CPI (M) ने IGMC प्राचार्य को सौंपा ज्ञापन
हिमाचल सरकार व प्रशासन की उदासीनता को बताया कोरोना योद्धाओं का अनादर
शिमला। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी द्वारा IGMC प्राचार्य को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें Covid महामारी के दौरान सेवा देते हुए जान गंवाने वाले कोरोना योद्धाओं को मुआवज़ा देने की मांग की गई। MLA राकेश सिंघा व CPI(M) सचिवमंडल सदस्य डॉ. कुलदीप सिंह तँवर की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने गत 17 मई को स्टाफ नर्स द्रोपता डोगरा की मौत पर उनके परिजनों को मुआवज़ा देने की मांग की। मामले की जानकारी देते हुए विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि द्रोपता ने 17-22 अप्रैल तक आईजीएमसी में कोविड ड्यूटी दी जहां वह संक्रमित हो गई। इसकी पुष्टि 29 अप्रैल को उनके कोविड टेस्ट से हुई। 17 मई को द्रोपता कोरोना से जंग लड़ते हुए शहीद हो गई।
MLA राकेश सिंघा ने खेद जताते हुए कहा कि, एक महीना बीत जाने के बाद भी द्रोपता के परिजनों को सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी गई। सिंघा ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना संबंधी सरकार के निर्णय MoHFW (DO-No-Z 21020/16/2020&PH, Dated 30 March 2020) के नियमों के तहत द्रोपता के परिजनों को तुरंत मुआवज़ा दिया जाए। Com सिंघा ने कहा कि द्रोपता 2002 से सरकारी सेवा प्रदान कर रही थीं, इसलिए वह OPS (VIII) और NPS (VIII) के मापदंडों को पूरा करती थी इसलिए आईजीएमसी प्रशासन सुनिश्चित करे कि उनके बुज़ुर्ग माता-पिता को शीघ्र पेंशन मिले।
डॉ. कुलदीप सिंह तँवर ने आईजीएमसी प्राचार्य को अवगत करवाया की पिछले साल 17 सितम्बर को स्वास्थ्य खण्ड मशोबरा के तहत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नालदेहरा में कार्यरत मिडवाइफ सुषमा कुमारी की मौत भी कोरोना के कारण ही हुई थी, लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी सुषमा के परिजनों को सरकार की ओर से कोई मुआवज़ा नहीं दिया गया। डॉ. तँवर ने कहा कि, उस स्वास्थ्य केन्द्र में उनके अलावा केवल एक Doctor व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी कार्यरत थे जिसके कारण सुषमा पर काम का बोझ था। सुषमा कोविड से संक्रमित हुई और उनकी मौत हो गई। उन्होंने मांग की है कि, सरकार अपने वायदे के अनुसार सुषमा के परिजनों को भी मुआवज़ा प्रदान करे। सीपीआई (एम) ने उम्मीद जताई है कि, आईजीएमसी प्रबंधन दिवंगत द्रोपता डोगरा और सुषमा के परिवार के सदस्यों को विभिन्न कानूनों के तहत सभी प्रकार की राहत प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। अगर ऐसा न हुआ तो मान लेना चाहिए कि, जयराम सरकार कोरोना योद्धाओं की शहादत का आदर नहीं करता है। CPIM प्रदेश सचिव डॉ ओंकार शाद ने बताया कि, प्रतिनिधिमंडल मे प्रो. राजेन्द्र चौहान, सत्यवान पुण्डीर, बलबीर पराशर, पवन व अनिल आदि शामिल रहे।
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