782 बीघा भूमि पर खनन की जांच के लिए 1 Mining Guard तक नहीं

संगड़ाह के स्वंयसेवी संगठनों ने की खान रक्षक की नियुक्ति की मांग 
 धर्म कांटा न होने से Overloading पर नहीं होती कार्यवाही

किंकरी देवी के गृह क्षेत्र में सरकारी अनुमति चल रही है 6 Limestone Mines
 सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह में करीब 782 बीधा भूमि में चल रही छः Limestone Mines के निरिक्षण के लिए एक माइनिंग गार्ड तक की नियुक्ति न होने के लिए क्षेत्र के स्वंयसेवी संगठनों तथा प्रर्यावरण प्रेमियों ने Government of Himachal Pradesh व संबंधित विभाग के प्रति नाराजगी जताई। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी के गृह क्षेत्र में चल रही उक्त खदानों से हांलांकि हर साल सरकार को लाखों की आमदनी हो रही है, मगर इसके बावजूद यहां खनन गतिविधियों की जांच अथवा Illigal Limestone Mining रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं किए गए। गत माह संगड़ाह से करीब 3 Kilometer दूर मंडोली नामक स्थान पर डेढ़ दशक बंद पड़ी हिमालय Limestone Mine पर सरकार की अनुमति से फिर से खनन कार्य शुरू हो चुका है।

 इस Civil Subdivision में सरकारी अनुमति से पांच Mines पहले से चल रही थी। पिछले छः माह में क्षेत्र में बरसों से बंद पड़ी तीन चूना खदानों को सूबे की नई सरकार से हरी झंडी मिल चुकी है तथा क्षेत्र के Congress नेता भी इस मुद्दे पर नजरें गड़ाए हुए है। तीन माह पहले जहां क्षेत्र के गांव भड़वाना के साथ लगती संत माइन पर काम शुरू हो चुका है, वहीं Sangrah-Nahan road पर संगड़ाह से तीन किलोमीटर दूरी पर दुर्गा Limestone Mine पर भी गत 15, मार्च से खनन कार्य शुरू हो चुका है। खनन व्यवसायियों तथा विभाग के अनुसार इन दिनों दो चूना खदानों पर बरसात में सड़क खराब होने के चलते लगातार काम नहीं हो पा रहा है। Degree College Sangrah के समीप 192 बीघा लीज क्षेत्र में मौजूद हिमालय लाइमस्टोन माइन के संचालक एवं खनन अभियंता के अनुसार सरकार द्वारा यहां केवल 112 बीघा में खनन कार्य की अनुमति दी गई है। 


 पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी की मुहिम के दौरान 1990 के दशक बंद हुई सिरमौर की 71 अवैध व अवैज्ञानिक चूना खदानों में उपमंडल संगड़ाह की आठ Mines शामिल थी, जिनमें से छः चल पड़ी है। इस उपमंडल की वालिया माइन संगड़ाह, नेगी माइन भड़वाना, वालिया माइन भूतमढ़ी, दुर्गा माइन बोरली तथा गुप्ता हिमालय माइन मंडोली को जहां खनन की अनुमति है, वहीं संत Mine भड़वाना को Stock उठाने की अनुमति वर्तमान सरकार से मिली है। हिमालय माइन इस उपमण्डल संगड़ाह की दूसरी सबसे बड़ी चूना खदान है, जबकि 376 बीघा में मौजूद भूतमढ़ी लाइमस्टोन माइन क्षेत्रफल की दृष्टि से पहले नंबर पर है। 


नागरिक उपमंडल में चल रही चूना खदानों पर पंजीकृत मजदूरों की संख्या हालांकि मात्र 45 के करीब है, मगर संबंधित खनन व्यवसायियों के अनुसार इन खदानों से एक हजार के करीब लोगों को परोक्ष Employment मिल रहा है। स्वयंसेवी संस्था सारा तथा एनएमबी व SVM आदि संगठनों ने संबंधित विभाग व Government द्वारा संगड़ाह मे अवैध व Unscientific Mining रोकने के लिए एक माइनिंग Guard तक की नियुक्ति न किए जाने पर नाराजगी जताई। यहां धर्मकांटा न होने से पत्थर के ओवरलोडेड ट्रकों पर कार्यवाही न होने तथा लीज एरिया से बाहर Mining रोकने के लिए जीओ टैगिंग जैसी मूलभूत जांच की व्यवस्थाएं न किए जाने को उन्होंने अवैध खनन को सरकारी छूट करार दिया। उक्त संगठनों के पदाधिकारी बीएन शर्मा, विनोद कंठ, आरडी शर्मा व बबलू चौहान आदि ने कहा कि, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी के निधन के बाद से क्षेत्र में अवैध व अवैज्ञानिक खनन फिर शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि, सरकार द्वारा जहां मात्र 782 बीघा भूमि पर खनन को हरी झंडी दी गई है, वहीं पड़ोसी राज्यों के खनन माफिया अथवा व्यवसायियों द्वारा लीज एरिया से बाहर भी करीब 300 बीघा में चूना खनन के लिए पहाड़ों को तोड़ा जा रहा हैं। जिला खनन अधिकारी सिरमौर के अनुसार समय-समय पर खनन कार्यों की जांच की जाती है तथा उपमंडल संगड़ाह की सभी खदानों पर नियमानुसार सही ढंग से काम चल रहा है। उन्होंंने कहा कि, हिमाचल High Court की हाई पावर कमेटी द्वारा भी खनन कार्यो की जांच की जाती है। डीएसपी संगड़ाह व स्थानीय थाना प्रभारी ने कहा कि, अवैध खनन करने वालों के समय-समय पर चालान किए जाते हैं। SHO के अनुसार क्षेत्र में धर्म कांटा न होने के चलते Overloaded ट्रकों के चालान करने में दिक्कत आ रही है।

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