसपास रहता है। बुधवार को संगड़ाह मे अधिक्तम तापमान मात्र 24 डिग्री सेंटीग्रेड रहा। कभी-कभार क्षेत्र में विदेशी सैलानी भी देखे जाते हैं।
Summer visitor Birds तथा बुरास के जंगल बने Attraction
संगड़ाह अथवा गिरिपार के जंगलों मे इन दिनों गृष्मकालीन प्रवास पर पहुंचे Dove अथवा घुघती, Parakeets, बुलबुल व कुक्कू आदि ग्रीष्मकालीन घुमंतू पक्षी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बने हैं। इन परिंदों की एक खासियत यह है कि, छह माह के ग्रीष्मकालीन प्रवास के दौरान ये ठंडे इलाकों अथवा हिमालय जंगलों में संतान उत्पत्ति करते हैं। सर्दी शुरू होने पर अक्टूबर माह में ये अपने नए परिवार सहित लौट जाते हैं। क्षेत्र के जंगलों में पाए जाने वाले Rhododendron अथवा बुरास के पेड़ों पर आई बहार भी इन दिनों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। दूर से देखने पर बुरांस के विशाल पेड़ों वाले जंगल Red Rose Garden जैसे दिखाई देते हैं, तथा लोग इन Forest में Selfie खींचने से नहीं चूकते।
पर्यटन विकास के दावे अधूरे
क्षेत्र में हालांकि विगत दो दशक से Tourest की संख्या लगातार बढ़ रही है, मगर यहां पर्यटन विकास के नेताओं व अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो रहे है। संगड़ाह जिला सिरमौर का एकमात्र उपमंडल है जो अब तक राज्य अथवा राष्ट्रीय उच्च मार्ग से नहीं जुड़ सका है। गत साढ़े छः साल में वाहन Accidents मे क्षेत्र में 118 लोगों की जान ले चुकी है। हिमाचल के पहले Chief Minister डॉ परमार का विधानसभा क्षेत्र रहे इस इलाके की खस्ता हालत सड़कें स्थानीय लोगों के अलावा सैलानियों के लिए भी परेशानियों का सबब बन रही है। 30, दिसंबर, 2007 को पंचतत्व में विलीन हुई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी की स्मृति में संगड़ाह में 30 लाख की लागत से बनने वाला Kinkri Park HIMUDA व जिला प्रशासन की लापरवाही से आज तक लंबित है। पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा 29, अप्रैल, 2013 को चुड़ेश्वर सेवा समिति के सम्मेलन में की गई उपमंडल संगड़ाह के चूड़धार मे हेलिपैड निर्माण व नोहराधार-चूड़धार Road की घोषणाएं अब तक पूरी नहीं हो पाई। क्षेत्र को National Highway से जोड़ने का केंद्रीय परिवहन मंत्री का तीन साल पुराना वादा भी पूरा नहीं हुआ। गत विधानसभा चुनाव में भी भाजपा-कांग्रेस दोनों दलों के उम्मीदवारों द्वारा क्षेत्र के पर्यटन विकास के वादे दोहराए गए, जो अब तक पूरे नहीं हुए।
Comments
Post a Comment