भूस्खलन से 20 घंटे बंद रहा संगड़ाह-नाहन मार्ग
तय समय पर निर्धारित रूट पर नही पंहुची Buses
सड़कें बंद होने पर सबसे ज्यादा परेशानी पर्यटकों व छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाले लोगों को होती है। गौरतलब है कि, क्षेत्र में पिछले दो सप्ताह से इलाके मे बारिश का कहर जारी है, जिससे किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग व जल शक्ति विभाग को करोड़ों का नुकसान भूस्खलन से हुआ है। कंडा नाला उफान पर होने के चलते करीब 12 घण्टे तक यहा मार्ग अवरुद्ध रहा। उक्त नाले पर करीब दो वर्षों से पुल का निर्माण कार्य चला हुआ है, मगर विभाग व ठेकेदार की लेटलतीफी के चलते पुल का कार्य लटका हुआ है। प्रसाशन से राहगीरों व चालको से अपील की है कि, यहां पर कोई भी तेज बारिश के दोरान अपने वाहनों को न ले जाए। लोक निर्माण विभाग मंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाली नौहराधार-पुन्नरधार, देवना-थनगा, संगड़ाह- लानाचेता-राजगढ़ आदि सड़के भी भूस्खलन से बंद हो चुकी है। बुधवार को क्षेत्र की अधिकतर बसें अपने निर्धारित समय पर तय रूट पर नही पहुंच पाई। HP PWD के अधिशासी अभियंता संगड़ाह रतन शर्मा ने कहा कि, संगड़ाह- नाहन रोड सहित सभी लगभग मुख्य सड़कों पर यातायात बहाल किया जा चुका है।
यात्रियो ने बिना क्रेन सीधी कर डाली दुर्घटनाग्रस्त Pic-Up
ठठारना के पास पलटी थी लहसुन से लदी पिकअप
संगड़ाह। उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले नौहराधार-हरिपुरधार मार्ग पर ठठारना के लहसुन से लदी पिकअप 79- 1915 बुधवार को अनियंत्रित होकर पलट गई। उक्त हादसे के चलते करीब दो घण्टे मार्ग अवरुद्ध रहा और भूस्खलन से जगह जगह सड़कें बंद होने के चलते क्रेन व जेसीबी मशीन की व्यवस्था नही हो पाई। सड़क बंद होने से परेशान लोगों मे से एक को धक्का लगाकर दुर्घटनाग्रस्त पिक-अप को सीधा करने का विचार सूझा। फिर क्या था, मौजूद यात्रियों ने जोर लगाकर इस वाहन को सीधा किया और यातायात बहाल कर डाला। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आगे से एक तेज रफ्तार बाइक सवार को बचाने की कोशिश मे चालक ने जोर से ब्रेक लगाई, जिसके चलते यह लहसुन से लदी पिकअप पलट गई। गाड़ी मे 2 लोग सवार थे तथा हादसे मे किसी को भी ज्यादा चोट नही आई। गनीमत यह रही कि, पिकअप सड़क से बाहर नही गई।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सिरमौर मे 14 Units की जा रही स्थापित
योजना के तहत 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक अनुदान किया जा रहा प्रदान
नाहन । हिमाचल प्रदेश के मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से मजबूत तथा आत्मनिर्भर बनाने के साथ मत्स्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चलाई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य मछली पालन को बढ़ावा देना, मत्स्य पालकों की क्षमता के एकीकृत विकास के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना, स्थिरता, जैव सुरक्षा और पर्यावरण संबंधित चिंताओं को ध्यान में रखते हुए मत्स्य पालकों की आय में सुधार करना है। सहायक मत्स्य पालन अधिकारी नाहन तपेश चौहान ने बताया कि, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिला सिरमौर में वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 8.94 लाख रुपए खर्च करके 14 मत्स्य पालन की इकाइयां स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है। कुछ इकाइयां कार्यशील हो चुकी हैं तथा कुछ का कार्य प्रगति पर है। हिमाचल प्रदेश में इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के लिए 40 प्रतिशत तथा अन्य वर्ग के लिए 60 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। Prime Minister मत्स्य संपदा योजना के लाभार्थी अनुज वर्मा पुत्र बालकिशन निवासी गांव नाया डाकघर माजरा तहसील पांवटा साहिब ने बताया कि उन्हें मत्स्य विभाग की ओर से 7 बायो फ्रलोक टैंक बनाने के लिए 3 लाख रुपए का अनुदान स्वीकृत हुआ है जिसमें से 1.20 लाख अनुदान राशि उन्हें अब तक प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने अपने इन टैंको में अलग-अलग प्रजाति का मत्स्य बीज डाल रखा है, जिसमें कॉमन कार्प गोल्डन फिश, वियतनाम कोई और सिंघी प्रमुख हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले 6-7 महीनों में उन्हें अच्छी पैदावार की उम्मीद है। उन्होंने अन्य लोगों से भी मात्स्यिकी विभाग की योजनाओं से जुड़ने का आवाहन किया है। मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े अन्य लाभार्थी जिला सिरमौर की तहसील नाहन के अंतर्गत गांव रुकडी के रहने वाले नितिन चौहान ने बताया कि, उन्होंने मत्स्य पालन के व्यवसाय को अपनाया हुआ है। अपने इस व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उन्हें मात्स्यिकी विभाग की ओर से एक हेक्टेयर के तालाब के लिए 4.96 लाख रुपए की अनुदान सहायता स्वीकृत हुई है, जिसमें से अब तक 1.68 लाख रुपए उन्हें मिल चुके हैं। उन्होंने नालागढ़ से तकरीबन 1 लाख मछली का बीज लाकर अपने तालाब में डाला है, जो एक वर्ष के भीतर तकरीबन एक किलो से ऊपर का हो गया है। नितिन चौहान के अनुसार हिमाचल में ही तैयार बीज से उन्हें काफी फायदा हुआ है तथा इस व्यवसाय से उन्हें प्रति वर्ष प्रति बीघा से एक लाख रुपये तक की आमदनी की संभावना है। उन्होंने इस योजना का लाभ देने के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश सरकार और मात्स्यिकी विभाग का धन्यवाद किया है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सरकार तालाब बनाने तथा मत्स्य पालन शुरू करने के लिए अनुदान राशि उपलब्ध करवा रही है जिससे मत्स्य किसान अपना खुद का मछली पालन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाकर मछली पालकों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं तथा वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। योजना के तहत अनुदान की राशि सीधे मत्स्य पालक के बैंक खाते में भेजी जाती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक जिला मत्स्य पालन कार्यालय नाहन में संपर्क कर सकते हैं जिसके लिए आवेदक के पास आधार कार्ड, पहचान पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, आवेदक के बैंक खाते का विवरण, मोबाइल नंबर, राशन कार्ड तथा आवेदक का जाति प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
संगड़ाह मे आज सभी RAT Sample Nagetive, तय समय पर नही चल सकी Buses
स्वास्थ्य खंड संगड़ाह में हालांकि आज सभी RAT Sample Nagetive पाए गए, मगर क्षेत्र मे Corona संक्रमण थमता नजर नहीं आ रहा है। गत सप्ताह से यहां 4 रैपिड एंटीजन टेस्ट की Report Positive पाई जा चुकी है। संगड़ाह कस्बे मे आज लोग Mask व MV act के प्रती लापरवाह दिखे। बुधवार को इलाके की कईं सड़के भूस्खलन से घंटो बंद रहने के चलते Buses तय Time पर नही चल सकी।
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