क्षेत्र में हर साल गर्मियां बिताने आते हैं लाखों घुमंतू पक्षी
सर्दियां मे New Family members के साथ करते हैं मैदानों का रूख
Traditional सिरमौरी गीतों में कईं बार आता है जिक्र इनका
जिला सिरमौर के गिरिपार तथा अन्य Hill areas में इन दिनों मैदानी क्षेत्रों से गृष्मकालीन प्रवास पर आए लाखों घुमंतू पक्षी अगले छः माह के लिए डेरा जमा चुके हैं। क्षेत्र में April के पहले सप्ताह में पंहुचने वाले Summer visitor Birds में स्थानीय भाषा में घुघती कही जाने वाली Dove प्रमुख है तथा इसकी पांच उपजातियां इलाके में देखी जा सकती है। पक्षी प्रेमियों अथवा Wildlife experts के अनुसार डव अथवा घूघी के अलावा दो किस्मों के Parakeets अथवा तोते, कुकू, कोयल तथा बुलबुल आदि परिंदे भी इन दिनों भारी संख्या में Himalayan Forests में पंहुचते हैं। उक्त परिंदों की गणना हालांकि अब तक वन्य प्राणी अथवा Forest Department द्वारा नहीं की गई, मगर क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार Greater Sirmaur में तीन लाख के करीब प्रवासी पक्षी गर्मियां बिताने पहुंचते हैं।
पंजाब, हरियाणा व प्रदेश के विभिन्न मैदानी इलाकों से आने वाले इन परिंदों की खास बात यह है कि यह इसी क्षेत्र में प्रजनन अथवा बच्चे पैदा करते हैं तथा अपने New Family members के साथ मैदानी इलाकों को लौट जाते हैं। इन दिनों इनके Nesting अथवा घोंसले बनाने की प्रक्रिया जारी है तथा इसके बाद मेटिंग व फिर प्रजनन का प्रक्रिया शुरू होती है। सदियों से पहाड़ों में गर्मियां बिताने आने वाले इन परिंदों का जिक्र क्षेत्र के लोकगीतों में भी बार-बार आता है तथा गिरिपार अथवा सिरमौर की दर्जन भर से अधिक नाटियों में डब अथवा घुघूती की मनमोहक कूक व आकर्षण रंग रूप का जिक्र आता है। निंगुली घुरे घुगतिए, मोहरू दी ताजी दासिया, कुकुए कुइनले लाई लोई बातों तथा घुघुते बाशोते आदि सिरमौरी Folk Songs में इन मेहमान परिंदों का संजीदगी से जिक्र किया गया है। गेहूं, हरी मटर, गर्मियों में उगने वाले जंगली फल, बुरास अथवा Rhododendron तथा कीड़े मकोड़े इन Guest Birds का प्रिय भोजन है। सुबह धूप खिलने से पहले ही उक्त परिंदे चहचहाना अथवा अपने गीत सुनाना शुरू कर देते हैं।
मैदानी इलाकों में इन दिनों Temperature 40 पारा पंहुचना तथा हिमालयी जंगलों की ठंडक इनके प्रवास का प्रमुख कारण बताया जाता है। क्षेत्र के बुजुर्गों के अनुसार आज भी इनकी तादाद उतनी ही देखी जाती है, जितनी कि, दशकों पहले हुआ करती थी। इनमें से कुछ पक्षियों का लोग मीट के लिए शिकार भी करते हैं, हालांकि क्षेत्रवासियों तथा Wildlife department के कर्मचारियों के अनुसार आमतौर पर इन्सानों से दूर रहना पसंद करने वाले इन परिंदों का शिकार करना आसान नहीं है। समर विजिटर परिंदे हर बार न केवल पक्षी प्रेमियों, बल्कि स्थानीय लोगों तथा क्षेत्र में आने वाले Tourists के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं। बहरहाल मैदानी इलाकों की तेज गर्मी से बचने के लिए उक्त Birds गिरिपार के सदाबहार हिमालई जंगलों के प्रवास पर पहुंच चुके हैं। आगामी अक्टूबर माह में अपने New Family members अथवा बच्चों के साथ यह मेहमान मैदानी इलाकों में लौट जाएंगे....
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