संगड़ाह। हिमाचल प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल चूड़धार में रविवार को आम दिनों से करीब 4 गुना ज्यादा श्रद्धालु अथवा यात्री पंहुचे। मंदिर परिसर में सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाली यात्री सरायं व शिमला के चौपाल के अंतर्गत आने वाले आश्रम व पुरानी सरांय को लगाकर केवल डेढ़ हजार के करीब लोगों के ठहरने की व्यवस्था होने व 7 हजार के करीब लोग पंहुचने से सैंकड़ों लोगों को लगभग 1200 फुट ऊंची चोटी पर खुले आसमान के नीचे कड़ाके की ठंड में रात बितानी पड़ी। चूड़धार के लिए नौहराधार से 7 Kilometre कच्ची सड़क तैयार होना यहां गत माह से विकेंड पर आम दिनों से कई गुना ज्यादा भीड़ जुटने का कारण समझा जा रहा है। अब यहां यात्रा पहले से आसान हो गई है और केवल 3 घंटे के करीब की पैदल यात्रा शेष रह गई है। ज्यादा चलने में अक्षम बुजुर्ग, दिव्यांग व मैदानी इलाकों के यात्री भी काफी संख्या में गत माह से पंहुच रहे हैं।
सिरमौर जिला के लोक निर्माण विभाग मंडल संगड़ाह के अंतर्गत 8.58 करोड़ ₹ की लागत से बनने वाले नौहराधार-चाबधार-चूड़धार मार्ग का शिलान्यास 5 मई 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा किया गया था और निर्धारित अवधि समाप्त होने के बावजूद 1 किलोमीटर निर्माण कार्य शेष है। चाबधार के ग्रामीणों ने इस सड़क की मांग को लेकर 7 से 10 अक्टूबर 2018 तक शिमला तक की 124 किलोमीटर की पदयात्रा की थी। ExEn PWD संगड़ाह राकेश खंडूजा ने कहा कि, यहां करीब 4 माह बर्फबारी से काम बंद रहने व जमीनी अड़चनों के चलते एक किलोमीटर काम लंबित है। उन्होंने कहा कि, जल्द सड़क को पक्का कर बस के लिए पास करवाने के प्रयास जारी है। शिरगुल महाराज देवता की जन्मस्थली राजगढ़ के शाया से भी आज पारम्परिक वाद्ययंत्रों के साथ श्रद्धालुओं का दल 40 KM की पदयात्रा के बाद चूड़धार पंहुचा। कल सोमवार को देवता वापिस शाया मंदिर पंहुच जाएंगे। इसके अलावा नौहराधार से भी देवता को लेकर श्रद्धालुओं का एक जत्था रवाना हुआ। रविवार बाद दोपहर अचानक हुई भारी बारिश से सैंकड़ों यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
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