Enumeration शुरू करवाने पंहुचे रेणुकाजी Dam के DGM को विस्थापितों ने बेरंग लौटाया

काश्तकारों को सरकारी Landless list में शामिल न किए जाने तक परियोजना के सभी रोकने का ऐलान किया

27 नवंबर 2021 को PM नरेन्द्र मोदी कर चुके हैं परियोजना का शिलान्यास 

SDM संगड़ाह ने व GM की मौजूदगी में हुई Meetings भी बेनतीजा रही 

संगड़ाह। रेणुकाजी बांध प्रबंधन द्वारा डूब क्षेत्र में करवाई जाने वाली पेड़ों की गणना का काम फिर शुरू करने के मुद्दे पर विस्थापित संघर्ष समिति से बात करने उपमंडल संगड़ाह के गांव सींऊ पंहुचे परियोजना के उप महाप्रबंधक सुनील कुमार को भी विस्थापितों के न मानने पर बेरंग लौटना पड़ा। समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला व संस्थापक प्रताप तोमर ने कहा कि, जब तक बांध प्रबंधन परियोजना की बदौलत भूमिहीन व गृहविहीन हो चुके दूसरों की जमीन अथवा Forest Land पर रहने वाले काश्तकारों को सरकारी Landless सुचि में नहीं डाल देता, वह Project का कोई भी काम नहीं होने देंगे। गुरुवार को परियोजना उपमहाप्रबंधक विस्थापित समिति से बातचीत के लिए सीऊं गांव पंहुचे थे। इससे पहले गत 14 अक्टूबर को जहां Mini Secretariat संगड़ाह में एसडीएम सुनील कायथ द्वारा रेणुका बांध विस्थापित संघर्ष समिति व परियोजना महाप्रबंधक के बीच जारी टकराव को समाप्त करने के लिए समझौता बैठक करवाई गई थी, वहीं 16 अक्टूबर को परियोजना महाप्रबंधक व संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के बीच बैठक हो चुकी है। 

इससे पहले गत 3 जनवरी को भी हांलांकि विस्थापित समिति द्वारा पेड़ों की गणना का काम रूकवाया गया था, मगर 29 सितंबर को परियोजना निदेशक, SDM, GM व स्थानीय MLA की मौजूदगी में डूब क्षेत्र के सबसे बड़े गांव सीऊं में हुई बैठक में मांग पूरी होने का आश्वासन मिलने के बाद फिर से काम शुरू हो गया था। संघर्ष समिति पदाधिकारियों के अनुसार बांध प्रबंधन द्वारा 29 को दिए गए आश्वासन के मुताबिक सप्ताह भर में भूमिहीनों का मुद्दा नहीं सुलझाया गया। इसके बाद 11 अक्टूबर को संघर्ष समिति द्वारा Police की मौजूदगी के बावजूद बांध प्रबंधन की टीम को 2 गांव में पेड़ों की गिनती जैसे कामों को रोका गया था। गौरतलब है कि, 1960 के दशक से Budget व राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में लटकी राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास 27 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है और केंद्र सरकार करीब 7,000 करोड़ के इस Project पर 90% Budget खर्च कर रही है। अब विडंबना यह भी है कि, करीब 1,000 करोड़ खर्च होने के बावजूद वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है। Governor of Himachal भी गत 2 मई को निर्माण स्थल का निरीक्षण कर HPPCL व Sirmaur District Administration को तय समय पर काम पूरा करवाने के निर्देश दे चुके हैं।


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