सर्वर डाउन होने से चला चोरी का पता
पुलिस आरोपियों से बरामद कर चुकी है चोरी की 35 बैटरी
संगड़ाह। उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले देवामानल में मौजूद एक निजी कंपनी के मोबाइल टावर से करीब 9 लाख ₹ की बैटरी चुराकर भागे चोरों को ग्रामीणों ने पुलिस के हवाले किया। सर्वर डाउन होने अथवा सिग्नल जाने का पता लगते ही Airtel टेक्नीशियन सुरेश कुमार ने चौकीदार रुपेद्र को फोन किया। रूपेंद्र टावर के शल्टर रूम में पहुंचे तो बेटरीयां गायब होने का पता चला। उन्होने पंचायत प्रधान भुपाल सिंह को इसकी इसकी सूचना दी और प्रधान के कहने पर ग्रामीणों ने गाड़ी को भानरा गांव के समीप रोक लिया। मंगलवार मध्यरात्रि आरोपी चोरों को उन्होने नौहराधार चौकी के पुलिसकर्मीयों के हवाले किया।गिरफ्तार आरोपियों मे तुषार गर्ग, राकेश व आकाश के अलावा चौथा नाबालिक है और सभी दादाहु के रहने वाले है। DSP संगड़ाह शक्ति सिंह ने बताया कि, चारों के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया गया है और 35 बैटरी बरामद हो चुकी है। उन्होंने कहा कि, मामले की तहकीकात जारी है।
मुख्यमंत्री से की संगड़ाह मे Civil Court व Politechnic College खोलने की मांग
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी भेजी मांग पत्र की प्रति
2012 व 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी उम्मीदवारों ने किया था कोर्ट का वादा
संगड़ाह विकास मंच ने भेजा मांग पत्र
संगड़ाह। नागरिक उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह मे ज्युडीशियल कोर्ट, पॉलिटेक्निक कॉलेज व विद्युत मंडल कार्यालय खोले जाने को लेकर एसवीएम द्वारा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मांग पत्र भेजा गया। उक्त पत्र की प्रति भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष को भी ई-मेल की गई है। संगड़ाह विकास मंच के संयोजक रविदत्त शर्मा ने बुधवार को भेजे गए उक्त पत्र की प्रति के साथ जारी बयान मे कहा कि, पिछले दो विधानसभा चुनाव में क्षेत्र के सभी दलों के उम्मीदवारों द्वारा यहां ज्युडीशियल अथवा सिविल कोर्ट की मांग पूरी करने के आश्वासन दिए गए, मगर सत्ता मिलने के बाद किसी भी दल की सरकार ने यह चुनावी वादा पूरा नहीं किया। 4, मई, 2012 को संगड़ाह को नागरिक उपमंडल का दर्जा मिलने अथवा यहां एसडीएम कार्यालय खुलने के बाद हालांकि यहां डीएसपी अथवा उपमंडलीय पुलिस अधिकारी कार्यालय खुल चुका है, मगर ज्युडीशियल कोर्ट, APRO, विद्युत विभाग का अधिशासी अभियंता कार्यालय व पोलिटेक्निक कालिज आदि संस्थान खोले जाने की मांगे पूरी नही हुई। उक्त लंबित मांगों अथवा घोषणाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री को भी कईं ज्ञापन सौंप चुके संगड़ाह विकास मंच, व्यापार मंडल व त्रिनेत्रा क्लब आदि स्थानीय संगठनों के पदाधिकारियों तथा पंचायत प्रतिनिधियों ने यहां जारी बयान में कहा कि, वर्तमान मुख्यमंत्री को इस बारे नौवीं बार मांग पत्र भेजा गया हैं। उक्त चिट्ठियों की प्रतियां इससे पूर्व प्रदेश के राज्यपाल, उच्च न्यायालय, ऊर्जा मंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदि को भी भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि, साथ लगते उपमंडल मुख्यालय शिलाई में हालांकि SDM office संगड़ाह के करीब दो साल बाद शुरू हुआ, मगर यहां वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्ष सिविल कोर्ट खोला जा चुका है। अदालत संबंधी कार्यों के लिए विकास खंड संगड़ाह की 90 हजार के करीब आबादी को 60 से 100 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय नाहन के चक्कर काटने पड़ते हैं तथा एक पेशी पर जाने के लिए 2 दिन का समय लग जाता है। प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा गत 11, जुलाई, 2018 को संगड़ाह विकास मंच को भेजे गए एक जवाबी पत्र में कहा गया है की, संगड़ाह में सिविल Court खोले जाने की प्रपोजल पहले ही प्रदेश सरकार को भेजी जा चुकी है, जिस पर हिमाचल सरकार द्वारा आगामी कार्यवाही की जानी है। गौरतलब है कि, गत 3, सितंबर को सिरमौर के दूसरे दूरदराज क्षेत्र शिलाई में करीब 200 करोड़ के उद्घाटन व शिलान्यास कर चुके मुख्यमंत्री इस हल्के मे अपने करीबी पूर्व भाजपा विधायक की एसडीएम व सिविल कोर्ट, बीडीओ तथा विद्युत व लोक निर्माण विभाग के मंडल व उपमंडल कार्यालय खोल चुके हैं। बहरहाल आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व क्षेत्रवासियों को उक्त मांगे पूरी होने की उम्मीद हैं।
