उपमंडल संगड़ाह के बाईला मंदिर परिसर मे मिली पाषाण प्रतिमाएं




बाईला मंदिर परिसर मे खुदाई के दौरान मिली 9 पाषाण प्रतिमाएं

संगड़ाह। उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले गांव कायणूं के बाईला मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान ग्रामीणों को सैंकड़ों साल पुरानी प्रतीत होने वाली 9 पाषाण प्रतिमाएं मिली। बाईला मंदिर में पहले से मौजूद 10 प्रतिमाओं की निर्माण शैली से कुछ नई पाषाण मूर्तियां वखूबी मेल खाती दिखाई देती है। मंदिर परिसर में खुदाई के दौरान मूर्तियों के अलावा चार नई बांवड़िया भी मिली है, जिनमें से केवल एक मे पानी मौजूद है। हाल ही में मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए की गई खुदाई के दौरान मिली मूर्तियों को ग्रामीणों द्वारा फिलहाल यहां मौजूद स्नान कुंड परिसर में रखा गया है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार आगामी 25 मार्च को रामनवमी के दिन इन्हे मंदिर में स्थापित किया जाएगा। मूर्तियों को देखकर इनके सैंकड़ों साल पुरानी होने का अनुमान लगाया जा रहा है, हालांकि इस बारे पुरातत्व विभाग अथवा किसी विशेषज्ञ द्वारा अभी तक खोजबीन किया जाना शेष है। देवता मे आस्था रखने वाले गांव कायणू, कशलोग, लुधियाना दुबोली आदि के बुजुर्गों के अनुसार बाईला महाराज के कुंड मे केवल पुजारी ही स्नान कर सकता है। लोक कथा के अनुसार देवताओं की हिमालय यात्रा के दौरान बाईला देवता को इस गांव में विश्राम के दौरान नींद गई थी तथा काफिला आगे निकल जाने पर उन्होनें छह माह तक यहीं विश्राम किया था। उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले गांव कायणू की कुछ पाषाण प्रतिमाएं जहां अजंता-ऐलोरा की मूर्तियों से मेल खाती है, वहीं देवता की मुख्य प्रतिमा भगवान विष्णु से मेल खाती दिखाई देती है। ग्रामीणों के अनुसार अन्य डेढ़ दर्जन मूर्तियां बाईला देवता के साथ हिमालय की यात्रा पर गए देवी देवताओं की है। पुजारी रामानंद यहां नियमित पूजा-अर्चना करते हैं। संगड़ाह से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव का तीन किलोमीटर रास्ता पैदल होने के चलते यहां बहुत ज्यादा श्रद्धालु नहीं पंहुचते। फिलहाल इस मंदिर में मौजूद प्रतिमाओं की कार्बन डेटिंग अथवा आयू जानने के लिए वैज्ञानिक परिक्षण होना है। जिला भाषा अधिकारी सिरमौर अनिल हारटा ने इस बारे बात किए जाने पर बताया कि, वह एक-दो दिन में स्वयं मंदिर का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि, इस मंदिर की प्रतिमाओं के पंजीकरण अथवा आगामी शोध के लिए इनकी तस्वीरें वीडियो फुटेज पुरातत्व विभाग को भेजी जाएगी। बहरहाल बाईला मंदिर में मिली पाषाण प्रतिमाएं क्षेत्र में चर्चा में है तथा काफी लोग इन मूर्तियों के दर्शनों मे लिए पहुंच रहे हैं।

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