गिरिपार में सप्ताह भर चलती है दिवाली
बुड़ेछू नृत्य, बैल पूजन व सास-दामाद दूज है त्यौहार का अहम हिस्सा
चौदश पर्व पर होता है बुड़ेछू लोक नृत्य
संगड़ाह। सिरमौर जनपद की सदियों पुरानी लोक संस्कृति व परंपराओं को संजोए रखने के लिए मशहूर गिरिपार क्षेत्र में यूं तो हिंदुओं के कईं त्यौहार अलग अंदाज में मनाए जाते हैं, मगर यहां सप्ताह भर चलने वाली दिवाली तथा एक माह बाद आने वाली बूढ़ी दिवाली हमेशा चर्चा में रही है। क्षेत्र में दीपावली से एक दिन पूर्व चौदश से उक्त त्यौहार शुरू होता है तथा इसके बाद अवांस, पोड़ोई, दूज व तीज आदि नाम से सप्ताह भर चलता है। बुधवार को मनाए जाने वाले छोटी दिवाली अथवा चौदश पर्व पर क्षेत्र मे अलकली व बिलोई आदि पारम्परिक व्यंजन बनाए गए। चौदश की रात इलाके के विभिन्न गांवों में बुड़ेछू लोक नृत्य भी होता है। Diwali के दौरान क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बुड़ेछू लोक नृत्य होता है तथा अलग-अलग दिन अस्कली, धोरोटी, पटांडे, सीड़ो व तेलपकी आदि पारम्परिक व्यंजन परोसे जाते हैं। दीपावली के अगले रोज पोड़ोई, दूज, तीच व चौथ आदि पर ग्रेटर सिरमौर के कईं गांव में सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें से कुछ जगहों पर रामायण व महाभारत का मंचन किया जाता है। गिरीपार के अंतर्गत आने वाले उपमंडल संगड़ाह, शिलाई व राजगढ़ की 135 के करीब पंचायतों में दिवाली को आज भी इसी तरह पारम्परिक अंदाज में मनाया जाता है। क्षेत्र में कुछ दशक पहले तक बिना पटाखे चलाए प्रर्यावरण मित्र ढंग से यह उत्सव मनाया जाता था, हालांकि अब देश के अन्य हिस्सों की देखा-देखी में आतिशबाजी दीपावली हिस्सा बन गई है। विशेष समुदाय से संबंध रखने वाले पारंपरिक बुड़ेछू कलाकारों द्वारा इस दौरान होकू, सिंघा वजीर, चाय गीत, नतीराम व जगदेव आदि वीर गाथाओं गायन किया जाता है। उक्त कलाकारों द्वारा फास्ट बीट के सिरमौरी गीतों पर बूढ़ा नृत्य भी किया जाता है। सदियों से क्षेत्र में केवल दीपावली अथवा बड़ी दिवाली तथा बूढ़ी दिवाली के दौरान ही बुड़ेछू नृत्य होता है तथा इसे बूढ़ा अथवा बुड़ियाचू नृत्य भी कहा जाता है। स्थानीय लोग बुड़ेछू दल के सदस्यों को नकद बक्शीश के अलावा घी के साथ खाए जाने वाले पारंपरिक व्यंजन भी परोसते हैं तथा इस परम्परा को ठिल्ला कहा जाता है। भैया दूज पर दामाद अपनी सास को उपहार देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। बहरहाल क्षेत्र में सदियों से इस तरह दीपावली मनाने की परंपरा कायम है। एक माह बाद आने वाली अमावस्या से ग्रेटर सिरमौर कईं गांव में सप्ताह भर चलने वाली बूढ़ी दिवाली मनाई जाती है तथा कुछ गांवों में इसे मशराली के नाम से भी मनाया जाता है। ग्रेटर सिरमौर अथवा गिरिपार में दीपावली के अलावा लोहड़ी, गूगा नवमी, ऋषि पंचमी व वैशाखी आदि त्यौहार भी शेष हिंदोस्तान से अलग अंदाज में मनाए जाते हैं।छोटी दीवाली पर संगड़ाह मे बसों में जुटी भारी भीड़
संगड़ाह। छोटी दीवाली अथवा क्षेत्र में मनाए जाने वाले चौदश उत्सव के अवसर पर उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में बसों में भारी भीड़ देखी गई। कई यात्रियों को बसों में भी खड़े होने की भी जगह नहीं मिली और ऐसी सूरत में कुछ लोगों को कईं गुना ज्यादा राशी खर्च कर निजी गाड़ी कर घर निकालना पड़ा। गौरतलब है कि, करीब 90 हजार की आबादी वाले विकास खंड संगड़ाह में एचआरटीसी की मात्र डेढ़ दर्जन बसें चलती है और प्राइवेट बस की संख्या भी इतनी ही है ऐसे में हर त्यौहार पर यहां बसों मे ओवरलोडिंग रहती है। दीपावली पर अतिरिक्त बसें न लगाने के लिए क्षेत्रवासियों ने परिवहन निगम व प्रशासन के प्रति नाराजगी जताई तथा अंतरराष्ट्रीय मेला रेणुकाजी के लिए अतिरिक्त बसें चलाने की मांग की।
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